उत्तरप्रदेश के उन्नाव जिले की बांगरमऊ विधानसभा से विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता और उसका वकील रविवार को हुए एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए. हादसे में पीड़िता की मौसी, चाची और ड्राइवर की मौत हो गई जबकि पीड़िता गम्भीर रूप से घायल हो गई. हादसा उस समय हुआ जब पीडिता रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलकर परिवार के साथ कार में लौट रही थी.

उन्नाव रेप पीड़िता के साथ ये दुर्घटना जिस समय और जिन हालात में हुई है उसमें इस हादसे को पीड़िता की हत्या का प्रयास भी बताया जा रहा है. पीड़िता की कार जब रायबरेली के गुरबख्श गंज इलाके में पहुंची, तब सामने से आ रहे एक ट्रक ने जोरदार टक्कर मारी, जिससे कार के परखच्चे उड़ गए. पीड़िता और उसके परिवार को केस वापस लेने के लिए लगातार धमकियां मिल रही थीं. पीड़िता और वकील की हालत किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में गंभीर बनी हुई है. दोनों को रविवार को इस अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दोनों फिलहाल लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं. डाक्टरों का कहना है कि पीड़िता की कई हड्डियां टूट गई हैं.

एक जो अंदेशा सबसे बड़ा है वह यह कि पीड़ित परिवार को शासन की तरफ़ से 9 पुलिसकर्मियों की सुरक्षा दी गई है लेकिन हादसे के दौरान उनके साथ एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं था. इस पर लखनऊ के एडीजी राजीव कृष्णा का कहना है कि पीड़ित परिवार ने सुरक्षाकर्मियों को खुद ही साथ आने से मना कर दिया था.

डीजीपी ने कहा कि पीड़ित परिवार को सुरक्षा के लिए 10 पुलिसकर्मी दिए गए थे. जिसमें 7 गॉर्ड घर में तैयार किए गए थे और तीन गार्ड 24 घंटे इनके साथ रखे गए थे जिसमें 2 महिला और 1 पुरुष गार्ड है. डीजीपी ने सुरक्षा में कमी की बात को नकारते हुए कहा कि कल पीड़ित परिवार की ओर कहा गया कि घर में रहें क्योंकि उनको रास्ते में किसी और को भी लेना है इसलिए में सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि परिवार की ओर से हत्या की कोशिश की बात कही जा रही है अगर पीड़ित परिवार सीबीआई जांच की मांग करेगा तो हम तैयार हैं. हमने चश्मदीदों के बयान लिए हैं और ऐसा लग रहा है कि ट्रक की स्पीड बहुत ज्यादा थी.

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पीड़िता के साथ रेप की घटना उन्नाव की है. आरोप है कि 2017 में 16 वर्षीय पीड़िता नौकरी के लिए भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के घर गई थी, तब उसके साथ दुष्कर्म किया गया था. इसके एक साल बाद अप्रैल 2018 में पीड़िता ने लखनऊ में मुख्यमंत्री निवास के सामने प्रदर्शन किया था और योगी आदित्यनाथ के घर के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था, जिससे यह मामला देशभर में चर्चा में आ गया.

उत्तरप्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि जांच के मुताबिक यह पूरी तरह ट्रक के कारण हुई दुर्घटना थी. ट्रक ड्राइवर और मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनसे पूछताछ जारी है. मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी. फिर भी अगर पीड़ित परिवार सीबीआई जांच की मांग करेगा तो मामला सीबीआई को सौंपा जा सकता है. ट्रक को जब्त कर उसके चालक और मालिक को गिरफ्तार किया जा चुका है. ट्रक और कार की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी.

बता दें, जब पीड़िता के पिता अपने बेटी को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब बताया जाता है कि कुलदीप सेंगर के भाई ने उनके साथ मारपीट की थी, जिससे उनकी मौत हो गई. सेंगर के भाई के खिलाफ पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर दो दिन हिरासत में भी रखा था. इस घटनाक्रम से आहत और पुलिस की निष्क्रियता से निराश पीड़िता मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह करने पहुंच गई थी. बाद में कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ मामला दर्ज हुआ. वह रेप के मामले में मुख्य आरोपी हैं और फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं.

हादसे के बाद लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्ण ने कहा कि पीड़िता गंभीर रूप से घायल है. सिर में चोट आई है. कई हड्डियां टूट गई हैं. पीड़िता के परिवार से इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा गया है. जिस ट्रक से कार की टक्कर हुई, उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. ट्रक की नंबर प्लेट पर काला रंग पोत दिया गया था.

राजीव कृष्ण ने यह भी बताया कि हादसे के समय बारिश हो रही थी. कार में जगह कम होने से सुरक्षा कर्मी साथ में नहीं था. पीड़िता ने ही सुरक्षा कर्मी को साथ आने से रोक दिया था. इसकी भी जांच की जाएगी. कार में पीड़िता के साथ उसकी चाची, मौसी और वकील थे. पीड़िता और उसके परिवार को विधायक के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा था. धमकियों के कारण पीड़िता दिल्ली में रह रही थी. 20 जुलाई को वह सीबीआई को बयान देने के लिए गांव पहुंची थी. रविवार को रायबरेली जेल में बंद चाचा से मिलने के बाद वह दिल्ली लौटने वाली थी.

दुष्कर्म मामले के मुख्य आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस में शामिल होकर की थी. वह 2002 में कांग्रेस के टिकट पर उन्नाव से विधायक बने थे. 2007 में उन्होंने बसपा के टिकट पर बांगरमऊ से चुनाव जीता. बाद में वह बसपा छोड़कर सपा में चले गए और 2012 में भगवंत नगर सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते. इसके बाद राजनीतिक माहौल देखते हुए वह सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. 2017 के विधानसभा चुनाव में कुलदीप सेंगर ने बांगरमऊ से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और चौथी बार विधायक बने.

कुलदीप सेंगर ने 2007 में चुनावी घोषणा पत्र में अपनी संपत्ति 36 लाख रुपए बताई थी. 2012 में उन्होंने एक करोड़ 27 लाख रुपए की संपत्ति बताई. 2017 में सेंगर की संपत्ति दो करोड़ 14 लाख रुपए तक पहुंच गई थी. वह फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं.

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