Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के करोली में हुई साम्प्रदायिक हिंसा और अलवर के राजगढ़ में तोड़े गए 300 साल पुराने मंदिरों को लेकर सियासत अपने शीर्ष पर है. अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए बीजेपी अब प्रदेश सरकार को घेरने के लिए कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती. बीजेपी नेताओं द्वारा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुगलों से तुलना करने वाले बयान पर अब कांग्रेस ने पलटवार किया है. गहलोत सरकार में खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तुलना अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर से किए जाने पर निशाना साधा है. खाचरियावास ने कहा कि, ‘बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का दिमाग ठिकाने पर नहीं है, उन्हें पढ़ना चाहिए कि बहादुर शाह जफर दिल्ली के वह बादशाह थे, जिनके पूरे खानदान को अंग्रेजों ने तोपों के सामने बांधकर उड़ा दिया था.’
करौली में हुए साम्प्रदायिक दंगों और अलवर में मंदिर तोड़ने के बाद गमाई राजनीति अब भी शांत होने का नाम नहीं ले रही है. इसी कड़ी में रविवार को भोपाल पहुंचे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि, ‘अशोक गहलोत राजस्थान में कांग्रेस के लिए बहादुरशाह जफर साबित होंगे.’ पूनिया ने आगे कहा कि, ‘राजस्थान में करौली की घटना हुई है. लगातार साम्प्रदायिक तरीके से कांग्रेस पार्टी ने वोट बैंक तु्ष्टीकरण करने के काम किए. रामनवमी और हिन्दू नववर्ष पर जुलूस पर रोक लगाई. 17 जिलों में धारा 144 थोपी. बीजेपी पार्टी और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को पाबंद किया गया. इन सभी चीजों को लेकर ऐसा लगता है कि राजस्थान में अशोक गहलोत कांग्रेस के ‘बहादुर शाह जफर’ साबित होंगे. 2023 विधानसभा चुनाव और उसके बाद राजस्थान में कांग्रेस की किसी तरह की गुंजाइश नहीं दिखती है.’ सतीश पूनियां के इस बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया.
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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां के बयान पर पलटवार करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘मुझे नहीं मालूम कि पूनिया ने क्या कहा, लेकिन जो कुछ कहा-सुना जा रहा है, वह कोई नई बात नहीं है. पूरे देश के अंदर तनाव और हिंसा का माहौल है. संविधान और कानून की धज्जियां उड़ रही हैं. उनका बोलना उसका ही एक पार्ट है. RSS और BJP ने तय कर रखा है कि हमें इस देश को किस प्रकार बांटना है. हिंदू-मुस्लिम के बीच, धर्मों के बीच, जाति के बीच बांटना उनके एजेंडा का पार्ट है. ये अभी तो शुरुआत है. आने वाले समय में और बड़े अटैक बीजेपी के लोग करेंगे.’ वहीं अशोक गहलोत सरकार में खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए सतीश पूनियां को आड़े हाथ लिया.
प्रताप सिंह खाचरियावास ने सोमार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘बहादुर शाह जफर ने तो भारत की आजादी के लिए पूरे परिवार का बलिदान दिया था. जब देश की पहली क्रांति हुई तो तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई ने बहादुर शाह जफर को अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में नेतृत्व करने को कहा और बहादुर शाह जफर ने भी 95 साल की उम्र में घोड़े पर बैठकर लड़ाई लड़ी. वह क्रांति भले ही असफल हुई, उसमें लक्ष्मीबाई मारी गईं, तात्या टोपे मारे गए और बहादुर शाह जफर भी शहीद हुए. आज बहादुर शाह जफर की फैमिली का कोई भी सदस्य दिल्ली में इसलिए नजर नहीं आता, क्योंकि उनकी संतानों को अंग्रेजों ने तोपों से बांधकर उड़ा दिया था.’ खाचरियावास ने आगे कहा कि, ‘ऐसे लोगों पर बयान देने वाले नेताओं की नीति खराब है. इनका अंत होगा, क्योंकि इनकी मति भगवान ने हर ली है.
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मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आगे कहा कि, ‘भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा के तमाम नेताओं का मानसिक संतुलन तो उसी दिन बिगड़ गया था, जब वल्लभनगर में जमानत जब्त हुई और धरियावद में तीसरे स्थान पर रहे. नगर निगम, नगरपालिका और पंचायत चुनाव हारे और उससे भी ज्यादा मानसिक संतुलन उस दिन बिगड़ गया, जब राजस्थान का बजट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेश किया. अब तो भाजपा के नेता केवल हमें गालियां नहीं दे रहे, और बाकी उसके अलावा कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं.’