‘गहलोत सरकार के खिलाफ एंटीइनकंबेंसी ही नहीं जनाक्रोश है, अभी तो तोते की जान इस्तीफों में अटकी है’

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया से आग्रह करूंगा कि एक बार फिर से कांग्रेस विधायकों के इस्तीफों को लेकर स्पीकर के सामने दोबारा से उठाएं मांग, स्पीकर ने पिछली बार मुलाकात के दौरान आश्वस्त किया था कि मैं ऐसा फैसला दूंगा जो नजीर बनेगा, हम इंतजार करते हैं कि वो नजीर कब बने, इस्तीफे के बारे में अब तक कोई फैसला नहीं होना वैसा ही है, जैसा 'जस्टिस डिलेड, जस्टिस डिनाइड'- सतीश पूनियां

पूनियां ने साधा प्रदेश सरकार पर निशाना
पूनियां ने साधा प्रदेश सरकार पर निशाना

BJP Jan Aakrosh Yatra. जैसे जैसे चुनावी साल नजदीक आ रहा है वैसे वैसे राजस्थान की सियासत भी गर्म होती जा रही है. सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस जहां अपने चुनावी वादों के साथ बजट में की गई घोषणाओं को पूरा करने में जुटी है तो वहीं अगले माह की शुरुआत में राजस्थान में प्रवेश करने वाली भारत जोड़ो यात्रा से भी पार्टी को बहुत आस जुड़ी है. तो वहीं दूसरी तरफ सूबे की प्रमुख विपक्षी पार्टी ने प्रदेश सरकार को घेरने की योजनाओं पर कार्य करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में रविवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश पूनियां के नेतृत्व में अन्य दिग्गज नेताओं ने जन आक्रोश यात्रा का थीम सांग के साथ प्रदेश सरकार के खिलाफ चार्जशीट भी जारी की. बीजेपी द्वारा 200 विधानसभाओं में 200 रथों के माध्यम से 75 हजार किलोमीटर की जन आक्रोश यात्रा को 1 दिसंबर को राष्टीर्य अध्यक्ष जेपी नड्डा हरी झंडी दिखाएंगे. वहीं पत्रकार वार्ता के दौरान पूनियां ने कांग्रेस में जारी खींचतान को लेकर कहा कि, ‘अभी तो तोते की जान इस्तीफे में अटकी हुई है.’ वहीं इस यात्रा पर कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी पलटवार किया.

राजस्थान में अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी सियासी दल जुट गए हैं. इसी कड़ी में भाजपा ने रविवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया. प्रेस वार्ता में जन आक्रोश यात्रा का थीम सांग लाँच, आमजन के लिए मिस्ड कॉल नम्बर 8140200200, जिसपर लोग मिस्ड कॉल करके कांग्रेस सरकार के खिलाफ जन आक्रोश दर्ज कर सकेंगे. साथ ही कांग्रेस सरकार के 4 वर्ष के कुशासन को लेकर चार्जशीट जारी की गई और वेबसाइट लाँच की गई, जिसपर जन आक्रोश यात्रा से संबंधित सारे कार्यक्रम अपडेट रहेंगे. इस दौरान प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘राजस्थान में कांग्रेस सरकार के शासन में जंगलराज, कुशासन और भ्रष्टाचार के विरूद्ध प्रदेश भाजपा द्वारा सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में निकाली जा रही जन आक्रोश यात्रा के 200 रथों को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जयपुर से रवाना कर जन आक्रोश यात्रा का आगाज करेंगे.’

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सतीश पूनियां ने कहा कि, ’17 दिसंबर 2022 को राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की कांग्रेस पार्टी का 4 वर्ष का जलसा होगा, उत्सव होगा, होगा की नहीं होगा यह भी भविष्य के गर्भ में है. लेकिन राजस्थान के इतिहास में ऐसी नकारा, निकम्मी और अकर्मण्य, भ्रष्ट और अराजक सरकार ना केवल मैंने, मंच पर बैठे नेताओं ने वरन राजस्थान की जनता ने भी कभी नहीं देखी. क्या दृश्य होता होगा जिस राजस्थान की साख और धाक शांति के रूप में थी उस राजस्थान की बानगी यह है कि महिलाएं ना तो अस्पताल में सुरक्षित, ना घर में सुरक्षित, ना सड़क पर सुरक्षित, ना स्कूल में सुरक्षित. भरतपुर जिले की रात की घटना ने संगठित अपराधों को जनता के सामने बेनकाब कर दिया, किस तरीके से गोलीबारी में और सगे भाइयों को मौत का शिकार होना पड़ा और तो और देवी-देवताओं के उपासक भी इस सरकार की सरपरस्ती में सुरक्षित नहीं है. कांग्रेस शासन में संतों और पुजारियों को या तो जला दिया जाता है या फिर उनको जलने पर मजबूर कर दिया जाता है.’

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘जीरो टॉलरेन्स की बात करने वाली कांग्रेस सरकार की बानगी यह है कि हर 12 किलोमीटर पर कदम रखेंगे तो कोई ना कोई अधिकारी और कोई ना कोई कर्मचारी ट्रेप होता हुआ मिल जाएगा, जीरो टॉलरेन्स वाली सरकार में.’ सतीश पूनियां ने यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि, ‘1 दिसंबर से 14 दिसंबर तक जन आक्रोश यात्रा चलेगी, 1 दिसंबर को जयपुर से प्रदेशभर के लिए रथों की रवानगी होगी, 2 दिसंबर को जिलों से रवानगी होगी, 3 और 4 दिसंबर को विधानसभा क्षेत्रों में इन रथों के साथ आक्रोश यात्रा की शुरूआत होगी. 4 दिसंबर से 14 दिसंबर तक 200 विधानसभा क्षेत्रों में यह रथ गांव-गांव जाते हुए लगभग 20 हजार चौपालें इस दौरान होंगी, नुक्कड़ सभाएं होंगी. जन आक्रोश यात्रा में प्रत्येक रथ पर एक शिकायत पेटिका होगी. जन आक्रोश यात्रा 200 विधानसभाओं के गांव, ढाणी, तहसील, जिलों में पैदल चलकर करीबन 75 हजार किलोमीटर से अधिक का रास्ता तय करेगी.’

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सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘1990 के दशक के बाद राजस्थान में एक धारणा चलती है, सरकार बदलती है परसेप्शन से, जनधारणा से, एक दूसरा कारण बताते हैं एंटीइनकंबेंसी से, जनविरोध का. लेकिन मैं यह मानता हूं कि इस कांग्रेस सरकार के खिलाफ केवल एंटीइनकंबेंसी ही नहीं है, एक जबरदस्त जन आक्रोश है.’ वहीं पत्रकारों ने जब प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां से कांग्रेस के गहलोत खेमे के विधायकों के इस्तीफों के पेंडिंग पड़े होने और दो महीने बीतने पर भी विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी द्वारा एक्शन ना लिए जाने पर पूनियां ने कहा कि, ‘अभी तो तोते की जान इस्तीफे में अटकी हुई है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया से आग्रह करूंगा कि एक बार फिर से हम इस पर स्पीकर से दोबारा से मांग उठाएं. स्पीकर ने पिछली बार मुलाकात के दौरान आश्वस्त किया था कि मैं ऐसा फैसला दूंगा जो नजीर बनेगा. हम इंतजार करते हैं कि वो नजीर कब बने.’

वहीं जब सतीश पूनियां से पुछा गया कि तोता कौन है? तो पूनियां ने मुस्कुराकर कहा- तोता इस्तीफे में है. विधायकों के इस्तीफे के बारे में अब तक कोई फैसला नहीं होना वैसा ही है- जैसा जस्टिस डिलेड, जस्टिस डिनाइड.’ वहीं बीजेपी द्वारा निकाली जाने वाली जन आक्रोश यात्रा को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पलटवार करते हुए कहा कि, ‘राजस्थान में किसी तरह का कोई जन आक्रोश नहीं है. जन आक्रोश केंद की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ है जिसने लोगों के जीवन को दयनीय बना दिया है. राज्य सरकार ने कई अनूठी योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं जो अन्य राज्यों में नहीं हैं. राजस्थान की राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है.’

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