Politalks.News/Rajasthan/BJP. नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ को लेकर देश की सियासत गर्म है. कांग्रेस ने पुरे देशभर में केंद्र सरकार और उसकी नीतियों के विरुद्ध मोर्चा खोल रखा है. वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी केंद्र सरकार पर निशाना साधने का कोई भी मौका नहीं चूक रहे. सीएम गहलोत ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि, ‘इस देश में फिलहाल बदले की राजनीति की जा रही है. मैं 50 साल से राजनीति कर रहा हूं मुझे क्या वो डराएंगे-धमकाएंगे, जो कल राजनीति में आए हैं. इनकी अभी रगड़ाई भी नहीं हुई है क्योंकि ये बड़े-बड़े पद पर बिना रगड़ाई के ही आ गए हैं.’ सीएम गहलोत के इस बयान पर बीजेपी की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां ने सीएम गहलोत पर पलटवार किया है. पूनियां ने कहा कि, ‘अशोक गहलोत को यह जमीनी हकीकत पता चल चुकी है कि राजस्थान में कांग्रेस की जमीन पूरी तरह खिसक चुकी है. यही कारण हैं कि वो इस तरह के बयान दे रहे हैं.’
शुक्रवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘लोकतंत्र की बात करना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के नेताओं को इसलिए शोभा नहीं देता कि देश पर आपातकाल कांग्रेस ने थोपा था. अनुच्छेद 356 का दुरूपयोग कर सैकड़ों बार राज्य सरकारों को अस्थिर करने के षड़यंत्र रचे गए और राजस्थान में भी इस कांग्रेस सरकार के शासन में जिस भी कांग्रेस व अन्य विधायकों ने लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाने की कोशिश की तो उनके खिलाफ राजद्रोह के मुकदमे दर्ज करा दिए गए. विधायकों की जासूसी के लिए पुलिस प्रशासन का दुरूपयोग किया गया. यही नहीं मुख्यमंत्री ने पूर्व पीसीसी चीफ व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बारे में अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया, उनको बर्खास्त किया गया और उनके खिलाफ मुकदमे भी दर्ज कराए, इस बारे में सबको पता है.’
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पूनियां ने आगे कहा कि, ‘राज्यसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ने भाजपा के व अन्य विधायकों को डराने धमकाने के लिए भी पुलिस प्रशासन का दुरूपयोग किया, उनके घरों पर जासूसी के लिए पुलिस का पहरा बिठा दिए गए. क्या यह कार्यशैली लोकतंत्र की बात करने वाले अशोक गहलोत के लिए शोभा देती है?’ वहीं प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर धरना दे रह बेरोजगार युवाओं पर की गई पुलिस की कार्रवाई को लेकर भी पूनियां ने सीएम गहलोत पर निशाना साधा. पूनियां ने कहा कि, ‘अपने हक के लिए जयपुर में लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठा रहे प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को कांग्रेस सरकार ने तानाशाही रवैये से गिरफ्तार कर उनकी आवाज को दबाया है. मुख्यमंत्री बात लोकतंत्र की करते हैं लेकिन वह उनकी कार्यशैली से साम्यता नहीं रखती.’
रीट पेपर लीक मामले का जिक्र करते हुए पूनियां ने कहा कि, ‘REET पेपर लेके मामले में सीबीआई से जांच कराने से मुख्यमंत्री को किस बात का डर है. अगर डर नहीं है तो सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश करनी चाहिए, जिससे प्रदेश के युवाओं को न्याय मिल सके. इससे स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री इस मामले की सीबीआई से इसलिए जांच नहीं करवा रहे, क्योंकि इस पेपर महाघोटाला में कांग्रेस के बड़े नेताओं से तार जुड़े हुए हैं और पेपर लीक माफियाओं को कांग्रेस सरकार का संरक्षण प्राप्त है.’ पूनियां ने आगे कहा कि, ‘राज्य सरकार की योजनाओं व घोषणाओं की बात करें तो ज्यादातर कागजों में हैं, और जो किसानों एवं युवाओं से वादे किये वो आज तक भी अधूरे हैं, जिसमें बेरोजगारी भत्ता, भर्तियां और किसान कर्जमाफी सहित इत्यादि के नाम पर सिर्फ वादाखिलाफी की गई और झूठ बोला गया.’
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बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘सीएम अशोक गहलोत को यह जमीनी हकीकत पता चल चुकी है कि राजस्थान में कांग्रेस की जमीन पूरी तरह खिसक चुकी है, पूरे प्रदेश में कांग्रेस सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का माहौल है. मुख्यमंत्री गांधी खानदान को खुश करने के लिए केन्द्र सरकार की सभी जन-कल्याणकारी योजनाओं का विरोध करते हैं और प्रदेश का माहौल बिगाड़ने का षड़यंत्र करते हैं, जो किसी से छिपा नहीं है. जनता आतुर है कांग्रेस की प्रदेश से हमेशा की विदाई के लिए, और 2023 में भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व व कल्याणकारी योजनाओं से तीन चौथाई बहुमत के साथ राजस्थान में सरकार बनाएगी और कांग्रेस को जनता हमेशा के लिए सत्ता से बाहर कर देगी.’