Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान कांग्रेस में पिछले एक महीने से ज्यादा चला सियासी घमासान थम चुका है लेकिन आशंकाओं के बादल अभी तक छटे नहीं हैं. पायलट सहित 19 बागी विधायकों की घर वापसी से अब संकट के समय मुख्यमंत्री गहलोत के साथ डटे रहे अन्य कांग्रेसी विधायकों के मन में अंर्तद्वंद्व चल रहा है. वहीं प्रदेश कांग्रेस में उठी बगावत को दबाए रखना और सत्ता एवं संगठन में स्थितियां सामान्य रखना है कांग्रेस आलाकमान का अब पहला ध्येय है. इसका जिम्मा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 3 सदस्यीय कमेटी को सौंपा है. ये कमेटी न केवल विधायकों की शिकायतों एवं समस्याओं को हल करने का काम करेगी, साथ ही सत्ता और संगठन में भागीदारी का फॉर्मूला भी तय करेगी.
इस कमेटी मेें कांग्रेस के तीन वरिष्ठ सदस्यों को शामिल किया गया है. कमेटी में शामिल अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और राजस्थान के नवनिर्वाचित प्रभारी अजय माकन इसी सिलसिले में जल्दी ही जयपुर आएंगे. कमेटी का जयपुर दौरा 24 या 25 अगस्त को संभावित है. प्रदेश में वर्तमान में चल रहे सियासी वातावरण के बीच तीनों नेताओं का राजस्थान दौरा राजनीति में काफी अहम माना जा रहा है. बता दें, सियासी संकट के बाद परिस्थितियों को सामान्य बनाए रखने के लिए ही पायलट की पहली आपत्ति को दूर करते हुए आलाकमान ने प्रदेश के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे को बदला है.
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सबसे विश्वसनीय सलाहकार अहमद पटेल, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन की ये कमेटी अब यह तय करेगी कि राजस्थान में सत्ता और संगठन का स्वरूप क्या हो. यह कमेटी राजस्थान आकर विधायकों तथा संगठन के अन्य नेताओं से मिलकर चर्चा करेगी. वहीं इससे पहले दिल्ली में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अजय माकन से और अजय माकन ने अहमद पटेल से मुलाकात कर ली है.
विश्वस्त सूत्रों से जानकारी आ रही है कि सचिन पायलट ने माकन से राज्य मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद पर भी चर्चा की है. पालयट ने उनके समर्थक विधायकों के लिए पर्याप्त पद मांगे हैं. पता चला है कि पायलट ने सरकार में डिप्टी सीएम सहित 6 कैबिनेट मंत्रियों के पद मांगे हैं. जिनके लिए पद मांगे गए हैं उनमे वरिष्ठ समर्थक विधायक हेमाराम चौधरी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, बृजेंद्र ओला शामिल हैं. कुछ राज्य मंत्रियों के लिए भी पदों की मांग की गई है.
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पहले भी पायलट सहित उनके खेमे से 6 कैबिनेट मंत्री थे जिनमें से विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा हटाए गए हैं. पायलट भी अब डिप्टी सीएम नहीं है. इनके अलावा तीन कैबिनेट मंत्रियों में एक बिमार हैं और दो पाला बदल चुके हैं. ऐसे में पायलट ने संख्या बरकरार रखते हुए दूसरे समर्थक विधायकों को उप मुख्यमंत्री और मंत्री बनाने की मांग रखी है. माना जा रहा है कि सचिन पायलट अपने लिए किसी भी पद से इनकार कर रहे हैं लेकिन अंदरूनी तौर पर सूचना आ रही है कि उन्हें गृह या वित्त सहित कोई महत्वपूर्ण पद निश्चित तौर पर मिलेगा.
बताया जा रहा है कि पिछले एक महीने में जो भी राजनीतिक परिस्थितियां कांग्रेस के अंदर बनी, उसकी पूरी खबर अजय माकन के साथ केसी वेणुगोपाल को भी है क्योंकि पूरे घटनाक्रम के दौरान दोनों नेता राजस्थान में ही थे. अहमद पटेल भी पूरे घटनाक्रम की अंदरूनी बातों से अवगत हैं क्योंकि सचिन पायलट सहित 19 विधायकों की शिकायतों को सुनने के लिए कांग्रेस के वार रूम में बुलाई गई बैठक में प्रियंका गांधी के साथ केसी वेणुगोपाल के साथ अहमद पटेल भी मौजूद थे.
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कमेटी के सदस्य राजस्थान आने से पहले उन समस्याओं का प्रारंभिक समाधान खोजने का प्रयत्न करेंगे जिन्हें पायलट और उनके गुट के विधायक पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के सामने पहले ही रख चुके हैं. बताया जा रहा है कि ये कमेटी सबसे पहले सत्ता और संगठन में भागीदारी का फार्मूला तैयार करेगी क्योंकि यही एक बड़ी वजह है जिसे लेकर कांग्रेस के 19 विधायकों की नाराजगी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों की कार्यशैली के प्रति सामने आई थी. ऐसे में कमेटी का सबसे पहला काम आने वाले दिनों में सत्ता में भागीदारी का बंटवारा करना होगा. बंटवारा भी इस तरह कि आगे जाकर दोनों पक्षों को शिकायतें कम से कम हो. सत्ता का बंटवारा सिर्फ मंत्रीमंडल में दोनों पक्षों को जगह देने के साथ साथ राजनीतिक नियुक्तियों में भी दोनों गुट को महत्व देना होगा.
अब लगने लगा है कि प्रदेश कांग्रेस संगठन नई शक्ल लेने वाला है. तीनों दिग्गजों को यह कमेटी यह भी तय करेगी कि संगठन में दोनों पक्षों के साथ उन कांग्रेजनों को भी शामिल किया जाए जो लगातार सक्रिय होकर पार्टी के लिए काम करते रहे हैं. जानकारी के अनुसार, ये भी बताया जा रहा है कि तीन सदस्यीय कमेटी जयपुर आने से पहले एक फार्मूला तय करके आलाकमान से चर्चा करेगी और उस पर एक राय बनाकर राजस्थान आएगी. यहां आकर अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन की ये तीन सदस्यीय कमेटी अशोक गहलोत और सचिन पायलट सहित दोनों पक्षों एवं अन्य विधायकों से चर्चा करके उस फार्मूले के तहत ही राजस्थान में सत्ता और संगठन में सभी की भागीदारी को तय करेगी, साथ ही दोनों पक्षों के विधायकों की नाराजगी और समस्याओं को भी हल करेगी.
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