पॉलिटॉक्स ब्यूरो. पश्चिम बंगाल की फिल्म स्टार नुसरत जहां (Nusrat Jahan) करीब दस सालों से लगातार चर्चा में हैं. इस बार वह राजनीतिक कारणों से चर्चा में आ गई हैं. इससे पहले वह अपनी फिल्मों और विवादित पुरुष मित्रों के कारण चर्चा में बनी रहती थीं. नुसरत जहां ने अच्छे-बुरे सभी विवादों के बीच अपनी प्रतिष्ठा बना रखी है और अपने खिलाफ होने वाले तमाम वैचारिक हमलों का जवाब भी दे रही हैं. इस बार तमाम मुसलमान मौलवी उनके पीछे पड़े हुए हैं.
नुसरत जहां कोलकाता के एक प्रतिष्ठित मुस्लिम परिवार की बेटी हैं. कोलकाता के अवर लेडी क्वीन ऑफ मिशंस स्कूल और भवानीपुर कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की है. शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह सुंदर होने के कॉरण मॉडलिंग के क्षेत्र में आ गई थीं. उन्हें पहली बार 2010 में फेयर-वन मिस कोलकाता सौंदर्य प्रतियोगिता में पहले स्थान पर आने के बाद लोकप्रियता मिली थी. इसके बाद उन्होंने पीछे नहीं देखा और वह फिल्मों में अभिनय करते हुए आगे बढ़ती रही और टॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्रियों मे उसने स्थान बना लिया. आज कोलकाता में नुसरत जहां एक जाना-माना नाम है और बड़ी संख्या में लोग उनके दीवाने हैं.
नुसरत जहां को 2011 में पहली बार फिल्म निदेशक राज चक्रवर्ती ने हीरोइन के रूप में अभिनय करने का अवसर दिया था. पहली फिल्म हिट होने के बाद वह बंगाली फिल्मों की सुपरस्टार बन चुकी थी. उन्हें लगातार फिल्में मिलने लगीं. 2013 में उनकी दो फिल्में प्रदर्शित हुई. इसके बाद 2014 में उनकी तीन, 2015 में दो, 2016 में पांच, 2017 में तीन, 2018 में तीन फिल्में प्रदर्शित हुईं थी. 2019 में उनकी एक फिल्म प्रदर्शित होने वाली है. उनकी एक फिल्म का प्रदर्शन 2020 में होगा. इस तरह आने वाले वर्षों में भी उनकी फिल्मों के प्रदर्शन का सिलसिला जारी रहने वाला है.
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2019 में ही नुसरत जहां (Nusrat Jahan) तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुईं और 12 मार्च को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने उन्हें बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र से अपनी पार्टी की उम्मीदवार घोषित कर दिया था. लोकसभ चुनाव में उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार सायंतनु बसु 3.50 लाख वोटों से पराजित करते हुए राजनीति में अपना मुकाम बना लिया. इस तरह इस साल नुसरत जहां ने अपना राजनीतिक सफर शुरू कर दिया है. राजनीति में प्रवेश करते ही वह लोकसभा सांसद बन गई हैं.
नुसरत जहां ने कोलकाता के व्यवसायी जैन परिवार के युवक निखिल जैन से प्रेम विवाह किया था. हंगामे से बचने के लिए दोनों के विवाह का आयोजन इस वर्ष जून में तुर्की में किया गया था. इसके बाद से वह सामाजिक कार्यक्रमों में हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करती हैं. हाल ही वह दुर्गापूजा के कार्यक्रमों में धूमधाम से भारतीय वेशभूषा में शामिल हुई थीं और उन्होंने अपने पति निखिल के साथ सिंदूर खेला में भी भाग लिया था. इससे तमाम मौलवी नुसरत जहां से भड़के हुए हैं. नुसरत जहां के खिलाफ मौलवियों की बयानबाजी का सिलसिला जारी है.
दारूल उलूम नामक संस्था ने नुसरत जहां के खिलाफ फतवा जारी कर दिया है. उनका आरोप है कि नुसरत जहां (Nusrat Jahan) ने एक हिंदू से शादी की और उसके हाथों से चूड़ियां पहनीं, जो कि इस्लाम के खिलाफ है. दारूल उलूम मुसलमानों की प्रतिष्ठित संस्था है तो मौलवियों को प्रशिक्षण देती है. इस संस्था से प्रशिक्षित मौलवी दुनिया भर में इस्लाम का प्रचार करते हैं. इस संस्था के खिलाफ नुसरत जहां ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि वह समग्र भारत में विश्वास करती हैं और नफरत फैलाने वाले कट्टर पंथियों की बातों की उन्हें कोई परवाह नहीं है.
नुसरत को राजनीतिक समर्थन भी मिल रहा है. उनकी सहेली मिमि चक्रवर्ती उनके साथ हैं. मिमि चक्रवर्ती बंगाली फिल्म जगत में एक जाना माना नाम है. उनकी पहली फिल्म ही सुपरहिट होने के बाद वह भी लोकप्रियता के शिखर पर हैं और लोकसभा चुनाव में जादवपुर लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस की सांसद चुनी गई हैं. इस समय संसद में नुसरत जहां (Nusrat Jahan) और मिमि चक्रवर्ती दोनों आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मौलवी कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं और नुसरत को भी जैसी चाहे, वैसा करने की स्वतंत्रता है. नुसरत जहां ने इस देश का कोई भी कानून नहीं तोड़ा है.
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मौलवियों पर पलटवार करते हुए सवाल किया कि क्या इस्लाम में किसी को फिल्मों में काम करने की छूट है? उन्होंने कहा, मुझे इन लोगों की बातों पर रोना आता है. क्या ये लोग खुद को खुदा समझते हैं? वे तो सिर्फ दूसरों के प्रतिक्रिया लेने के लिए फतवे जारी करते रहते हैं. खुद नुसरत ने कहा, मैं एक मुसलमान हूं और किसी को यह नहीं बताना चाहिए कि मुझे क्या पहनना चाहिए.
इससे पहले भी नुसरत विवादों में रह चुकी हैं. उनके पूर्व पुरुष मित्र कादर खान को सितंबर 2016 में कोलकाता के एक बहुचर्चित गैंगरेप मामले में गिरफ्तार किया गया था. यह गैंगरेप मशहूर पार्क स्ट्रीट पर हुआ था. उस समय नुसरत जहां कादर खान से शादी करने वाली थी, लेकिन वह फरार हो गया था. चार साल बाद पुलिस ने उसे नोएडा से गिरफ्तार किया था. 2012 में उस पर पांच लोगों के साथ बंदूक दिखाकर एक एंग्लो इंडियन महिला सुजेत जॉर्डन के साथ रेप का आरोप लगा था. कादर के अलावा बाकी सभी आरोपी कुछ दिनों में गिरफ्तार कर लिए गए थे. कादर को 2016 को गिरफ्तार किया गया था.
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कादर खान पर रेप के आरोप लगने के बाद नुसरत पर अपराधी को शरण देने के आरोप में गिरफ्तार करने की मांग उठी थी. नुसरत लगातार उससे किसी भी तरह के संबंध होने से इनकार करती रही. कादर की तलाश में कोलकाता पुलिस ने जब मुंबई के एक होटल पर छापा मारा था, तब पता चला कि नुसरत (Nusrat Jahan) ने कादर के साथ ठहरने के लिए कमरा बुक करवाया था. तब इस तरह की खबरें भी आई थी कि कादर के लिए मुंबई से पटना तक के हवाई टिकट की व्यवस्था भी नुसरत ने ही की थी. लेकिन पुलिस ने नुसरत को इस मामले में गवाह भी नहीं बनाया. मीडिया में उछल रहे आरोपों के बाद उन्होंने स्वीकार किया था कि वह कादर खान से प्यार करती थी.
नुसरत जहां ने हाल ही दुर्गा पूजा के दौरान अपने पति निखिल के साथ जमकर डांस भी किया था, जिसका वीडियो खूब वायरल हुआ. इससे पहले भी नुसरत जहां गणेश चतुर्थी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जैसे धार्मिक आयोजनों में सार्वजनिक तौर पर भाग ले चुकी हैं. निखिल जैन के साथ तुर्की में हुई उनकी शादी भी चर्चा का विषय रही थी. उनकी शादी भी हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी. हालांकि वह निखिल से शादी करने से पहले करीब साल भर से उनके साथ रह रही थी. तुर्की में निखिल से हुई उनकी शादी के कार्यक्रम में उनकी सहपाठी और सहेली मिमी चक्रवर्ती भी गई थी. भारत लौटने पर तृणमूल कांग्रेस ने दोनों को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दे दिया था. नुसरत जहां ने तुर्की से भारत लौटने पर चार जुलाई को कोलकाता में रिसेप्शन आयोजित किया था, जिसमें ममता बनर्जी भी पहुंची थीं.
नुसरत जहां दुर्गा पूजा समारोह में लाल साड़ी बनकर गई थीं और उन्होंने सिंदूर लगाकर पूजा की थी, जिस पर मौलवियों ने विवाद शुरू कर दिया है. एक मौलवी ने उन्हें हिंदू धर्म में शामिल होने तक की सलाह दे दी है. इस पर उन्होंने मौलवी को फटकार दिया. फिलहाल नुसरत जहां (Nusrat Jahan) अपने जैन पति निखिल के साथ प्यार और शांति के साथ जीवन व्यतीत कर रही हैं और तृणमूल सांसद चुने जाने के बाद राजनीति में भी चर्चा का विषय बनी हुई हैं. लेकिन अब इस्लाम के पैरोकार कट्टर मौलवियों को उससे दिक्कत हो रही है, जो कि मुसलमानों के धर्म का ठेका लिए हुए हैं. देखना है कब तक नुसरत जहां विवादों के केंद्र में बनी रहती हैं.