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उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट से सपा प्रत्याशी रहे तेजबहादुर यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मामले पर एक दिन के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. बता दे कि अपनी उम्मीदवारी रद्द करने के आयोग के फैसले को तेजबहादुर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. तेजबहादुर 2017 में एक वीडियो के चलते चर्चा में आए थे जिसमें उन्होंने सेना को मिलने वाली सुविधाओं और खाने के बारे में बताया था. भारतीय सेना की बाते पब्लिक करने के आरोप में यादव को सेना से बर्खास्त कर दिया गया था.

तेज बहादुर यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि आयोग का फैसला पक्षपातपूर्ण और अतार्किक है. इस फैसले को बदला जाना चाहिए. तेज बहादुर यादव से पहले गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर सपा ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ शालिनी यादव को टिकट दिया था. बाद में पार्टी ने प्रत्याशी बदल बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को उम्मीदवार बनाया. चुनाव आयोग ने तेजबहादुर का नामांकन उनके द्वारा दाखिल दस्तावेजों में कमी के कारण रद्द किया गया है.

उनके द्वारा बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण (एनओसी) जमा करना था जिसमें बर्खास्तगी के कारण बताया होता है. तेजबहादुर आयोग के समक्ष यह दस्तावेज नहीं जमा करा पाए जिसके कारण उनका नामांकन चुनाव आयोग द्वारा रद्द कर दिया गया.

तेजबहादुर का नामांकन रद्द होने के बाद सपा ने यूपी की वाराणसी सीट से पहले घोषित की गई उम्मीदवार शालिनी यादव को ही उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने 2014 में प्रत्याशी रहे अजय राय पर भरोसा जताया है. बीजेपी की तरफ से नरेंद्र मोदी से यहां उम्मीदवार हैं.

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