कमलनाथ और सिंधिया के बीच की खींचतान फिर हुई उजागर, समन्वय समिति की बैठक बीच में छोड़कर निकले सिंधिया

मुख्यमंत्री के दिल्ली आवास पर हुई बैठक में दोनों के बीच हुई तीखी नोकझोंक, कमलनाथ ने भी दिखाए तल्ख तेवर, सिंधिया के सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने के ऐलान के जवाब में दो टूक बोले कमलनाथ 'तो उतर जाएं'

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच की खींचतान एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है. शनिवार को दिल्ली में सत्ता और संगठन के बीच आपसी तालमेल को मजबूत बनाने के लिए मध्यप्रदेश कांग्रेस द्वारा समन्वय समिति की बैठक रखी गई थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बैठक को बीच में छोड़कर चले गए. वहीं कमलनाथ भी सिंधिया को लेकर सख्त दिखे, बैठक खत्म होने के बाद जब उनसे सिंधिया के सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने के ऐलान को लेकर सवाल किया गया, तो नाराजगी भरे अंदाज में कमलनाथ ने इसका जबाब देते हुए कहा कि ‘तो उतर जाएं.’

दरअसल, शनिवार सुबह दिल्ली स्थित मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर मध्य प्रदेश सरकार और प्रदेश कांग्रेस संगठन में समन्वय के लिए एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, प्रभारी दीपक बावरिया, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री जीतू पटवारी, मीनाक्षी नटराजन आदि शामिल हुए. लेकिन बैठक के खत्म होने से पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया निकल गए थे जिसके बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सिंधिया बैठक से नाराज होकर निकले थे. पार्टी सूत्रों की मानें तो कमलनाथ के आवास पर हुई इस बैठक में कमलनाथ की सिंधिया के साथ कई मुद्दों पर तीखी नोंकझोंक हुई.

बता दें, इससे पहले गुरुवार को टीकमगढ़ की एक सभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा था, “मेरे अतिथि शिक्षकों को मैं कहना चाहता हूं आपकी मांग मैंने चुनाव के पहले भी सुनी थी. मैंने आपकी आवाज भी उठाई थी और मैं ये विश्वास आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग जो हमारी सरकार के घोषणापत्र में अंकित है वो घोषणापत्र हमारे लिए हमारा ग्रंथ है.” उन्होंने अतिथि शिक्षकों को सब्र रखने की सलाह देते हुए कहा, “अगर उस घोषणापत्र का एक-एक अंग पूरा न हुआ तो अपने को सड़क पर अकेले मत समझना. आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा. सरकार को बने अभी एक साल हुआ है, थोड़ा सब्र हमारे शिक्षकों को रखना होगा. बारी हमारी आएगी, ये विश्वास मैं आपको दिलाता हूं और अगर बारी न आये तो चिंता मत करो, आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और आपकी तलवार भी मैं बनूंगा.”

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सत्तारूढ़ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच मची इस उथल-पुथल के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं. साथ ही पूरे मामले से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी अवगत कराया दिया गया है. वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अटकलों को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि यह सरासर गलतफहमी है कि सिंधिया कमलनाथ सरकार के किसी व्यक्ति के खिलाफ हैं. सूबे में कांग्रेस मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में पूरी एकजुटता से खड़ी है. हम सबने घोषणा पत्र में मिलकर वादे दिए थे. पांच सालों में कमलनाथ जी सभी वादों को पूरा करेंगे और ज्यादातर वादों पर काम तेजी से चल भी रहा है

वहीं, मध्यप्रदेश के कांग्रेस प्रभारी एवं महासचिव दीपक बावरिया ने बताया कि बैठक में पार्टी नेताओं की बयानबाजी और अनुशासनहीनता को लेकर चर्चा हुई है, लेकिन बैठक में सिंधिया के बयानों को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. इस बीच उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के बैठक छोड़कर जाने के सवाल पर सिंधिया का बचाव करते हुए कहा कि ‘पहले से उनकी कोई बैठक तय थी, इसलिए वह जल्दी चले गए.’

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