महाराज सिंधिया के साथ मिलकर अनाज घोटाले के लिए ही बनाई थी सरकार?- शिवराज पर कांग्रेस’वार’

मध्यप्रदेश में मामा की सरकार में हुआ मिड डे मील घोटाला, कांग्रेस ने खोला मोर्चा- मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने पहले व्यापम घोटाले से युवाओं का भविष्य बर्बाद किया‌ था और अब किया है गरीब बच्चों और गर्भवती महिलाओं के साथ अन्याय, शिवराज को अब अपनी काली कमाई के धनबल पर इतना भरोसा हो गया है कि वे समझते हैं कि सभी हैं बिकाऊ, ज्योतिरादित्य सिंधिया को लपेटा कांग्रेस ने

मध्यप्रदेश में मामा का अनाज घोटाला !
मध्यप्रदेश में मामा का अनाज घोटाला !

Politalks.News/MadhyaPradesh. मध्यप्रदेश में अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. लेकिन इससे पहले सामने आये अनाज घोटाले ने प्रदेश की शिवराज सरकार की नींद उड़ा दी है. मध्य प्रदेश के एकाउंटेंट जनरल की 36 पन्नों की एक गोपनीय रिपोर्ट ने महिला बाल विकास विभाग में बड़ा घोटाला उजागर किया है. इस रिपोर्ट में सामने आया है कि करोड़ों का कई किलो वज़नी पोषण आहार कागजों में ट्रक पर आया लेकिन जांच में वो मोटरसाइकिल, ऑटो पर दिखाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक लाखों ऐसे बच्चे जो स्कूल नहीं जाते उनके नाम पर भी करोड़ों का राशन बांट दिया गया है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि जो मंत्रालय खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है उसमें इतना बड़ा घोटाला आखिर कैसे हुआ? इस घोटाले के सामने आने के बाद कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि, ‘क्या मामा ने ऐसे घोटाले करने के लिए ही महाराज (सिंधिया) के साथ तोड़फोड़ कर के सरकार बनाई थी?’

सोमवार को मध्यप्रदेश की सियासत उस समय गरमा गई जब मध्य प्रदेश की पोषण आहार योजना में बड़े घोटाले की बात सामने आई. ये मामला अपने आप में इसलिए भी बड़ा है क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद इस मंत्रालय के मुखिया हैं. महिला बाल विकास विभाग में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी, लाभार्थियों की पहचान में अनियमितता, स्कूली बच्चों के लिए महत्वाकांक्षी मुफ्त भोजन योजना के वितरण और गुणवत्ता नियंत्रण में गड़बड़ी पायी गयी है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि छह कारखानों से 6.94 करोड़ रुपयों की लागत के 1,125.64 मीट्रिक टन राशन का परिवहन किया गया था, लेकिन परिवहन विभाग से सत्यापन करने पर पता लगा कि ट्रकों के जो नंबर दिये गये हैं उन पर मोटरसाइकिल, कार, ऑटो और टैंकर पंजीकृत हैं. बता दें कि ये रिपोर्ट 2021 के लिए टेक होम राशन (टीएचआर) योजना के लगभग 24 प्रतिशत लाभार्थियों की जांच पर आधारित थे.

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मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत 49.58 लाख पंजीकृत बच्चों और महिलाओं को पोषण आहार दिया जाना था. इनमें 6 महीने से 3 साल की उम्र के 34.69 लाख बच्चे, 14.25 लाख गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली मां और 11-14 साल की लगभग 64 हजार बच्चियां शामिल थीं जिन्होंने किसी कारणवश स्कूल छोड़ दिया है. रिपोर्ट की जांच के दौरान, यह पाया गया कि आठ जिलों के 49 आंगनबाडी केन्द्रों में केवल तीन स्कूल न जाने वाली लड़कियों का पंजीकरण किया गया था. हालांकि, उन्हीं 49 आंगनवाड़ी केंद्रों के तहत, डब्ल्यूसीडी विभाग ने 63,748 लड़कियों को सूचीबद्ध किया और 2018-21 के दौरान उनमें से 29,104 की मदद करने का दावा भी किया था.

साफ तौर पर यहां आकड़ों में हेर फेर करके 110.83 करोड़ रुपये के मूल्य के राशन का फर्जीवाड़ा हुआ है. फिलहाल इस पुरे मामले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुप्पी साधी हुई है तो वहीं कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बिना निशाना साधा. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने पहले व्यापम घोटाले से युवाओं का भविष्य बर्बाद किया‌ था. अब ग़रीब बच्चों और गर्भवती महिलाओं के साथ अन्याय! क्या मामा ने ऐसे घोटाले करने के लिए ही महाराज के साथ तोड़फोड़ कर के सरकार बनाई थी?’ वहीं सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि, ‘मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के रोज़ नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं. मामू को अब अपनी काली कमाई के धनबल पर इतना भरोसा हो गया है कि वे समझते हैं कि सभी बिकाऊ हैं.’

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वहीं प्रशांत भूषण ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘मामा का अनाज घोटाला ! परिवहन ट्रक जो मोटरसाइकिल पाए गए! लाभार्थियों की संख्या में बेतहाशा अतिशयोक्ति. राज्य के ऑडिटर ने पाया कि बच्चों के लिए मप्र सरकार के पोषण कार्यक्रम में भ्रष्टाचार के स्तर में वृद्धि हुई है, जिससे वे कुपोषित हो गए हैं.’

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