‘समर्पण निधि’ का टारगेट पूरा करने के लिए BJP ने काटी गणेश जी की पहली रसीद तो कांग्रेस ने कसा तंज

भाजपा फिर भगवान की शरण में! मध्यप्रदेश के इंदौर ग्रामीण इकाई ने समर्पण निधि अभियान के तहत काटी खजराना गणेश जी की पहली रसीद, कांग्रेस ने जताई आपत्ति, तंज कसते हुए कहा- भाजपा चल रही है चंदे पर, जबकि इनकी पार्टी के हैं बड़े-बड़े वातानुकूलित कार्यालय' सोशल मीडिया पर लोग कह रहे- फिर भगवान का ही है इनको सहारा

टारगेट पूरा करने के लिए BJP ने काटी गणेश जी की पहली रसीद
टारगेट पूरा करने के लिए BJP ने काटी गणेश जी की पहली रसीद

Politalks.News/MadhyaPradesh. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों ही दल एक बार फिर भगवान के सहारे चले गए हैं. कांग्रेस भगवान भोले की शरण में हैं तो वहीं बीजेपी प्रथम पूज्य भगवान गणेश (Ganesh JI) के दर पर है. लेकिन भाजपा ने तो दो कदम आगे जाकर भगवान गणेश के नाम की रसीद काट दी है. दरअसल, समर्पण निधि का टारगेट पूरा करने निकले बीजेपी नेताओं ने पहली रसीद ही गणपति बप्पा के नाम की काट दी. इस पर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि, ‘भाजपा को नाम बदलकर ‘भारतीय चंदा पार्टी रख लेना चाहिए‘. वहीं दूसरी ओर भाजपाईयों ने सफाई देते हुए कहा कि, ‘हमारी संस्कृति में किसी भी बड़े काम की शुरुआत गणेश जी को ढोक लगाकर की जाती है‘. सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.

समर्पण निधि अभियान की शुरुआत में काट दी भगवान गणेश की रसीद
दरअसल मध्यप्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी शुरू कर दी है. दोनों की दल भगवान के सहारे हैं. यही वजह है कि कांग्रेस पार्थिव शिवलिंग और रुद्राभिषेक के जरिए जनता तक पहुंच बना रही है तो वहीं बीजेपी ने भी प्रथम पूज्य गणेश का सहारा लिया है. इंदौर में भाजपा का समर्पण निधि संग्रह अभियान शुरू हुआ. प्रदेश की संस्कृति और पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर और जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर ने विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर पहुंचकर अभियान की शुरूआत की. लेकिन उन्होंने तो सबसे पहले भगवान गणेश की ही रसीद काट दी.

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इंदौर में पार्टी को मिला है 15 करोड़ का टारगेट

मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी पिछले तीन साल से समर्पण निधि का टारगेट पूरा नहीं कर पाई है. इसलिए पार्टी नेताओं पर काफी दबाव है. इस बार का लक्ष्य और बड़ा है. इस बार पार्टी नेताओं को डेढ़ सौ करोड़ रुपये एकत्रित करना है और इ्सके लिए डेढ़ महीने का ही समय है. इंदौर को भी सबसे ज्यादा 15 करोड़ का टारगेट दिया गया है. इसमें 10 करोड़ नगर भाजपा और 5 करोड़ रुपए की राशि भाजपा ग्रामीण को एकत्रित करनी है. यही वजह कि इतने बड़े टारगेट को पूरा करने के लिए बीजेपी के नेता भगवान का नाम ले रहे हैं.

हर शुभ काम की शुरुआत होती है गणेश के पूजन से- राजेश

भाजपा नेता राजेश सोनकर का कहना है कि, ‘हिंदू धर्म में हर शुभ काम की शुरूआत भगवान गणेश के पूजन से ही होती है. इसलिए हम लोगों ने 15 करोड़ की राशि जुटाने के लिए भगवान गणेश से शुरूआत की है’. वहीं उषा ठाकुर बोलीं कि, ‘हम लोग सिर्फ टारगेट हासिल करने के लिए भगवान की शरण में नहीं पहुंचे हैं. बल्कि हम तो यही कहेंगे कि जिसे अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि चाहिए,उसे हर क्षण प्रभु की शरण में ही रहना चाहिए

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कांग्रेस का तंज- भाजपा को नाम बदलकर रख लेना चाहिए ‘भारतीय चंदा पार्टी’

भगवान गणेश के नाम से पर्ची काटने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है. प्रदेश प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा कि, ‘बीजेपी को अपना नाम बदलकर भारतीय चंदा पार्टी रख लेना चाहिए. चंदा लेने के मामले में उन्होने भगवान गणेश को भी नहीं छोड़ा. उनकी भी रसीद काट दी. भारतीय जनता पार्टी कभी राम मंदिर के नाम पर चंदा,कभी कोरोना के नाम पर, कभी पीएम केयर फंड के नाम पर चंदा वसूल करती है. इस चंदे के हिसाब किताब का कोई पता नहीं रहता है. कुल मिलाकर जनता को भ्रमित करने के लिए बीजेपी समर्पण निधि एकत्रित कर ये दिखाना चाहती है कि उनकी पार्टी चंदे पर चल रही है. जबकि इनकी पार्टी के बड़े बड़े वातानुकूलित कार्यालय हैं. बड़ी बड़ी गाड़ियों में इनके मंत्री चल रहे हैं और नए नए हवाई जहाज खरीद रहे हैं. ऐसे में इन्हें चंदा की तो जरूरत ही नहीं हैं’.

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