Floor Test in Maharashtra
Floor Test in Maharashtra

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के बीच ईवीएम-वीवीपैट मामले में विपक्ष को करारा झटका देते हुए उनकी वह याचिका कर दी, जिसमें कोर्ट से मांग की गई थी कि वह निर्वाचन आयोग को आदेश दें कि चुनाव के बाद वीपीपैट मशीन की आधी पर्चियों का ईवीएम के आंकड़ों से मिलान करवाया जाए. कोर्ट ने यह कहते हुए कि बार-बार एक ही मामले पर सुनवाई क्यों की जाए याचिका को नकार दिया. सुनवाई के दौरान कोर्ट में विपक्ष के दिग्गज नेता चंद्रबाबू नायडू, डी. राजा, संजय सिंह और फारूक अब्दुल्ला उपस्थित रहे.

बता दें कि टीडीपी व कांग्रेस सहित विपक्ष के 21 राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई कर सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के दरमियान इन्हें करारा झटका दिया है. कोर्ट ने विपक्ष की वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों का ईवीएम से मिलान करने की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है. विपक्षी दल सुप्रीम कोर्ट से यह आदेश निर्वाचन आयोग को दिलवाने का कह रहे थे लेकिन याचिका को खारिज कर सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि कोर्ट इस मामले को बार-बार क्यों सुने. साथ ही कोर्ट ने इस मामले में दखलअंदाजी से मना कर दिया है.

इसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता व कांग्रेसी नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि चुनाव नतीजों में किसी प्रकार की गलती सामने आने की स्थिति में निर्वाचन आयोग ने कोई नियम जारी नहीं किए हैं. इसी को लेकर हम कोर्ट गए थे. वहीं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि जब निर्वाचन आयोग ने उनकी बात को अनसुना किया था तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अब एक बार फिर से आयोग का रूख किया जाएगा. इसके अलावा नायडू ने कहा कि तीसरा व चौथा फ्रंट विपक्ष के साथ हैं और विपक्ष चुनाव के बाद अपना पीएम उम्मीदवार तय करेगा.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते महीने में ईवीएम-वीवीपैट मामले में एक फैसला दिया था जिसमें हर विधानसभा क्षेत्र के कम से कम पांच मतदान केंद्र पर ईवीएम के साथ वीपीपैट पर्चियों का मिलान करने को कहा था. जिस पर निर्वाचन आयोग ने आदेश की पालना में इस लोकसभा चुनाव में ईवीएम-वीवीपैट की पर्ची मिलान को पांच गुना बढ़ाया. साथ ही कोर्ट के आदेशानुसार हर निर्वाचन क्षेत्र में पांच वीवीपैट की पर्चियों का ईवीएम से मिलान किया जाना है लेकिन फिलहाल एक ही वीवीपैट का ईवीएम से मिलान होता है.

जिसमें निर्वाचन आयोग कुल 4125 ईवीएम और वीवीपैट मशीन के आंकड़ों का मिलान करता है लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह संख्या बढ़कर 20625 हो जाएंगी. अभी आयोग द्वारा वीवीपैट पर्ची मिलान के लिए हर एक विधानसभा क्षेत्र में से केवल एक ईवीएम लिया जाता है. कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग को 20625 ईवीएम की वीवीपैट पर्चियां गिननी हैं, यानी प्रति विधानसभा क्षेत्र में पांच ईवीएम की जांच होगी. उधर 21 राजनीतिक दलों के नेताओं ने लगभग 6.75 लाख ईवीएम की वीवीपीएटी पेपर स्लिप के मिलान की मांग की थी.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी), शरद पवार (एनसीपी), फारूक अब्दुल्ला (एनसी), शरद यादव (एलजेडी), अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी), अखिलेश यादव (सपा), डेरेक ओ’ब्रायन (टीएमसी) और एम. के. स्टालिन (डीएमके) की ओर से दायर की गई है. याचिका में उन्होंने अदालत से आग्रह किया था कि ईवीएम के 50 फीसदी नतीजों का आम चुनावों के परिणाम की घोषणा किए जाने से पहले वीवीपैट के साथ मिलान किया जाना चाहिए या दोबारा जांच की जानी चाहिए.

Leave a Reply