एक ओर बिहार में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार अंतिम चरण में जोर पकड़ रहा है. वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के सियासी तेवर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. हाल के दिनों में उनके बयानों और पार्टी से दूरी के संकेतों ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, जनशक्ति जनता दल के अध्यक्ष तेजप्रताप बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं और पार्टी में शामिल होने को लेकर उनका रुख नरम हुआ है. वहीं भारतीय जनता पार्टी के खेमे से भी उन्हें ‘दरवाजे खुले होने’ का सकारात्मक संदेश दिया गया है.
तेजप्रताप ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली की सराहना कर सियासी संकेत और गहरे कर दिए हैं. हालांकि बीजेपी की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन बिहार की राजनीति में यह चर्चा जोरों पर है कि अगर तेजप्रताप भाजपा में शामिल होते हैं तो यह राजद परिवार के भीतर नई सियासी दरार का संकेत होगा.
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इस बात का पुख्ता इशारा तब मिला, जब पटना एयरपोर्ट पर राजनीति में विरोधी माने जाने वाले दो नेता साथ-साथ दिखे. बीजेपी के गोरखपुर सांसद रवि किशन और जेजेडी अध्यक्ष तेजप्रताप यादव ने एक-दूसरे को देखते ही हाथ मिलाया. दोनों ने एक दूसरे का हालचाल पूछा और मीडिया से चुनावी हलचल पर बातचीत भी की.
बीजेपी में एंट्री की संभावनाओं को गहरा करते हुए रवि किशन ने कहा कि तेजप्रताप बाबा भोलेनाथ के भक्त हैं और भोलेनाथ भक्तों के लिए बीजेपी के दरवाजे खुले हैं. वहीं तेजू भईया ने ये कहते हुए अटकलों को हवा दे दी कि हम भी टीका लगाते हैं, रवि किशन भी और वे बिहार के विकास करने वालों के साथ हैं. उसके बाद तेज प्रताप की बीजेपी में एंट्री को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गयी हैं.
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तेज प्रताप यादव एक भारतीय राजनेता तथा वर्तमान में बिहार विधानसभा में हसनपुर से विधायक है. यादव पूर्व में बिहार के महुआ विधानसभा क्षेत्र से भी विधायक एवं सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. इस बार महुआ विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं और राजद सहित बीजेपी के लिए चुनौती बने हुए हैं. राजद और परिवार से अलग होने के बाद तेज प्रताप ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ का गठन किया और कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारकर बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है. उनके लगातार बदलते बयानों और रुख से यह कयास तेज हो गए हैं कि वे बीजेपी के नजदीक आ रहे हैं.
अगर तेज प्रताप सच में बीजेपी का दामन थामते हैं तो यह बिहार की सियासत में बड़ा उलटफेर साबित हो सकता है और राजद परिवार के भीतर दरार को और गहरा कर सकता है. अब देखना होगा कि तेज प्रताप का अगला कदम बिहार की राजनीति में कौन सा नया मोड़ लाता है.



























