Politalks.News/Rajasthan/JodhpurViolence. राजस्थान इन दिनों तपती धुप के साथ साथ साम्प्रदायिक हिंसा से भी झुलस रहा है. ईद और अक्षय तृतीया के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह क्षेत्र जोधपुर में दो समुदाय आपसे में भीड़ गए. दोनों समुदायों के बीच झंडे और लाउडस्पीकर को लेकर थोड़ी बहस हुई जिसके बाद इस बहस ने विकराल रूप ले लिया और नौबत हाथापाई तक जा पहुंची. वहीं जालोरी गेट चौराहा पर ईद के झंडे और बैनर लगाने को लेकर हुए विवाद में सोमवार रात से मंगलवार अलसुबाह तक पुलिस ने शांति बनाकर ईदगाह में नमाज अदा करवा दी. लेकिन नमाज के बाद एक बार फिर जालोरी गेट सर्किल पर बवाल शुर हो गया. इस पुरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की तो वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और बीजेपी विधायक सूर्यकांता व्यास धरने पर बैठ गए. वहीं इस मामले को लेकर अब सियासत भी शुरू हो गई है.
आपको बता दें कि इस विवाद की शुरुआत सोमवार देर रात के बाद हुई जब अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ सदस्य ईद के मौके पर जालोरी गेट के पास एक चौराहे पर धार्मिक झंडे लगा रहे थे. इसमें कहा गया है कि लोगों ने चौराहे में स्थापित स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर झंडा लगाया जिसका हिंदू समुदाय के लोगों ने विरोध किया. उन्होंने आरोप लगाया कि वहां परशुराम जयंती पर लगाए गए भगवा ध्वज को हटाकर इस्लामी ध्वज लगा दिया, इसको लेकर दोनों समुदाय के लोग आमने सामने आ गए और झड़प हो गई. दोनों समुदायों के बीच हुई इस झड़प ने बाद में विकराल रूप धारण कर लिया. दोनों तरफ से हुए पथराव में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने जमा भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. फिलहाल जोधपुर में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए जोधपुर के 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है. वहीं, जिले में आज रात 12 बजे तक इंटरनेट बंद किया गया है.
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कैसे जैसे रात को इस मामले को पुलिस ने शांत करवाया लेकिन मंगलवार को ईद की नमाज के बाद तनाव फिर बढ़ गया. पुलिस ने बताया कि कुछ लोगों ने जालोरी गेट के पास के इलाके में पथराव किया जिसमें कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं मंगलवार सुबह उपद्रवियों ने जालोरी गेट के नजदीक स्थित सूरसागर से भाजपा विधायक सूर्यकांता व्यास के घर के बाहर भी जमकर हंगामा किया. यहां दंगाइयों ने एक बाइक भी फूंक दी. विधायक के घर के बाहर माहौल बिगड़ता देख डीसीपी वेस्ट भुवन भूषण यादव यहां पहुंचे और उपद्रवियों को यहां से खदेड़ा. पूरे क्षेत्र को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया है. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत जालोरी गेट पहुंचे और भाजपा विधायक सूर्यकांता व्यास के साथ धरने पर बैठ गए.
इस पुरे मामले को गंभीरता से लेते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में हुई इस हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. सीएम गहलोत ने एक ट्वीट और वीडियो शेयर करते हुए कहा कि, ‘जोधपुर में कल देर रात से जो तनाव पैदा हुआ है वो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. हमारे राजस्थान की, मारवाड़ की परम्परा रही है कि सभी समाज के, सभी धर्मों के लोग हमेशा, हर त्यौहारों पर भी प्रेम भाईचारे से रहते आए हैं, मैं अपील करना चाहूंगा कि तमाम लोग शांति बनाए रखें और तनाव समाप्त करें.’ वहीं इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम गहलोत ने अपने जन्मदिन के सभी कार्यक्रमों को रद्द करते हुए CMO पहुंचे पुलिस के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की.
आपको बता दें कि आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का 71वां जन्मदिन है तो वहीं इस मौके मुख्यमंत्री आवास के बाहर बधाई देने पहुंचे कार्यकर्ताओं एवं आगंतुकों से सीएम गहलोत ने अपील करते हुए कहा कि, ‘मैं जोधपुर में हुए घटनाक्रम पर निरंतर नजर बनाए हुए हूँ और अति व्यस्त हूं. अतः मैं आप लोगों से अपील करता हूं कि जन्मदिन की शुभकामना के संदेश भेज दें, कृपया मुख्यमंत्री निवास पर शुभकामना देने के लिए न पहुंचें. अभी मुलाकात के सारे प्रोग्राम निरस्त कर दिए हैं.’
वहीं इस मामले को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘जोधपुर में स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा जी की प्रतिमा पर भगवा ध्वज को उतारकर इस्लामिक झंडा लगाया गया और जिस तरीके से वहां हिंसा की गई जिससे साफ तौर पर यह जाहिर होता है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार का तुष्टीकरण रवैया उनके डूबने का सबसे बड़ा कारण बनेगा.’ पूनियां ने आगे कहा कि, ‘राजस्थान में कानून व्यवस्था चुनौती बनी हुई है. शांतिप्रिय प्रदेश राजस्थान जिसके मिसाल पुरे देश में दी जाती थी आज उस राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में तुष्टीकरण की राजनीति के बाद इस प्रदेश में अशांति और जिस तरीके से कनून व्यवस्था भंग हुई है वो प्रदेश के लिए चिंताजनक है. जोधपुर में जिस तरह सोमवार और मंगलवार को हिंसा की गई अराजकता फ़ैलाने की कोशिश की गई यह सिर्फ एक बानगी है नमूना है कि इस तरह की घटनाओं को सरकार का संरक्षण प्राप्त है.’
वहीं विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि, ‘हिन्दू नववर्ष के दिन करौली में दंगे के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहजिले जोधपुर के जालोरी गेट में हिंसक झड़प की घटना गहलोत सरकार के माथे पर कलंक है. गहलोत सरकार की तुष्टिकरण की नीति के कारण शांतिप्रिय राजस्थान में साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की दर्जनों भर घटनाएं हुई है.’
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राजेंद्र राठौड़ ने आगे कहा कि, ‘जोधपुर में हुई यह घटना पुलिस इंटेलीजेंस पर सवालिया निशान है. मुख्यमंत्री, स्वयं के गृह जिले में कारित हुई इस घटना का दोषारोपण अब किसको देंगे ? क्या अब वह अपनी आदत के अनुसार खुद की नाकामी का ठीकरा प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर फोड़ेंगे ? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जो राज्य के गृहविभाग के मुखिया भी है, उनके राज में मृत प्राय कानून व्यवस्था का ही प्रमाण है कि अब उनके गृहजिले जोधपुर में बेखौफ दंगाई खुलेआम आपसी भाईचारा और सद्भाव बिगाड़ते है और पुलिस हर बार की तरह बेबस व लाचार नजर आती है.’