Politalks.News/MadhyaPradesh. दो चरणों में हुए मध्यप्रदेश नगर निकाय चुनावों के परिणाम घोषित हो चुके हैं. इसके साथ ही एमपी की ‘शहर सरकार’ की तस्वीर भी साफ हो गई है. 16 नगर निगमों में बीजेपी के 9, कांग्रेस के 5 महापौर प्रत्याशी जीते हैं. वहीं इस चुनाव में सबसे चौंकाने वाला नतीजा सिंगरौली और कटनी का रहा जहां सिंगरौली में आम आदमी पार्टी की मेयर बनीं है तो वहीं कटनी में जनता ने बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ीं प्रत्याशी को मेयर चुना. भले ही बीजेपी अपने प्रदर्शन से खुश है लेकिन चंबल उनके लिए चिंता का विषय बन गया है. पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर और अब केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गढ़ मुरैना में भी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. वहीं आम आदमी पार्टी और AIMIM ने भी इस चुनाव में अपनी ताकत से कांग्रेस और बीजेपी को झटका दिया है.
मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपना दबदबा कायम रखा है. पार्टी ने 16 में से 9 नगर निगम में मेयर का पद हासिल किया है लेकिन पार्टी के दिग्गज इस नतीजे से खुश नहीं हैं. इससे पहले 2015 में हुए चुनाव में भाजपा ने सभी 16 नगर निगम में भगवा परचम लहराया था. ये चुनाव जहां बीजेपी के लिए थोड़े दर्द भरे हैं तो वहीं कांग्रेस नतीजों को देखकर मंत्रमुग्ध है. क्योंकि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सेमीफाइनल कहे जा रहे इस चुनाव में चंबल क्षेत्र ने भाजपा की परेशानी बढ़ा दी है. पहले चरण में जहां बीजेपी को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में हार का सामना करना पड़ा तो अब केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना में भी पार्टी को पराजय मिली है.
मुरैना में मिली हार को पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. मुरैना में कांग्रेस प्रत्याशी शारदा सोलंकी ने 14 हजार 600 वोट से भाजपा की मीना जाटव को हराया है. कांग्रेस को मुरैना के अलावा रीवा में भी मेयर पद पर जीत मिली है. इससे पहले कांग्रेस ने ग्वालियर, जिसे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर का गढ़ माना जाता है, वहां भाजपा की उम्मीदवार सुमन शर्मा को कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सिकरवार से करारी हार मिली है. ग्वालियर के बाद मुरैना में मिली हार बीजेपी के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. हालांकि सियासी जानकारों का मानना है कि निकाय चुनाव के परिणामों का विधानसभा चुनाव में कोई खासा असर नहीं देखने को मिलता है.
आपको बता दें कि, पहले चरण की मतगणना 17 जुलाई को हुई थी. इसमें 11 नगर निगमों के वोट गिने गए थे जिसमें बीजेपी ने सात, कांग्रेस ने तीन और आप ने एक सीट जीती थी. वहीं दूसरे चरण की बुधवार को हुई मतगणना में बीजेपी और कांग्रेस ने 2-2 और एक सीट निर्दलीय ने जीती है. बुधवार को मतगणना में बीजेपी ने देवास और रतलाम, कांग्रेस ने मुरैना और रीवा के मेयर सीट पर जीत दर्ज की. वहीं कटनी में बीजेपी की बागी ने पार्टी को तगड़ा झटका दिया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र कटनी में उन्हें जोर का झटका लगा है. बीजेपी की बागी प्रत्याशी प्रीति सूरी ने बीजेपी प्रत्याशी ज्योति को 5 हजार से ज्यादा वोट से मात दी है.
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बात करें रीवा की तो वहां कांग्रेस प्रत्याशी अजय मिश्रा ने करीब 9 हजार वोटों से बीजेपी के प्रत्याशी प्रबोध व्यास को हराया. कांग्रेस ने दो दशक बाद रीवा के मेयर का चुनाव जीता है. वहीं आम आदमी पार्टी और AIMIM ने भी इस चुनाव में अपनी ताकत दिखाकर कांग्रेस और बीजेपी को झटका दिया है. मध्यप्रदेश में पहली बार नगरीय निकाय चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (आप) को रविवार को हुई वोटों की गिनती में बेहतर परिणाम मिले हैं. पार्टी को महापौर की एक और पार्षदों की 17 सीटों पर जीत मिली है. सिंगरौली नगर निगम में महापौर पद के लिए आप प्रत्याशी रानी अग्रवाल को जीत मिली है. वहीं AAP की तरह पहली बार नगर निकाय चुनाव लड़ रही AIMIM के लिए भी आए चुनावी परिणाम ख़ुशी से भरे रहे.
मध्यप्रदेश में पहली बार नगरीय निकाय चुनाव लड़ने वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन को बुधवार को घोषित परिणाम में पार्षदों की तीन सीटों पर जीत मिली है. इसी के साथ इस महीने के पहले पखवाड़े में हुए नगरीय निकाय चुनाव में एआईएमआईएम के जीते हुए पार्षदों की संख्या अब बढ़कर सात हो गई है. वार्ड नंबर 2 से एआईएमआईएम प्रत्याशी अरूणा बाई उपाध्याय ने भाजपा प्रत्याशी सुनीता देवी को 31 मतों से हराया, जबकि वार्ड नंबर 15 से एआईएमआईएम प्रत्याशी शकील खान ने निर्दलीय प्रत्याशी आसिफ खान को 662 मतों से पराजित किया है. बता दें कि पहले चरण में 11 नगर निगम में वोटिंग हुई थी जिसके नतीजे 17 जुलाई को आ चुके हैं. भोपाल, इंदौर, खंडवा, बुरहानपुर, उज्जैन, सागर और सतना में BJP ने जीत हासिल की थी. तो वहीं कांग्रेस ने जबलपुर, ग्वालियर और छिंदवाड़ा पर कब्जा जमाया. सिंगरौली में आम आदमी पार्टी की रानी अग्रवाल महापौर चुनी गईं.