Politalks.News/RajasthanVidhansabha. राजस्थान की 15वीं राजस्थान विधानसभा का 7वां सत्र आज से फिर शुरू हो गया है. लेकिन प्रदेश की कानून व्यवस्था एवं गायों में फैले लम्पि वायरस को लेकर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया. यहां तक की बीजेपी के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को 3 बार स्थगित करना पड़ा. वहीं इससे पहले आज सुबह विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले सदन में सवाल पूछने का विधायकों का कोटा खत्म होने पर नए कोटे की मांग को लेकर बीजेपी नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के कक्ष में धरना भी दिया. इसके बाद हुई सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी ने जमकर हंगामा किया और कटारिया ने कहा कि, ‘विधानसभा बजट सत्र का सत्रावसान नहीं करके सीधे पिछले सत्र की बैठक बुलाई गई है. साथ ही विधायकों के सवाल पूछने पर भी बैन लगा दिए जो की हमारे अधिकारों का हनन है.’ तो प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने कहा कि, ‘ये किस मुंह से बोल रहे हैं. बीजेपी राज में इन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी थी.’ यही नहीं बीजेपी विधायक तो विरोध प्रदर्शन के लिए गाय ही विधानसभा ले आए.
सोमवार से शुरू हुए 15वीं विधानसभा के 7वें सत्र के दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ. विधानसभा का पहला दिन विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया. बिना सत्रवासन के दूसरा चरण बुलाए जाने से नाराज भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के कक्ष में पहुंचकर धरना दिया. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां सहित कई भाजपा विधायक धरने में मौजूद रहे. इसके बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा विधायक हंगामा करते हुए वेल में आ गए. जिसके बाद अध्यक्ष सीपी जोशी ने विधायकों को समझने की कोशिश की और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को बोलने की अनुमति दी. सदन की कार्यवाही को संबोधित करते हुए गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि, ‘राजस्थान में फरवरी माह के बाद जो कोई घटना हुई उसे विधानसभा के माध्यम से ही विधायक रख सकते हैं और अपनी बात कह सकते हैं.’
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नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने आगे कहा कि, ‘मुझे इस विधानसभा में लंबे समय तक रहने का सौभाग्य मिला लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है जब बिना सत्रवासन किए सरकार ने मौजूदा सत्र के ही दूसरे चरण को बुला लिया. ऐसे में जिन विधायकों के द्वारा प्रश्न पूछे जाने का कोटा पूरा हो गया उन्हें अतिरिक्त प्रश्न पूछने की भी अनुमति नहीं है. पिछले 6 महीने में खूब उठापटक हुई,जिस पर सवाल बनते हैं. लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि विधायक सवाल नहीं पूछ सकते हैं. जिन विधायकों के 100 सवाल का कोटा पूरा हो गया, उन्हें सवाल पूछने से बैन कर दिया गया है. इससे हमारे अधिकारों का हनन किया गया है.’ इसके बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिए गया.
कुछ समय बाद जब सदन कि कार्यवाही पुनः शुरू हुई तो विपक्ष वैल में आकर हंगामा करने लगा. हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की हल्की नोकझोंक भी हुई. सीपी जोशी ने कहा कि, ‘कटारिया जी आप पूर्व में मंत्री भी रहे हैं और सदन की परंपराएं अच्छी तरह जानते हैं. यदि आप अध्यक्ष की गरिमा कम करना चाहते हैं तो करिए.’ इसके बाद दिवंगत नेताओं को सदन में शोकाभिव्यक्ति दी गई और सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. वहीं बीजेपी के आरोपों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की प्रतिक्रिया भी सामने आई. डोटासरा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘ये किस मुंह से बोल रहे हैं. बीजेपी राज में इन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी थी.’
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वहीं बीजेपी के पुष्कर विधायक सुरेश रावत लंपी बीमारी और गायों की मौतों को लेकर विरोध जताने के लिए एक गाय लेकर विधानसभा पहुंच गए. विधानसभा के बाहर से ही गाय रस्सी छुड़ा कर भाग गई. गाय सड़क पर इस कदर भागी कि गाड़ियों से गुजर रहे लोगों में भी घबराहट फैल गई. इसके बाद विधायक रावत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘सरकार और पुलिस से नाराज होकर यह गाय भागी है. गाय की नाराजगी मुझसे नहीं है क्योंकि मैंने तो 10 लाख रुपए दिए हैं. विधानसभा में लंपी और गायों की मौत का मुद्दा उठाया जाएगा.’ वहीं बीजेपी विधायक द्वारा गाय लाना और उसके भाग जाने पर गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि, ‘अब तो गौ माता को भी भाजपा की “नौटंकी” समझ आ गई, आज राजस्थान विधानसभा के सामने भाजपा की झूठी गौभक्ति की पोल खुद गौ माता ने खोली.’
बीजेपी के साथ साथ आरएलपी के तीन विधायकों ने विधानसभा के वेल में आकर लंपी से गायों को बचाने के स्लोगन लिखी तख्तियां लहराईं. तीनों बीजेपी विधायकों के साथ वेल में थे. आरएलपी विधायक दल के नेता पुखराज गर्ग, विधायक नारायण बेनीवाल और इंद्रा बावरी ने सदन में तख्तियां लहराकर विरोध जताया.