जोशी दुष्कर्म मामले में BJP के बड़े दिग्गजों की चुप्पी कांग्रेस के साथ आंतरिक गठबंधन को करती है बयां- बेनीवाल

राज्य सरकार के मंत्री महेश जोशी के पुत्र के मामले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राजस्थान में आकर भी एक शब्द ना बोलना, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, किरोड़ी लाल मीणा, सतीश पूनियां व राजेंद्र राठौड़ जो अक्सर छोटी छोटी बातों पर ट्वीट कर देते हैं, उन्होंने भी इस मामले में अब तक नहीं किया है कोई भी ट्वीट, ऐसे में भाजपा-कांग्रेस की यह दोस्ती नारी शक्ति का कर रही है अपमान- बेनीवाल

बेनीवाल के निशाने पर भाजपा
बेनीवाल के निशाने पर भाजपा

Politalks.News/Rajasthan/HanumanBeniwal. कांग्रेस और मुश्किलों का तो मानों जैसे याराना चल रहा है. एक बाद एक नई मुसीबत उसके गले पड़ रही है. आगामी 13 से 15 मई तक राजस्थान में होने वाले कांग्रेस के नव चिंतन शिविर से पहले ही राजस्थान सरकार के मंत्री पुत्र पर दुष्कर्म के गंभीर आरोप लगे हैं. इस मामले के सामने आने के बाद राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार चौतरफा घिरती नजर आ रही है. फिलहाल इस पुरे मामले में बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने चुप्पी साध रखी है लेकिन RLP मुखिया इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर हमलावर है. सांसद बेनीवाल ने बुधवार को एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘राजस्थान में सत्ता के सुख का आश्रय पाने के लिए भाजपा ने अपने विपक्ष के धर्म को भुला दिया है.’

दरअसल गहलोत सरकार में जलदाय मंत्री महेश जोशी के बेटे और कांग्रेस के युवा नेता रोहित जोशी पर एक युवती ने दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि ‘मंत्री के बेटे रोहित जोशी ने नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ कई बार रेप किया. वहीं जब वह गर्भवती हुई तो उसका गर्भपात करा दिया गया. इसके साथ ही पीड़िता ने रोहित जोशी पर मारपीट कर अप्राकृतिक सेक्स करने का भी आरोप लगाया है. फिलहाल पुलिस इस पुरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में जुट चुकी है. वहीं नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल ने इस मामले में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सांसद बेनीवाल ने बुधवार को एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘राजस्थान में सत्ता के सुख का आश्रय पाने के लिए भाजपा ने अपने विपक्ष के धर्म को भुला दिया है.’

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सांसद बेनीवाल ने आगे कहा कि, ‘राज्य सरकार के मंत्री महेश जोशी के पुत्र के मामले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राजस्थान में आकर भी एक शब्द नहीं बोले. वहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां व विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ जो अक्सर छोटी छोटी बातों पर ट्वीट कर देते हैं, उन्होंने भी इस मामले में अब तक कोई भी ट्वीट नहीं किया. ऐसे में भाजपा-कांग्रेस की यह दोस्ती नारी शक्ति का अपमान कर रही है, जो की कतई बर्दास्त नहीं किया जाएगा.’

सांसद बेनिवाल ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि, ‘भाजपा व कांग्रेस के आपसी गठजोड़ की नूराकुश्ती की शुरुआत जयपुर जिला परिषद के चुनाव में हुई थी. जब राजेंद्र राठौड़ व सतीश पूनियां ने महेश जोशी के साथ मिलकर भाजपा का जिला प्रमुख व कांग्रेस का उप जिला प्रमुख बनाया. वहीं भाजपा ने टीवी चैनल पर जाने वाले अपने प्रवक्ताओ को सख्त निर्देश दे रखे है कि महेश जोशी के पुत्र के मामले में एक शब्द नहीं बोला जाए. यह साफ जाहिर करता है कि भाजपा नेता अपना राजधर्म भुलाकर निजी हितों को साधने के लिए जो अनैतिक कार्य महेश जोशी के मार्फत सीएम से करवाते है वो भी उजागर हो गए है.

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भाजपा पर निशाना साधते हुए सांसद बेनीवाल ने अगले ट्वीट में लिखा कि, ‘इतना ही नहीं सदन में रीट मामले जो भाजपा विधानसभा ठप्प करवाने का दावा कर रही है वो भाजपा भी महेश जोशी की एक मीटिंग के बाद खामोश हो गई. राजस्थान में हुए परिवहन घोटाले में राज्य सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पर लगे आरोपों के मामले में सदन में भाजपा व कांग्रेस ने गठजोड़ कर मामले को दबाने का प्रयास किया. वहीं भाजपा नेता डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा का भी मंत्री महेश जोशी के पुत्र के मामले में कोई वक्तव्य नहीं आना, यह सभी बाते राजस्थान में भाजपा व कांग्रेस के आंतरिक गठजोड़ की सच्चाई को बयां करती है.’

इससे पहले सांसद बेनीवाल ने मंगलवार को इस पुरे मामले के सामने आने के बाद एक बयान जारी करते हुए राजस्थान की गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा था. सांसद बेनीवाल ने अपने इस बयान में कहा था कि, ‘राजस्थान सरकार के मंत्री महेश जोशी के पुत्र पर गंभीर आरोप लगे हैं ऐसे में सीएम को ऐसे मंत्री को बर्खास्त करने की जरूरत है. चुंकी अशोक गहलोत सरकार के पूर्व के शासन के समय किसान व दलित वर्ग से संबंध रखने वाले कांग्रेसी नेता व मंत्री रहे महिपाल मदेरणा, मंत्री रहे बाबूलाल नागर व विधायक मलखान बिश्नोई पर जब इस प्रकार के आरोप लगे तब उनके मामले में तो सरकार द्वारा तत्काल जांच सीबीआई को दे दी गई थी. ऐसे में सीएम द्वारा इस मामले में हस्तक्षेप करके मंत्री को अपदस्थ करने में देरी क्यों की जा रही है ? आखिर मुख्यमंत्री क्या संदेश देना चाहते है ? सीएम को इस मामले में तत्काल एक मुकदमा राजस्थान में दर्ज करवाकर जांच सीबीआई को देने की जरूरत है साथ ही पीड़िता को सुरक्षा भी दी जाए.

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