Upendra Kushwaha Formed His New Party: बिहार की सत्ताधारी पार्टी जदयू की सियासत में पिछले काफी दिनों से जारी सियासी खींचतान का आखिर पटाक्षेप हो ही गया है. जनता दल (यूनाइटेड) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार की पार्टी से अलग होने का ऐलान करते हुए आज से नई राजनीतिक पारी की शुरुआत कर दी है. उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी अलग पार्टी बना ली है, जिसका नाम ‘राष्ट्रीय लोक जनता दल’ रखा है. कुशवाहा ने नई पार्टी का ऐलान करने हुए नीतीश कुमार को लेकर कहा कि बिहार के सीएम गलत रास्ते पर चल रहे हैं. मैं दो साल पहले जेडीयू में आया था. आज जेडीयू से अपना नाता तोड़ रहा हूं. आज से नई पारी की शुरुआत कर रहा हूं. कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू और नीतीश कुमार के लिए सबकुछ दांव पर लगाया. मैंने नीतीश से कहा था कि वह नेतृत्व अपने पास रखें. कुशवाहा ने कहा कि 2005 के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश विरासत को आगे बढ़ा रहे थे और उन्होंने अच्छे से शासन चलाया. बिहार में अमन शांति कायम हुआ, लेकिन उन्होंने आखिरी में बुरा कर दिया. अंत में अगर भला नहीं हुआ, तो सब बुरा.
आपको बता दें कि, इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में शनिवार-रविवार को अपने समर्थकों की बैठक बुलाई, जिसमें विभिन्न ज़िलों से जेडीयू के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए. दो दिन तक अपने समर्थकों के साथ गहन मंथन के बाद सोमवार को कुशवाहा ने अपनी नई पार्टी का एलान कर दिया. इस दौरान आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि, “नीतीश कुमार पार्टी को यहां तक लेकर आए, ये उन्होंने बहुत अच्छा किया. लेकिन इस सफर का अंत वह अच्छा नहीं कर रहे हैं. 2020 में जो विधानसभा का चुनाव हुआ था, उसके बाद हम उनके साथ आ गए थे. उस वक्त बिहार की जनता का जो आदेश नीतीश कुमार और हमें मिला था, उसे देखते हुए हम साथ आए. नीतीश कुमार ने हमें बुलाया और हम सब कुछ न्यौछावर करके आ गए.”
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अपनी नई पार्टी की घोषणा करते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि हमारी नई पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनता दल है. ये जनता दल की पूरी विरासत को समेट कर काम करने वाली पार्टी होगी. हम विधानपरिषद की सदस्यता से इस्तीफ़ा देने जा रहे हैं. जनता दल यूनाइटेड की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया है. जल्द विधानपरिषद के सभापति से मिलकर इस्तीफ़ा देंगे. हम ज़मीर बेचकर अमीर नहीं बन सकते. उपेंद्र कुशवाहा ने आगे कहा, “मुख्यमंत्री अपनी मनमर्जी नहीं कर रहे हैं, वे अब अपने आसपास के लोगों के सुझाव के अनुसार काम कर रहे हैं. वह आज अपने दम पर कार्रवाई करने में असमर्थ हैं, क्योंकि उन्होंने कभी उत्तराधिकारी बनाने का प्रयास नहीं किया. अगर नीतीश कुमार ने उत्तराधिकारी चुना होता, तो उन्हें एक के लिए पड़ोसियों की ओर देखने की जरूरत नहीं होती.” नीतीश कुमार ने शुरुआत में अच्छा किया, लेकिन अंत में जिस रास्ते पर उन्होंने चलना शुरू किया वह उनके और बिहार के लिए बुरा है.
कुशवाहा के जाने से कोई नुकसान नहीं: नीतीश
आपको बता दें कि बीते दिनों सीएम नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए थे. सीएम नीतीश कुमार ने कुशवाहा के बागी तेवर पर कहा था कि मैंने उपेंद्र कुशवाहा को राजनीति में आगे बढ़ाया, उन्हें विधायक बनाया. इसके बावजूद उन्होंने पार्टी को छोड़ दिया. लौटे तो फिर राज्यसभा में सांसद भी बनाया, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने फिर से पार्टी से नाता तोड़ लिया. अब तीसरी बार आए हैं तो. मुझे नहीं पता कि पिछले दो महीनों में क्या हुआ है. नीतीश कुमार ने कहा जिसे जहां जाना है चले जाए. इससे पार्टी का कुछ भी नुकसान नहीं होने वाला है.
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बीजेपी का नीतीश कुमार पर तंज
वहीं उपेंद्र कुशवाहा की बगावत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उनसे उनकी खुद की पार्टी संभाली नहीं जा रही और प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं. रविशंकर प्रसाद ने कहा, “बिहार तो संभाल नहीं रहा. वहां लोग परेशान हैं और पार्टी में भगदड़ मची हुई है और चले हैं देश को जोड़ने के लिए. वो ये बात नहीं समझते हैं कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगवाई में भारत दुनिया की बड़ी ताकत बन गया है.” रविशंकर प्रसाद ने कहा, “नीतीश बाबू आप तो ऐसे नहीं थे. देवगौड़ा बनना चाहते हैं? इंद्र गुजराल बनना चाहते हैं? उसमें 5 से 6 महीने से ज्यादा नहीं चलता है. प्रधानमंत्री का सपना लेकर लालू-तेजस्वी के चक्कर में नीतीश बाबू फंस गए हैं. उधर से भाव ही नहीं मिल रहा है. इस पर हम क्या बोलें?”