Sukhjinder Singh Randhawa on Rajasthan Congress Political Crisis. राजस्थान कांग्रेस के सियासी मुद्दों पर लगभग तीन दिन के महामंथन के बाद सारा फीडबैक लेकर नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा शुक्रवार शाम वापस अपने आवास चंडीगढ़ पहुंच गए हैं. प्रदेश कांग्रेस से मिले फीडबैक को अब रंधावा अध्यक्ष एवं आलाकमान के सामने रखेंगे, उसके बाद उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश कांग्रेस के मुद्दों का कोई स्थायी समाधान निकल सकेगा. हालांकि प्रदेश कांग्रेस के सबसे प्रमुख मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच के जगजाहिर खींचतान वाले मुद्दे को लेकर सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जल्द विवाद सुलझाने का दावा किया है. पत्रकारों के सवाल पर रंधावा ने कहा कि विवाद सुलझाने का काम मेरा है, उनका नहीं है. मैं फाइव स्टार में नहीं बल्कि लोगों के बीच बैठा हूं. विवाद भी सुलझा लेंगे. इसके साथ ही गुरुवार को हुई बैठक में खाली पदों पर नियुक्तियों को लेकर उठे मुद्दे पर शुक्रवार को कांग्रेस प्रभारी रंधावा ने दो दिन में खाली पदों पर नियुक्तियां करने की बड़ी बात कही है. इसके अलावा रंधावा ने सर्वे के आधार पर टिकट देने की बात कहकर कई दावेदारों की चिंता भी बढ़ा दी है.
आपको बता दें कि बीते रोज गुरुवार रात को फीडबैक बैठक के बाद शुक्रवार को सुखजिंदर सिंह रंधावा जयपुर सर्किट हाउस पहुंचे. यहां मीडिया से कहा कि मेरा पहला काम संगठन को मजबूत करना है और उस दिशा में हम सब काम कर रहे हैं. संगठन की खाली पड़ी नियुक्तियों को जल्द भर दिया जाएगा. मैं लगातार दो दिन से नेताओं-कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर उनसे बात कर रहा हूं. फीडबैक के दौरान किसी की भी बहुत बड़ी शिकायत नहीं मिल है, छोटी मोटी चीजें चलती रहती हैं. यही नहीं रंधावा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में टिकट सर्वे के आधार पर मिलेंगे. अभी हम किसी को टिकट नहीं बांट रहे हैं. टिकट से पहले हम सर्वे करवाएंगे और फिर उसके रिजल्ट के आधार पर ही टिकट तय होगा. सर्वे के टाइम पर रंधावा ने कहा कि सर्वे तो जारी है. जिनका नंबर सर्वे में आएगा, वही टिकट के हकदार होंगे.
अगले दो दिन में होंगी खाली पड़े पदों पर संगठनात्मक नियुक्तियां
वहीं ढाई साल से भी ज्यादा समय से खाली पड़े संगठन के पदों पर नियुक्तियां नहीं होने के सवाल पर प्रभारी रंधावा ने कहा कि अगले दो दिन में आपको ब्लॉक और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की लिस्ट मिल जाएगी, सब काम होंगे. इस तरह रंधावा ने जल्द सभी खाली पदों पर नियुक्तियां करने का दावा किया है. यहां आपको बता दें कि प्रदेश कांग्रेस में 15 जुलाई 2020 के बाद से ब्लॉक, जिले बिना पदाधिकारियों के चल रहे हैं. पायलट खेमे की बगावत के समय भंग किए गए संगठन के पदों पर अब तक नियुक्तियां नहीं हुई हैं. केवल 39 प्रदेश पदाधिकारी और 13 जिलाध्यक्षों को छोड़कर संगठन में ढाई साल से पदाधिकाारी नहीं हैं.
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बैठक में छाया रहा गहलोत-पायलट विवाद
आपको बता दें कि बीते रोज गुरुवार को पीसीसी में प्रभारी सुखजिंदर रंधावा और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा ली गईं फीडबैक बैठकों के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी अदावत का मुद्दा प्रमुखता से उठा. कुछ मंत्रियों की राय थी कि चुनाव में जाने से पहले इस विवाद को सुलझाना जरूरी है. कई दूसरे पदाधिकारियों ने भी यह बात उठाई थी कि दोनों नेताओं के विवाद की चर्चा से ग्रास रूट स्तर तक पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ जनता में भी कंफ्यूजन बना हुआ है. आम कार्यकर्ता और नेताओं के सामने भारी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इस पर रंधावा ने जल्द ही इस विवाद को सुलझाने का दावा करते हुए आश्वस्त किया है.
पेंडिंग फैसलों पर जताई रघु शर्मा ने नाराजगी
इधर, शुक्रवार को गुजरात प्रभारी पद से इस्तीफा दे चुके पूर्व मंत्री रघु शर्मा भी प्रभारी सुखजिंदर रंधावा से मिलने सर्किट हाउस पहुंचे. 25 सितंबर को गहलोत खेमे के विधायकों के बैठक बहिष्कार का मामला अब भी पेंडिंग में है. मीडिया द्वारा इसी पर सवाल पूछने पर गुजरात प्रभारी रघु शर्मा ने तंज कसते हुए सवाल उठाया और कहा कि मैं किसी के बारे में क्या टिप्पणी करूं, हाईकमान सब देख रहा है. मैं मेरी बात कर सकता हूं, मैं पार्टी और हाईकमान का लॉयलिस्ट हूं. हम उम्मीद करते हैं पार्टी और हाईकमान के प्रति निष्ठा दिखाएं, संगठन के प्रति निष्ठा दिखाएं. व्यक्तिगत निष्ठाओं से पार्टियां नहीं चलती.
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इसके साथ ही मीडिया द्वारा राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलाव की चर्चाओं पर पूछे गए सवाल पर रघु शर्मा ने कहा कि ये सब बातें कैमरे पर कोई नहीं करता. जब हम वन टू वन मिलते हैं तो सारी बातों पर चर्चा होती है. इस पर फैसला आलाकमान का होता है. 40 साल से मैं कांग्रेस हाईकमान का लॉयलिस्ट आदमी रहा हूं. जो भी हाईकमान आदेश देता है, वही करता हूं. चाहे कोई घटना रही हो, हर बार हमारा स्टैंड क्लियर है. पार्टी हाईकमान जो फैसला करता है उसके साथ है.
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कार्यकर्ता हमेशा से किसी व्यक्ति के साथ नहीं हाईकमान के साथ रहा है खड़ा
इसके साथ ही पूर्व मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि हम हाईकमान के साथ खड़े हैं, हाईकमान हमारा जो भी फैसला लेगा वह सबको मान्य है. पिछले 40 साल में हमने देखा है, इंदिरा गांधी का टाइम हो या राजीव गांधी का टाइम हो, नरसिम्हा राव के टाइम में हो या अब हो, राजस्थान का कांग्रेस का कार्यकर्ता हमेशा हाईकमान के साथ खड़ा रहा है, किसी व्यक्ति के साथ खड़ा नहीं रहा है, यही संस्कृति कांग्रेस की रही है और इसी संस्कृति ने राजस्थान में कांग्रेस को मजबूत किया है.