Rajasthan Political Crisis Gehlot vs Pilot. राजस्थान कांग्रेस में लम्बे समय जारी आपसी घमासान वर्तमान में अपने चरम पर चल रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की बीच पर्दे के पीछे की खींचतान अब एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान के मसले को भारत जोड़ो यात्रा के बाद सुलझाने को कहा है. वहीं आपस मे पार्टी नेताओं पर किसी भी तरह की बयानबाजी को लेकर आलाकमान के सख्त निर्देशों के बावजूद दोनों गुटों के नेता एक दूसरे पर वार-पलटवार करने से जरा भी नहीं चूक रहे हैं. इन बयानवीरों में नेता तो नेता, सरकार के मंत्री भी बढ़कर चढ़कर एक दूसरे पर तंज कसने से बाज नहीं आ रहे हैं और बढ़ती ठंड के मौसम पर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा रहे हैं. हालांकि जब मुख्यमंत्री ही अपनी पार्ट हाईकमान के निर्देशों की अवेहलना करें तो बाकी मंत्री और नेताओं से अपेक्षा बेईमानी ही है.
हाल ही में बीते गुरुवार को NDTV को दिए एक इंटरव्यू में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ मानेसर जाने वाले विधायकों पर बीजेपी से 10-10 करोड़ रुपए लेकर सरकार गिराने के आरोप लगाते हुए पायलट को गद्दार और धोखेबाज तक बताया था. इस पर बीते शनिवार को अशोक गहलोत के विश्वस्त और सरकार में स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने सीएम गहलोत के ‘गद्दार’ वाले बयान का समर्थन करते हुए कहा कि, ‘अशोक गहलोत ने जो कहा है वह ठीक कहा है और सोच समझकर ही कहा है, गहलोत के पास कुछ जानकारी है, इसीलिए कही है बड़ी बात.’
मंत्री परसादी मीणा ने आगे कहा कि, ‘उस समय 102 विधायक नहीं रहते तो नहीं बचती सरकार, 2 साल पहले ही विदा हो जाती गहलोत सरकार, जैसा एमपी, कर्नाटक और महाराष्ट्र में हुआ वैसे ही हमारी सरकार भी हो जाती विदा, जिन 102 विधायकों ने बचाई हमारी सरकार, निश्चित रूप से आज हम उनकी वजह से ही कर रहे हैं राज, उन्हीं की वजह से हैं मंत्री और सीएम भी, 102 विधायकों के कारण ही हम आज के काम कर पा रहे हैं विकास,’ मंत्री परसादी मीणा यहीं नहीं रुके, उन्होंने सचिन पायलट से मांग करते हुए कहा कि पायलट को सामने आकर देनी चाहिए सफाई कि 35 दिन मानेसर होटल में क्यों रहे वो? जनता को बताना चाहिए ये, जनता के गले उतरेगी तो निश्चित रूप से सचिन को ये काम करना चाहिए कि क्यों मानेसर में रहे और हमें 35 दिन क्यों रहना पड़ा जयपुर- जैसलमेर में, और अगर ये इंटरनल पार्टी का था मामला, तो पार्टी में ही बैठकर करते ठीक भी…’
यह भी पढ़ें: तानाशाही छोड़ बेरोजगारों के आंदोलन को कुचलना बंद करे गहलोत सरकार, यादव की रिहाई की उठाई मांग
चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने ये भी कहा कि सीएम गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार रिपीट हो सकती है. कांग्रेस आलाकमान को नेतृत्व में बदलाव नहीं करना चाहिए वरना राजस्थान में भी पंजाब जैसी स्थिति हो जाएगी.
वहीं अब बीते रविवार को यानी कल पायलट गुट के विधायक मुरारीलाल मीणा ने चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा के आरोपों पर न सिर्फ पलटवार किया अपितु हल्के फुल्के अंदाज में जबरदस्त तंज भी कसे. मंत्री मुरारी मीणा ने परसादी लाल मीणा को लेकर कहा कि, ‘आजकल पता नहीं उनको क्या हो रहा है. न तो उनको नमोनारायण मीणा दिख रहे हैं, न डॉ. किरोड़ीलाल मीणा और न ही सचिन पायलट, पता नहीं उनको आजकल दिख ही क्या रहा है. मुझे ऐसा लगता है उनका डिपार्टमेंट ज्यादा बड़ा है या फिर और कुछ न कुछ चक्कर पड़ रहा है.’
यह भी पढ़ें: पायलट को लेकर गहलोत के बयान से अब तक स्तब्ध हैं पार्टी के नेता, बोले- लेने पड़ सकते हैं कड़वे फैसले
आपको बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा के आगमन से पहले रविवार को कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं ने मुरारीलाल मीणा के नेतृत्व में दौसा जिला मुख्यालय से जिला अस्पताल तक तिरंगा यात्रा निकाली. यहां कांग्रेस कार्यकर्ता हाथों में तिरंगे झंडे लेकर डीजे पर चल रहे देशभक्ति गीतों के साथ कदमताल करते नजर आए. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए मंत्री मीणा ने कहा आए दिन आ रहे बयानों से पार्टी को बहुत नुकसान हो रहा है. हाईकमान को इस संबंध में कदम उठाते हुए विवाद का जल्द समाधान निकालना चाहिए. मंत्री मीणा ने बयान रिपीट करते हुए फिर कहा कि यदि हमने मिलकर चुनाव नहीं लड़ा तो राजस्थान में कांग्रेस सरकार को भारी नुकसान होगा.
आपको बता दें कि पत्रकारों ने जब सीएम गहलोत के सियासी संकट के समय सचिन पायलट के साथ मानेसर जाने वाले विधायकों पर BJP से 10-10 करोड़ रुपए लेकर सरकार गिराने के आरोपों को लेकर सवाल किया तो राज्यमंत्री मुरारीलाल मीणा ने कहा- ‘मैंने तो इस आरोप पर उस वक्त मानेसर से ही जवाब दे दिया था, फिर कह देना चाहता हूं कि यदि उनके (CM) पास इसका हो कोई ठोस सबूत, तो जांच करवाकर करनी चाहिए थी कड़ी कार्रवाई, हम तो यह कह सकते हैं कि हम हैं 100 प्रतिशत 24 कैरेट गोल्ड, शॉर्ट में कहा जाए तो सोने पर नहीं लग सकती कभी जंग,’ वहीं मुख्यमंत्री गहलोत गुट के 102 विधायकों में से ही सीएम बनाने के सवाल पर मुरारी मीणा ने कहा कि 10-15 विधायक तो घूम रहे हैं यहीं हमारे साथ, वहीं प्रदेश कांग्रेस में चल रही गुटबाजी के सवाल पर मंत्री मुरारी मीणा ने कहा- इस टाइम कोई भी प्रतिक्रिया दें, उससे हमारी पार्टी को हो रहा है नुकसान ही, यदि हमने मिलकर नहीं लड़ा चुनाव तो राजस्थान में कांग्रेस सरकार को भारी नुकसान होगा.’
मीणा ने आगे कहा कि गहलोत-पायलट विवाद का समाधान करने के लिए सारे विधायकों की व्यक्तिगत राय जाननी चाहिए, सब मिलकर सहमति से लें कोई फैसला और तुरंत प्रभाव से इस विवाद का होना चाहिए समाधान, ताकि 2023 में कांग्रेस को दोबारा सरकार बनाने का मिले मौका. यही नहीं मंत्री मुरारी मीणा ने आगे कहा कि, ‘हालांकि गहलोतसरकार ने किए हैं बहुत ज्यादा काम लेकिन इस विवाद की वजह से सभी कामों पर फिर रहा है पानी, विवाद पर सबको बोलने का मिल रहा है मौका, ऐसे में हाईकमान कोई भी फैसला लें लेकिन इस विवाद का जल्द से जल्द होना चाहिए समाधान.’