Rajendra Rathod on Congress Ministers. प्रदेश की सियासत में अभी ब्यूरोक्रेसी और सत्ता के बीच तालमेल पूरी तरह गड़बड़ाया हुआ है. हाल ही अफसरों की ACR को भरने को लेकर शुरू सियासी बयानबाजी के बाद मंत्रियों का अधिकारियों के प्रति दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आ रही हैं. ऐसे में अब प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ब्यूरोक्रेसी के बचाव में उतर गई है. इस मामले में कद्दावर भाजपा नेता और राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी कर कहा कि कभी दौसा में स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा द्वारा आरएएस अधिकारी को गेट आउट कहकर अपमानित करना और अब बीकानेर में पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा द्वारा भरी सभा में आईएएस अधिकारी को हॉल से बाहर निकालने की घटना से आहत होकर राजस्थान आईएएस एसोसिएशन द्वारा पत्र लिखना इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस राज में लगातार मंत्रियों द्वारा नौकरशाहों का अपमान किया जा रहा है.
आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि बीते रोज सोमवार को बीकानेर दौरे पर रहे मंत्री रमेश मीणा ने जिले के रविंद्र रंगमंच पर राजीविका के एक कार्यक्रम के दौरान जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद को न सिर्फ सार्वजनिक रूप से फटकारा बल्कि उन्हें कार्यक्रम से बाहर जाने के लिए भी कह दिया. दरअसल, मंच पर जारी संवाद कार्यक्रम के दौरान मंत्री रमेश मीणा अपने संबोधन में कलेक्टर को कुछ कहना चाह रहे थे, लेकिन इस दौरान कलेक्टर किसी से फोन पर बात कर रहे थे, इस पर मंत्री मीणा भड़क गए और कलेक्टर से इतने नाराज हो गए कि कलेक्टर को कार्यक्रम से ही बाहर जाने को कह दिया. वहीं अपने अधिकारी का इस तरह अपमान देखकर कलेक्ट्रेट कार्यालय के कर्मचारी भड़क गए और नारेबाजी के साथ संभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंच कर अपना विरोध दर्ज करवाया. कर्मचारियों ने कहा कि, ‘मंत्री का इस तरह का व्यवहार निंदनीय है, जिला कलेक्टर को लेने होते हैं कई महत्वपूर्ण कॉल.’
यह भी पढ़ें: राजेन्द्र गुढ़ा ने किया एक डायरी का खुलासा, जिससे मच सकता था गहलोत सरकार में सियासी बवाल
वहीं इससे पहले नवम्बर के प्रथम सप्ताह में गहलोत सरकार में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने दौसा कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक के दौरान विधायक कोष से स्वीकृत किए कार्यों में लेटलतीफी को लेकर जिला परिषद के सीईओ शिवचरण मीणा को ‘गेट आउट’ कहते हुए मीटिंग से बाहर निकाल दिया था. मंत्री परसादी लाल मीणा की नाराजगी को देखते हुए, बिना देर किए आरएसएस अधिकारी भी बैठक से निकलकर सीईओ जिला परिषद कार्यालय पहुंच गए, इस बीच उनको ‘गेट आउट’ करने वाली बात का वीडियो वायरल हो गया, जिसको लेकर कई दिनों सियासी ब्यानब8का दौर जारी रहा था. ऐसे में अब मंत्री रमेश मीणा द्वारा आईएएस अफसर को बेइज्जत करने के मामले में विपक्ष गहलोत सरकार पर हमलावर हो गया है.
यह भी पढ़ें: पायलट को मुख्यमंत्री बनाकर साथ लाएं तो करेंगे राहुल गांधी का स्वागत, अन्यथा…- बैंसला का बड़ा बयान
दिग्गज भाजपा नेता और पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने गहलोत सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि राजस्थान के इतिहास में पहली बार है जब राजस्थान आईएएस एसोसिएशन को मंत्रियों द्वारा लगातार ब्यूरोक्रेसी पर की जा रही अमर्यादित टीका-टिप्पणी व दुर्व्यव्हार के कारण मजबूर होकर पत्र लिखकर अपनी पीड़ा व आक्रोश जताना पड़ रहा है. राठौड़ ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी जनता व सरकार के मध्य की महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं और सरकार की विभिन्न नीतियों, योजनाओं व कार्यक्रमों का निर्धारण से लेकर क्रियान्वयन तक का सारा जिम्मा भी इन्हीं के पास होता है. लेकिन राज्य में दुर्भाग्यजनक है कि कांग्रेस के मंत्री लगातार रूप से प्रशासनिक अधिकारियों का अपमान कर उन्हें जनता की अदालत में अपमानित करने का कुकृत्य कर रहे हैं.
वहीं मामले को प्रदेश कांग्रेस में चल रही आपसी खींचतान से जोड़ते हुए विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने आगे कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी की चक्की में प्रशासनिक अधिकारी पीसने को मजबूर हो रहे हैं. राज्य में पहले सत्तारूढ़ दल में आंतरिक कलह तो जगजाहिर थी ही और अब सत्ता के मद में चूर अहंकारी मंत्रियों के रवैये के कारण नौकरशाहों के साथ भी अंतर्द्वंद्व प्रारम्भ हो गया है.