शक्तिप्रदर्शन भारी पड़ सकता है MLA को, हाइकोर्ट ने पूछा- क्यों न रद्द कर दी जाए मलिंगा की जमानत?

पिछले करीब 55 दिनों से अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती होकर इलाज करवा रहा है, वह खड़ा होना तो दूर की बात, सही ढंग से बैठने में भी असक्षम है, अदालत ने विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा जमानत देते समय इस तथ्य को नहीं देखा कि याचिकाकर्ता किस स्थिति से गुजर रहा है

हाईकोर्ट ने विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को जारी किया नोटिस
हाईकोर्ट ने विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को जारी किया नोटिस

Politalks.News/Rajasthan/Malinga. राजस्थान के धौलपुर जिले के बाड़ी में बिजली विभाग में कार्यरत JEN-AEN मारपीट प्रकरण को लेकर जमानत पर रिहा हुए बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. राजस्थान हाईकोर्ट ने मारपीट मामले में विधायक मलिंगा व अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों ना मलिंगा को मिली जमानत को रद्द कर दी जाए? हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस फरजंद अली ने यह आदेश याचिकाकर्ता एईएन हर्षदापति की याचिका पर दिए. याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा गया कि हाइकोर्ट ने गत 17 मई को विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे. इसके बाद अगले ही दिन मलिंगा कोरोना से मुक्त हो गया और 19 मई को विधायक ने शक्ति प्रदर्शन किया. यही नहीं विधायक मलिंगा ने अपने भाषण में धमकी देते हुए कहा कि जनता की तरफ आंख उठाई तो आंख निकाल लेंगे. याचिका में कहा गया कि आरोपी ऐसे भाषण देकर वह याचिकाकर्ता को भी डराना चाहता है.

राजस्थान हाईकोर्ट में दायर याचिका में पीड़ित एईएन हर्षदापति ने कहा गया कि उसने बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ धौलपुर के बाड़ी थाने में मारपीट और एससी-एसटी एक्ट का मामला दर्ज कराया था. मामले में मुख्यमंत्री के कहने पर मलिंगा ने 11 मई को सीएमआर में आत्मसमर्पण किया था. वहीं निचली अदालत की ओर से 12 मई को जमानत अर्जी खारिज कर आरोपी को जेल भेजने के आदेश देने के बाद वह कोरोना पॉजिटिव हो गया. ऐसे में उसे जेल ना भेजकर अस्पताल के एसी कमरे में रखा गया.

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याचिका में आगे कहा गया कि हाइकोर्ट ने गत 17 मई को मलिंगा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे. इसके बाद अगले ही दिन वह कोरोना से मुक्त हो गया और 19 मई को उसने शक्ति प्रदर्शन करते हुए रोड शो निकाला, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए. इस दौरान उसने भाषण में कहा कि जनता की तरफ आंख उठाई तो आंख निकाल लेंगे. इसके अलावा मलिंगा के साथ कुछ अन्य विधायकों ने भी ऐसे ही भाषण दिए. याचिका में कहा गया कि आरोपी ऐसे भाषण देकर यह साबित करना चाहता है कि उसने जनता के हितों के लिए यह काम किया था. इसके अलावा वह अपने भाषण से याचिकाकर्ता को भी डराना चाहता है.

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता पिछले करीब 55 दिनों से अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती होकर इलाज करवा रहा है. वह खड़ा होना तो दूर की बात, सही ढंग से बैठने में भी असक्षम है. अदालत ने मलिंगा जमानत देते समय इस तथ्य को नहीं देखा कि याचिकाकर्ता किस स्थिति से गुजर रहा है. ऐसे में मलिंगा को दी गई जमानत को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मलिंगा सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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गौरतलब है कि बाड़ी विद्युत निगम कार्यालय में एईएन पद पर तैनात याचिकाकर्ता ने गत 31 मार्च को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कांग्रेस विधायक गिर्राज मलिंगा और करीब आधा दर्जन लोगों पर मारपीट का आरोप लगाया था. रिपोर्ट में कहा गया था कि विधायक मलिंगा अपने समर्थकों के साथ कार्यालय में आए और विधायक ने उनके सिर पर कट्टा तान दिया और जान से मारने की धमकी दी. वहीं विधायक के समर्थकों ने भी मारपीट की और दोनों पैर तोड़ दिए. AEN हर्षदापति ने पुलिस को दिए बयान में विधायक पर मारपीट करने का आरोप लगाया था. वहीं JEN नितिन गुलाटी ने मारपीट का आरोप लगाया था. घटना के कुछ दिनों बाद सीएम के कहने पर मलिंगा ने समर्पण किया था. कोर्ट की ओर से मलिंगा को जेल भेजने के बाद कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं बीते दिनों हाइकोर्ट ने मलिंगा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे.

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