Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान की राजनीति में एक पुरानी कहावत है कि जिसने मेवाड़ जीत लिया उसने राजस्थान जीत लिया. राजस्थान की सत्ता के सिंहासन का रास्ता मेवाड़ से होकर जाता है. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मेवाड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. माना जा रहा है कि देवदर्शन के बहाने मैडम राजे मेवाड़ अंचल की सियासी नब्ज को टटोलेंगी. सूत्रों की मानें तो पारिवारिक कारणों के चलते विधानसभा उपचुनावों से दूर रही मैडम राजे का आने वाले दिनों में मेवाड़ सहित कुल 9 जिलों में सियासी दौरे करने का कार्यक्रम बन रहा है.
मैडम राजे के खास सिपहसालार भी मेवाड़ में एक्टिव हो गए हैं. पूर्व मंत्री यूनुस खान पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी सहित अन्य दिग्गज बीजेपी नेता मैडम राजे की यात्रा को सफल बनाने के लिए मोर्चे पर डटे हुए हैं और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंप रहे हैं. मैडम राजे के मेवाड़ दौरे के लेकर कहा जा रहा है कि इसे आप उनका चुनावी शंखनाद मानकर चलिए. मैडम राजे के इस मूव से कांग्रेस के तो कान खड़े हो ही गए हैं, वहीं पार्टी में उनके विरोधी गुट के लोगों की धड़कनें भी बढ़ गईं हैं.
देवदर्शन बहाना, सियासी नब्ज टटोलेंगी मैडम राजे
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मेवाड़ में होने वाली देवदर्शन यात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर है. इस दौरान मैडम राजे का सांवलिया जी, चारभुजा जी और एकलिंग जी सहित कई मंदिरों में ढोक लगाने का कार्यक्रम है. हालांकि मैडम राजे की मेवाड़ यात्रा की तारीख को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है और इसका सबसे प्रमुख कारण अभी तक प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक की तारीख का ऐलान नहीं होना है. मैडम राजे मेवाड़ यात्रा को बीच में छोड़कर कार्यकमिति की बैठक में आने जैसी स्थिति नहीं रखना चाहती है. ऐसे में प्रदेश भाजपा द्वारा कार्यसमिति की बैठक के ऐलान के बाद ही पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की मेवाड़ यात्रा की तारीख सामने आएगी. जानकारों की मानें तो प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक नवंबर के अंत में होने की संभावना है.
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मैडम राजे के सिपहसालारों ने संभाल मोर्चा
हालांकि की मैडम राजे के देवदर्शन यात्रा का अभी अधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन मैडम राजे के खास सिपहसालारों ने मेवाड़ में जाकर मोर्चा संभाल लिया है. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी और पूर्व कैबिनेट मंत्री यूनुस खान ने मैडम की मेवाड़ यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. दोनों ही दिग्गजों के साथ अन्य नेताओं ने भी मेवाड़ के जिलों में मोर्चा संभाल लिया है. जिलों में कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां और रूट तय कर दिया गया है.
उपचुनाव से दूर रहीं थीं मैडम राजे
हाल ही में उदयपुर संभाग के धरियावद और वल्लभनगर सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. वल्लभनगर में भाजपा चौथे और अपने गढ़ धरियावद में भाजपा तीसरे स्थान पर रही है. इस उपचुनाव में स्टार प्रचारक होने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे उपचुनाव से दूर रहीं लेकिन अब जब परिणाम भाजपा के विपरीत आए तब मैडम राजे का यह सियासी दौरा बन रहा है. हालांकि बता दें कि उस दौरान मैडम राजे की बहू निहारिका राजे का स्वास्थ्य नासाज था. इसके चलते मैडम ने राजनीतिक कार्यक्रमों से दूरी बना ली थी. लेकिन अब इन दौरों के दौरान मैडम वसुंधरा राजे देवदर्शन के साथ ही दिवंगत नेताओं के घर भी जाएंगी.
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चुनावी शंखनाद मान रहे हैं सियासी पंडित
अब बात की जाए सियासी गलियारों में इस दौरे की चर्चाओं कि तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसे आप मैडम राजे की ओर से 2023 का चुनावी शंखनाद मानकर चलिए. देवदर्शन के दौरान राजे समर्थकों को जुटाने की कवायद के रूप में इस यात्रा को देखा जा रहा है. इससे पहले मैडम राजे हाल ही में जोधपुर दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं को अगले चुनाव के लिए कमर कसने का इशारा कर चुकी हैं. अब यह तो तय है कि मैडम राजे के मैदान में उतरने से राजस्थान की राजनीति दिलचस्प होने वाली है.