हाड़ौती में दिखा 2023 का ‘ट्रेलर’, मैडम राजे को जन्मदिन की बधाई देने उमड़ा कार्यकर्ताओं का सैलाब

जन्मदिन पर दिखा मैडम राजे का जलवा, हाड़ौती से उठी राजे-राजे की गूंज सुनाई दी जयपुर से लेकर दिल्ली के सियासी गलियारों तक, बूंदी के केशवराय मंदिर में की पूजा अर्चना, मैडम राजे को बधाई देने के लिए उमड़ा कार्यकर्ताओं का सैलाब, मैडम राजे ने कार्यकर्ताओं का जताया आभार

'...अब हमारी पारी - 2023 की बारी..!!'
'...अब हमारी पारी - 2023 की बारी..!!'

Politalks.News/Rajasthan. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के जन्मदिन पर आज हाड़ौती (Hadoti) में राजे-राजे की गूंज सुनाई दी. अपना जन्मदिन मनाने के लिए आज मैडम राजे बूंदी के केशोरायपाटन पहुंची थीं, जहां सबसे पहले मैडम राजे ने केशव राय भगवान मंदिर (Keshav Rai Bhagwan Temple) में शीश नवाया. बता दें, केशवराय भगवान के पट बंद होने से महज एक मिनट पहले यहां पहुंचीं मैडम राजे ने शुभ मुहूर्त में यहां भगवान के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की. यही नहीं इस दौरान पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने मंदिर में हवन भी किया जिसमें 101 पंडितों ने महाजप किया. पूजा-पाठ करते हुए मैडम राजे ने प्रदेश में अमन-चैन और खुशहाली की कामना की. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री राजे को बधाई देने के लिए हजारों कार्यकर्ताओं सैलाब उमड़ पड़ा, प्रदेश भर से हर कोई मैडम राजे को विश करने के लिए केशोरायपाटन पहुंचा. कार्यकर्ताओं के हुजूम को लेकर जयपुर से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं हो रही हैं. जन्मदिन की बधाई देने उमड़ी भीड़ के आंकलन पर चर्चाओं का दौर जारी है. मैडम राजे के खास सिपहसालर अशोक परनामी (Ashok Parnami) की मानें तो बधाई देने के लिए डेढ़ लाख से ज्यादा कार्यकर्ता केशवरायपाटन पहुंचे थे. आज के आयोजन पर सियासी जानकार ने टिप्पणी की है कि, ‘बिना किसी निमंत्रण के इतना हुजूम उमड़ना, यही मैडम राजे का जलवा दर्शाता है’.

पिछले जन्मदिन पर गिरिराज महाराज की शरण में थी आज केशव राज जी के चरणों में- मैडम राजे
मंदिर में शीश नवाने के बाद पूर्व सीएम मैडम राजे कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचीं. यहां हजारों कार्यकर्ताओं के बीच मैडम राजे का स्वागत किया गया. मैडम राजे ने अपने संबोधन की शुरुआत भगवान केशव राय जी, भगवान राजराजेश्वर जी, हनुमान जी, जैन धर्म के 20 वें तीर्थंकर भगवान मुनि सुव्रत नाथ जी और माँ चर्मण्यवती के चरणों में प्रणाम कर की. मैडम राजे ने कहा कि, ‘यह मेरा सौभाग्य है कि पिछले जन्म दिवस पर भी गिरिराज महाराज की शरण में थी आज केशव राय जी के चरणों में हूं. मेरे जन्म दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों ने जो प्यार और आशीर्वाद दिया, उसके लिए हृदय से आभारी हूं’.

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‘राजमाता ने मुझे धर्म नीति के रास्ते पर डटे रहने की सीख दी’

पूर्व मुख्यमंत्री मैडम राजे ने कहा कि, ’33 सालों में हाड़ौती वासियों ने जो प्यार और आशीर्वाद दिया, वह मेरे लिए अनमोल है. इस कार्यक्रम के लिए आप सबको धन्यवाद, आप सबने मिल कर इसका आयोजन किया और मुझे भी आप सब की वजह से मेरे जन्मदिन पर सर्व प्रथम भगवान केशव राय जी के दर्शन का अवसर मिला’. मैडम राजे ने कहा कि, ‘आज राजमाता साहब की याद आ रही है, जिन्होंने मुझे धर्म नीति के रास्ते पर डटे रहने की सीख दी थी. उन्होंने मुझे यह भी सिखाया कि जो ईश्वर पर भरोसा रखते हुए न्याय और राज धर्म के मार्ग पर लगातार चलते हैं, निसंदेह विजय उन्ही की होती है, कई बार राज धर्म की नीति पर चलने वाले व्यक्तियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. भगवान परीक्षा लेता है, पर धर्म पर अडिग रहने वाले को अच्छे अंकों से पास भी करता है’.

‘मजबूती से खड़ा राजस्थान ही मेरा सपना’

अपने सम्बोधन में पूर्व सीएम मैडम राजे ने आगे कहा कि, ‘सबका कल्याण, शांति, सदभाव, सम्पन्नता से प्राप्त खुशहाली के साथ अपने पांव पर मज़बूती से खड़ा राजस्थान हो यही मेरा सपना है, मेरी ऊर्जा है, मेरी प्रेरणा है, मांगता हुआ और मजबूर राजस्थान नहीं, बल्कि देश और समाज को देता हुआ मजबूत राजस्थान बनाना ही मेरा संकल्प है’.

‘…अब हमारी पारी – 2023 की बारी..!!’
मैडम राजे ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि, ‘आप देख लीजिए 2003 में प्रदेश में ऐतिहासिक 120 अंक, फिर 2013 में भी अभूतपूर्व 163 अंक और अब 2023 में भाजपा पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ेगी’. मैडम राजे ने कहा कि, ‘3 का अंक हम सब के लिए, भाजपा के लिए शुभ है, सबसे पहले 2003 फिर 2013 और अब हमारी पारी- 2023 की बारी..!!’

’36 की 36 कौमों को कलेजे से लगाया’

मैडम राजे ने भविष्य की ओर इशारा करते हुए कहा कि, ‘इन सबके लिए यह ज़रूरी है कि हम जाति और मजहब के बीच बंटे नहीं, एक बन कर रहें. तभी राजस्थान आगे बढ़ सकता है, इसलिए मैं बार-बार आप सबको यानी 36 की 36 कौमों को कलेजे से लगा कर चलने में विश्वास करती हूं. यही आपके चहुमुखी विकास का रास्ता है. इस पर विश्वास हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी करते हैं. इसीलिए उन्होंने नारा दिया है सब का साथ,सबका विकास और सबका विश्वास. इसीलिए मैं हमेशा 36 की 36 कोमों को कलेजे से लगा कर,उन्हें साथ लेकर चलने में विश्वास की बात कही‘.

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राजमाता ने जनसंघ के दीपक में राष्ट्रवाद की विचारधारा का डाला था घी’

इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपनी माता जी विजयाराजे सिंधिया को याद करते हुए कहा कि, ‘राजमाता साहब ने धर्म नीति आधारित राजनीति को आधार मान कर डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी, प्रोफ़ेसर बलराज मधोक, पं.दीन दयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर जन संघ के दीपक में जो राष्ट्रवाद की विचारधारा का घी डाला था, उससे आज पूरा राष्ट्र प्रकाशमान हो रहा है’. मैडम राजे ने कहा कि, ‘6 अप्रैल, 1980 का दिन आया, इस दिन राजमाता साहब, अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और भैंरों सिंह जी शेखावत ने भाजपा की स्थापना की. जिसे आगे बढ़ाने का काम हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हमारे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा जी ने किया और आज उसका परिणाम यह हुआ कि भाजपा दुनिया का सब से बड़ा राजनीतिक दल बन गया’.

‘जुल्मों के सामने झुकीं नहीं राजमाता, मैं उन्ही की हूं बेटी’

मैडम राजे ने कहा कि, ‘इस दौरान इन सब के साथ राजमाता साहब ने कई चुनौतियों का सामना किया. उन पर कई संकट आए, उन्हें जेल भी भेजा. कांग्रेस ने उन पर जुल्म पर जुल्म किये, लेकिन उन्होंने अपने सिद्धांत और विचारधारा नहीं छोड़ी. उन्होंने उन विकट परिस्थितियों में महिला होते हुए भी न तो हार मानी और न ही झुकना मंज़ूर किया’. मैडम राजे ने कहा कि, ‘मैं उन्हीं राजमाता विजय राजे सिंधिया की बेटी हूं. जो उन्हीं के पद चिन्हों पर चलने का प्रयास कर रही हूं. मेरे राजनीतिक सफ़र में कई उतार चढ़ाव कई मुश्किलें, कई स्पीड ब्रेकर आए लेकिन मैं चट्टान की तरह डटी रही, राजनीति सिर्फ़ दो दिन में नहीं होती, जीवन खपाना पड़ता है, लोगों का दिल जीतना पड़ता है’.

‘राजनीति में खपाना पड़ता है जीवन, लोगों का जीतना पड़ता है दिल’

मैडम राजे ने कहा कि, ‘1979 में मुझे पार्टी की युवा शाखा का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया. तब मुझे पता नहीं था कि राजनीति में इतना तपना पड़ता है. ये सिर्फ़ दो दिन में नहीं होता, पूरा जीवन खपाना पड़ता है. लोगों का दिल जीतना पड़ता है. राजनीति में सिर्फ़ दिमाग़ से ही नहीं दिल से काम करना पड़ता है तब ही जाकर मज़बूत और प्रेम के रिश्ते बनते हैं’.

मुसाफिर थे मंजिल की ओर बढ़ते रहे….’

मैडम राजे ने अपने संबोधन के अंत में जन्मदिन की बधाई देने आए कार्यकर्ताओं के लिए एक शेर पढ़ा जो आज प्रदेश की सियासत में चर्चा का विषय बना हुआ है. मैडम राजे ने कहा कि, ‘मुसाफ़िर थे मंज़िल की ओर बढ़ते रहे, हमें रोज़ चलना था चलते रहे, आपका फूल सा हाथ मेरे माथे पर था, मेरे पांव कांटों पे चलते रहे..!!

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सिपहसालार परनामी समेत दिग्गजों ने संभाली कमान

मैडम राजे के जन्मदिन के इस आयोजन की कमान उनके खास सिपहसालार पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने संभाल रखी थी वहीं साथ में पूर्व मंत्री यूनुस खान, सांसद रामचंद्र बोहरा, सांसद मनोज राजौरिया, विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, विधायक चंद्राकांता मेघवाल, पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, पूर्व विधायक ममता शर्मा भी डटीं रहीं.

वहीं विधायकों में केशोरायपाटन एमएलए चंद्रकांता मेघवाल, लाडपुरा से कल्पना देवी, खानपुर से नरेंद्र नागर, डग से कालूलाल मेघवाल, मनोहरथाना से गोविंद रानीपुरिया, छबड़ा से प्रतापसिंह सिंघवी, बत्तीलाल मीणा, मंगलाराम कोली, धर्मेंद्र मोची, सांगानेर अशोक लाहोटी, अलवर शहर संजय शर्मा, संगरिया गुरदीप साहनी, आसींद रामलाल, फुलेरा निर्मल कुमावत, मारवाड़ जंक्शन निर्दलीय एमएलए खुशवीर सिंह, ओम प्रकाश हुड़ला, सुरेश टांक, सिरोही एमएलए समाराम शामिल हैं.

शाम को दीपदान करेंगी मैडम राजे

आपको बता दें, जन्मदिन के मौके पर आज पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शाम को 500 फीट लंबी चुनरी चंबल को चढ़ाएंगी और सैकड़ों महिलाओं के साथ एक जैसी पोशाक में चंबल नदी में दीपदान करेंगी. उसके बाद मैडम राजे रात के समय जैन मंदिर कैंपस में विश्राम करेंगी. अगले दिन बुधवार को वे सुबह पांच बजे भगवान केशवरायजी के दर्शन कर मंगला आरती करेंगी.

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