Politalks.News/Karnataka. देश में सोशल मीडिया वार चरम पर है. सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने की चाह में कभी कभी कर दिए जाते हैं ऐसे ट्वीट जो सियासत को गरमा देते हैं. कर्नाटक कांग्रेस ने मंगलवार को अपने उस ट्वीट के हटा दिया जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंगूठा-छाप और अनपढ़ बताया था. इस ट्वीट के लिए कांग्रेस ने खेद भी व्यक्त किया. कर्नाटक कांग्रेस के चीफ डीके शिवकुमार ने कहा कि, ‘कर्नाटक कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से नौसिखिए सोशल मीडिया मैनेजर की ओर से किया गया एक असभ्य ट्वीट खेदजनक है और वापस ले लिया गया है’. अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या लेकिन केवल खेद जता देना इस मामले को खत्म करने के लिए काफी है? भाजपा भी इसको लेकर हमलावर है. भाजपा की ओर से कहा गया कि, ‘केवल कांग्रेस ही इतना नीचे गिर सकती है’.
देश अंगूठा छाप मोदी के कारण भुगत रहा- कर्नाटक कांग्रेस
कर्नाटक कांग्रेस ने कन्नड़ में किए अपने ट्वीट में कहा था कि, ‘कांग्रेस ने स्कूल बनाए लेकिन मोदी कभी पढ़ने नहीं गए. कांग्रेस ने वयस्कों को भी पढ़ाने के लिए कई योजनाएं बनाईं, लेकिन प्रधानमंत्री ने यहां भी कुछ नहीं सीखा. जिन लोगों ने भिक्षावृति पर प्रतिबंध के बावजूद भीख मांगना चुना, वे आज आम लोगों को भीख मांगने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. देश अंगूठाछाप मोदी के कारण भुगत रहा है‘.
भाजपा हमलावर- केवल कांग्रेस ही इतना गिर सकती है
कर्नाटक कांग्रेस पार्टी के इस ट्वीट को लेकर भाजपा की प्रवक्ता मालविका अविनाश ने कहा है कि, ‘केवल कांग्रेस ही इतना नीचे गिर सकती है. ऐसी टिप्पणी जवाब देने लायक भी नहीं है’.
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कर्नाटक कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार ने जताया खेद
इस ट्वीट को लेकर अब कांग्रेस में भी हलचल शुरू हो गई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सोशल मीडिया टीम को इस ट्वीट को हटाने का आदेश दिया. इसके साथ ही उन्होंने इस ट्वीट को करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की बात भी कही है. शिवकुमार ने कहा कि, ‘इस तरह की भाषा बर्दाश्त नहीं की जा सकती. इतना ही नहीं, डीके शिवकुमार ने इसके बाद ट्विटर पर माफी भी मांगी और बताया कि ये ‘नौसिखिए’ की गलती थी. डीके ने ट्वीट में लिखा कि, ‘मेरा हमेशा से मानना है कि राजनीतिक चर्चा में नागरिक और संसदीय भाषा होना जरूरी है. कर्नाटक कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल के जरिए एक नौसिखिए सोशल मीडिया मैनेजर की ओर से किया गया असभ्य ट्वीट खेदजनक है और उसे हटा लिया गया है’.
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दो सीटों पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव
कर्नाटक में सिंदगी और हंगल विधानसभा क्षेत्रों के लिए 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने हैं. जनता दल सेक्युलर और भाजपा के विधायकों के निधन के बाद ये सीटें खाली हुई थीं. सत्तारूढ़ भाजपा के लिए बहुत कुछ दांव पर है क्योंकि बसवराज बोम्मई के बाद बीएस येदियुरप्पा की जगह मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला वोट है. हंगल नए मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र शिगगांव के ठीक बगल में है. कांग्रेस को उम्मीद है कि 2023 में होने वाले राज्य चुनावों से पहले दोनों सीटों पर जीत से पार्टी मजबूत होगी.