Politalks.News/Rajasthan. विधानसभा में आज फिर नाथी का बाड़ा (Nathi ka bara) की गूंज सुनाई दी. बजट बहस के दौरान बीजेपी विधायक अशोक लाहोटी (BJP MLA Ashok Lahoti) ने कहा कि, ‘राजस्थान का बच्चा-बच्चा आज कह रहा है कि यह बजट है कि नाथी का बाड़ा है. सदन में ईमानदारी की बात तो करें’. लाहोटी के बयान पर जलदाय मंत्री महेश जोशी (minister mahesh joshi) ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि, ‘आप सही बोल रहे हैं. नाथी का बाड़ा में जो मांगोगे वह मिलेगा, हमारा बजट ऐसा है कि जिसने जो मांगा है, वह मिला है’. इस पर लाहोटी ने पलटकर पूछा- यह आप मान रहे हो न कि यह बजट नहीं नाथी का बाड़ा है’. इस पर महेश जोशी बोले फिर बोले कि, ‘बिल्कुल मानते हैं’.
लाहोटी ने बजट को बताया ‘नाथी का बाड़ा’
शुक्रवार को शून्यकाल में बजट अभिभाषण पर बहस की शुरुआत सांगानेर से आने वाले भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने की. लाहोटी ने इस दौरान बजट की खामियों को गिनाते हुए ये नाथी का बाड़ा शब्द का इस्तेमाल किया. विधायक लाहोटी ने सदन में कहा कि, ‘जितना लंबा-चौड़ा बजट पेश किया गया है, उसकी तुलना में सरकार के पास घोषणाएं पूरी करने के लिए आर्थिक संसाधन नहीं है’. लाहोटी ने यह भी कहा कि, ‘राज्य सरकार को अपने कर्मचारियों के वेतन भत्ते देने तक के लिए केंद्र सरकार से लोन लेना पड़ता है. ऐसे में इतनी घोषणा कैसे पूरी होगी. कोविड-19 भले ही देश भर के लिए महामारी हुआ हो, लेकिन इस दौरान यह राज्य सरकार के लिए ‘ब्लेसिंग इन डिसगाइज’ बन गया. क्योंकि इस दौरान केंद्र सरकार ने जो लोन दिया, उसकी छूट से ही राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को वेतन दिया’.
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सभापति ने बताई अपनी पीड़ा
सांगानेर से भाजपा इस बीच सभापति राजेंद्र पारीक ने कहा- नाथी के बाड़े के हवाले पांच दिन हो गए, अब तो माफ करो सदन को. पांच दिन तो इसी में चले गए, अब तो सदन को समय दीजिए. दरअसल, बीजपी ने रीट की सीबीआई जांच की मांग को लेकर राज्यपाल के अभिभाषण से लेकर चार दिन बहस के बाद सीएम के जवाब तक सदन में लगातार रीट के मुद्दे पर हंगामा किया था और सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया था.
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नाथी का बाड़ा पर सियासत है गर्माई!
नाथी का बाड़ा मरुधरा की राजनीति में एक बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है. हालही में REET पेपरलीक मामले में भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर और सीकर आवास पर नाथी का बाड़ा लिख दिया था. आज कुछ दिन बाद फिर से सदन में नाथी के बाड़े की गूंज सुनाई दी. आपको रोचक बात बताते हैं सदन में भिड़ने वाले दोनों की माननीय एक ही पौधशाला की पौध है. दोनों की ही राजनीति राजस्थान विश्वविद्यालय से शुरू हुई है. महेश जोशी साल 1979 में राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे महेश जोशी 2009 में भाजपा का गढ़ समझे जाने वाले जयपुर शहर से कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा के सदस्य चुने गए तो 2000-01 में सांगानेर से विधायक लाहोटी छात्रसंघ अध्यक्ष बने थे.