Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश के 20 जिलों की 90 निकायों में अध्यक्ष के लिए आज हुए चुनाव में 48 निकायों में कांग्रेस और 37 निकायों में भाजपा अपने अध्यक्ष बनाने में कामयाब रही है, जबकि 3 निकायों में निर्दलीय, एक निकाय में NCP और एक निकाय में RLP का अध्यक्ष चुना गया है. ऐसे में सत्ताधारी दल होने के बावजूद चुनाव से पहले 50 से ज्यादा निकायों में अध्यक्ष बनाने का दावा करने वाली कांग्रेस 50 का आंकड़ा पार नहीं कर सकी है. वहीं दूसरी तरफ 37 निकायों में जीत की खुशी मना रही बीजेपी 13 निकायों में निर्दलीयों के सहारे अपना बोर्ड बनाने में कामयाब रही है.
वहीं सारे कयासों को धता बताते हुए इन सबमें सबसे बड़े अजमेर नगर निगम में एक बार फिर भाजपा ने अपना हक साबित किया है. अगर युवा पालिका अध्यक्ष की बात करें तो चूरू के सुजानगढ़ में नीलोफर, 28 की उम्र में सबसे युवा अध्यक्ष चुने गए. वहीं बीकानेर के नोखा में NCP का अध्यक्ष बना तो नागौर के मुंडवा में हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी अपना अध्यक्ष बनाने में कामयाब रही है. जबकि नागौर नगर परिषद, उदयपुर के भिंडर, भीलवाड़ा के गंगापुर में निर्दलीय प्रत्याशी अध्यक्ष बने हैं. सबसे दिलचस्प कुल 90 अध्यक्षों में से 11 अध्यक्ष केवल साक्षर और 2 अशिक्षित अध्यक्ष चुने गए हैं.
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38 साल बाद कांग्रेस ने हाइब्रीड फॉर्मूले से बनाया अपना बोर्ड
इन निकायों चुनाव में कांग्रेस ने अपने ईजाद किए हाइब्रिड फॉर्मूले के जरिए कुचामन नगर पालिका में कांग्रेस के हाइब्रीड प्रत्याशी आसिफ खान ने भाजपा प्रत्याशी हरीश कुमावत को हराया. भाजपा के 18 और कांग्रेस के 20 पार्षद चुनकर आए थे. 7 निर्दलीय जीते, लेकिन भाजपा की ओर से हुई क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस के प्रत्याशी को 44 वोट मिल गए. बता दें, यहां 38 साल बाद कांग्रेस का बोर्ड बना है.
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भतीजे ने चाचा को हराया तो झुंझुनूं के दो निकायों में भाजपा ने चौंकाया
बीकानेर के नोखा में एक बार फिर नारायण झंवर ने एनसीपी के टिकट पर जीत दर्ज कर अपने चाचा और भाजपा प्रत्याशी श्रीनिवास झंवर को हराया. बता दें, यहां झंवर परिवार की ही आमतौर पर जीत होती है, चाहे वह किसी भी दल से हो. वहीं झुंझुनूं जिले में 8 में से एक में भी भाजपा की जीत तय नहीं थी. माना जा रहा था कि निर्दलीय और कांग्रेस के ही बोर्ड बनेंगे. जबकि निर्दलीय पीछे छूट गए और भाजपा ने इनमें से दो पर कब्जा कर लिया. कांग्रेस से भी पार्षदों की क्रॉस वोटिंग को कारण बताया जा रहा है.