Politalks.News/Maharashtra. महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन को हुए समय बीत चूका है लेकिन प्रदेश में अब दशहरा रैली को लेकर सियासत तेज हो गई है. मुंबई के शिवाजी पार्क में होने वाली दशहरा रैली को लेकर शिवसेना के दोनों उद्धव और शिंदे गुट आमने-सामने आ गए हैं. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने जहाँ दो टूक शब्दों में कहा है कि हर बार की तरह इस बार दहशरा रैली शिवाजी पार्क में ही होगी. लेकिन अभी तक BMC की तरफ से उद्धव ठाकरे गुट को रैली की इजाजत नहीं मिली है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या उद्धव ठाकरे को शिवाजी पार्क में दशहरे पर आयोजित होने वाली शिवसेना की सालाना रैली को संबोधित करने का मौका नहीं मिल पाएगा? इस बीच केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने उद्धव ठाकरे को चुभने वाली सलाह देते हुए कहा कि, ‘असली शिवसेना तो एकनाथ शिंदे की है और इसलिए रैली करने की अनुमति उन्हें ही मिलनी चाहिए. उद्धव ठाकरे को शिवाजी पार्क की बजाय कहीं और रैली कर लेनी चाहिए.’ यही नहीं BMC चुनाव को लेकर भी रामदास अठावले का बड़ा बयान सामने आया है.
दरअसल, महाराष्ट्र में विजयदशमी के दिन मुंबई के शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करने के लिए शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के साथ-साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट ने भी आवेदन किया है. शिवसेना के दोनों गुट शिवाजी पार्क में रैली करके अपने-अपने वर्चस्व का संकेत देना चाहते हैं. लेकिन दोनों गुटों के बीच चल रही सियासी खींचतान का अन्य दल भी भरपूर मजा ले रहे हैं. शिंदे गुट के साथ गठबंधन कर सत्ता पर काबिज हुई बीजेपी एवं उनके सहयोगी दल इस रैली को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को लेकर सियासी बयानबाजी कर रहे हैं. अब इस बयानबाजी में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय संयोजक अठावले ने चुटकी लेते हुए अपने ही अंदाज में उद्धव ठाकरे को नसीहत दी है. मंगलवार को एक निजी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अठावले ने कहा कि, ‘उद्धव ठाकरे को इस रैली की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए.’
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रामदास अठावले ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास दो तिहाई बहुमत है. इसलिए मुंबई नगर निगम उन्हें शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति दे. अगर देखा जाए तो असली शिवसेना भी एकनाथ शिंदे की ही है. उनके बहुमत के साथ साथ कार्यकर्ताओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है. इसलिए असली शिवसेना को दशहरा सभा की अनुमति मिलनी चाहिए. नगर निगम शिवाजी पार्क में केवल एकनाथ शिंदे को ही अनुमति दे. यदि मनसे के कार्यकर्ता रैली करना चाहते हैं तो वे भी बैठक करें. सभी को एकजुट होने और रैलियां करने का अधिकार है. उद्धव ठाकरे को शिवाजी पार्क की बजाय कहीं और रैली कर लेनी चाहिए. हमारी सभा तो नागपुर में है वरना हम भी इकट्ठे होते.’ रामदास अठावले ही नहीं बीजेपी के कई दिग्गज नेता भी यही चाहते हैं कि उद्धव ठाकरे को शिवाजी पार्क में रैली की अनुमति ना मिले.
बता दें कि कुछ दिनों पहले शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे ने एक बयान में कहा था कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस बार शिवसेना की रैली शिवाजी पार्क में नहीं होने देना चाहते. जबकि उसके बाद उद्धव ठाकरे यह भरोसा जता चुके हैं कि उनकी रैली शिवाजी पार्क में ही होगी. शिवसेना से अलग होने के बावजूद शिंदे गुट खुद को ही असली शिवसेना होने का दावा करता आ रहा है. वहीं भाजपा नेताओं की राज ठाकरे से मुलाकात को लेकर भी रामदास अठावले की प्रतिक्रिया सामने आई है.
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रामदास अठावले ने कहा कि, ‘राज ठाकरे की तबीयत ठीक नहीं थी. ऐसे में उनसे मुलाकात करने में कोई दिक्कत नहीं है. इसे मुंबई नगर निकाय चुनाव से जोड़ने की जरूरत नहीं है. भाजपा, आरपीआई और शिंदे समूह एकजुट हैं. हमारा गठबंधन बीएमसी चुनाव में जीत हासिल करने में सफल होगा. मुंबई नगर निगम के पिछले चुनाव में बीजेपी और आरपीआई के बीच गठबंधन हुआ था और हमने 82 सीटें जीतीं. अब बहुमत के लिए 114 से ज्यादा सीटें जीतने में कोई दिक्कत नहीं है.’
वहीं रामदास अठावले ने बीजेपी को चेताते हुए कहा कि, ‘BMC चुनाव में अगर राज ठाकरे को साथ लिया गया तो बीजेपी हार सकती है. राज ठाकरे को साथ लाने से उत्तर भारतीय, गुजराती और दक्षिणी मतदाताओं का वोट भाजपा को नहीं मिलेगा और इससे नुकसान होगा. इसलिए राज ठाकरे को साथ लाने की जरूरत नहीं है. आरपीआई भाजपा के पीछे मजबूती से खड़ी है. हम दलित वोटों और बौद्ध वोटों को पक्ष में लाने में सक्षम हैं.’