Politalks.News/Congress. 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में आंतरिक कलह चरम पर पहुंच चुकी है. हार के बाद अब कांग्रेस आलाकमान पर सवाल उठने लगे हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता और G23 गुट में शामिल कपिल सिब्बल के बयान ‘घर की कांग्रेस’ पर कांग्रेसी नेताओं ने पलटवार शुरू कर दिया है. कपिल सिब्बल के बयान पर पलटवार करते हुए राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, ‘सिब्बल किसी गांव में कांग्रेस के लिए काम करने नहीं गए, वे एक अच्छे वकील हो सकते हैं लेकिन अच्छे नेता नहीं.’ वहीं सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, ‘जब सिब्बल मंत्री थे तो सब अच्छा था और अब सबकुछ बुरा हो गया.’
कांग्रेस के लगातार गिरते प्रदर्शन को लेकर आलाकमान चिंतित है. हाल ही में 5 राज्यों में मिली करारी हार ने कांग्रेस को पूरी तरह झकझोर रख दिया है. अब कांग्रेस के भीतर विद्रोह के स्वर और भी तेज हो गए हैं. लंबे समय से पार्टी में एक स्थिर प्रदेशाध्यक्ष की मांग करने वरिष्ठ नेता अब आलाकमान पर ही सवाल उठाने लगे हैं. G23 गुट में शामिल नेता कपिल सिब्बल के बयान पर कांग्रेस में कोहराम मच गया है. कपिल सिब्बल के ‘घर की कांग्रेस’ पर पलटवार करते हुए राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, ‘सोनिया गांधी जी को कोई कमजोर नहीं कर सकता. कांग्रेस पार्टी उनके साथ है – गली से लेकर दिल्ली तक. ये लोग ऐसे ही भाषण करते रहेंगे और मिलते रहेंगे.’
यह भी पढ़े: पंडितों के पलायन के वक़्त क्या कर रहे थे आपके 85 सांसद?- पीएम मोदी के बयान पर कांग्रेस का पलटवार
खड़गे ने कपिल सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘वह एक अच्छे वकील हो सकते हैं, लेकिन अच्छे नेता नहीं हैं. वह आज तक क्या कभी किसी गांव में कांग्रेस के लिए काम करने के लिए गए हैं, नहीं गए. कपिल सिब्बल जानबूझकर पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें याद रखना चाहिए कि सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी को कोई कमजोर नहीं कर सकता.’ खड़गे ने कहा कि, ‘इन लोगों ने जो जो बातें बताई, CWC के अंदर भी उठाई … उनको ध्यान में रख के एक एक कदम उठा रहे हैं. फिर भी अगर आप कुछ अलग करने की कोशिश करते हैं तो उसका मतलब होता है की आप पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रहे हो, पार्टी को जोड़ने की नहीं.’
वहीं लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कपिल सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘पार्टी में उनका कोई जनाधार नहीं है. मुझे नहीं पता कि वह कहां के नेता हैं. वह कांग्रेस के समर्थन के बिना कुछ भी नहीं कर सकते हैं. अपने दम पर लड़ भी नहीं सकते, ऐसे में एसी कमरे में बैठकर इंटरव्यू देने का क्या मतलब है? जब वह यूपीए सरकार में मंत्री थे तो सब कुछ अच्छा था. अब पार्टी सत्ता में नहीं है तो उनके लिए सब बुरा हो गया.’ इससे पहले सोमवार को कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि, ‘अब वक्त आ गया है कि ‘घर की कांग्रेस’ की जगह ‘सब की कांग्रेस’ हो.’
यह भी पढ़े: सत्ता की मिलीभगत से फेसबुक-ट्विटर देश के युवाओं और बुजुर्गों में फैला रहे हैं नफरत, लगे लगाम- सोनिया
कपिल सिब्बल ने चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए कहा था कि, ‘इस बार के परिणामों ने मुझे आश्चर्यचकित नहीं किया क्योंकि मुझे इसका अंदाजा पहले से था. हम 2014 से लगातार नीचे की ओर जा रहे हैं. हमने राज्य दर राज्य खोया है. जहां हम सफल हुए वहां भी हम अपने कार्यकर्ता को एक साथ नहीं रख पाए. इस बीच कांग्रेस से कुछ प्रमुख लोगों का पलायन हुआ है. हमने इतिहास में किसी अन्य राजनीतिक दल में इस तरह का पलायन नहीं देखा है.’ कपिल सिब्बल के इस बयान पर अब घमासान मचना तय है.