अपने खास और सीएम के सलाहकार लोढ़ा को भी नहीं बख्शा स्पीकर जोशी ने, बोले- मार्शल, थ्रो हिम आउट

राजस्थान विधानसभा में गूंजा लिखमाराम रेबारी का मुद्दा, सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा ने की नारेबाजी, स्पीकर जोशी ने मार्शलों को बुलाकर भिजवाया सदन से बाहर, इस घटनाक्रम को लेकर सियासी गलियारों में जबरदस्त चर्चा, टीम जोशी के खास सिपहसालार माने जाते रहे हैं लोढ़ा, आज जोशी ने उनको भी सदन से भिजवा दिया बाहर

सीएम के सलाहकार लोढ़ा को भी नहीं बख्शा स्पीकर जोशी ने
सीएम के सलाहकार लोढ़ा को भी नहीं बख्शा स्पीकर जोशी ने

Politalks.News/Rajasthan/SanyamLodha. राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) में आज लिखमाराम रेबारी मुद्दे की तगड़ी गूंज सुनाई दी. मुख्यमंत्री के सलाहकार (Advisor to the Chief Minister) और सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा (MLA Sanyam Lodha) ने मामला उठाया और वेल में आकर पुलिस के खिलाफ नारे भी लगाए, संयम लोढ़ा के ऐसा करने पर स्पीकर सीपी जोशी भड़क गए और मार्शल को बुलाकर सदन से बाहर निकलवा दिया. इस दौरान विधायक संयम लोढा और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी (Assembly Speaker CP Joshi) में तीखी नोंकझोंक भी हुई. नाराज स्पीकर जोशी ने जोर से पुकारा- ‘मार्शल, थ्रो हिम आउट’ (‘Marshall, throw him out’). सीपी जोशी का ये सख्त रूप देखकर सदन में मौजूद सभी विधायक दंग रहे गए. दरअसल ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर संयम लोढ़ा पूरक सवाल पूछना चाहते थे. लेकिन स्पीकर जोशी ने इसकी नहीं दी अनुमति, ऐसे में संयम लोढ़ा ने वैल में आकर हंगामा कर दिया. अब इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर भी चटकारे लिए जा रहे हैं. यूजर्स कह रहे हैं कि सीएम सलाहकार को बाहर फिंकवा दिया तो और विधायकों की तो क्या बिसात है?

दरअसल, विधानसभा में शून्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार और विधायक संयम लोढ़ा ने सिरोही के बरलूट में एक निर्दोष व्यक्ति को हत्या के आरोप में जेल में रखने के मामले में वेल में आकर गहलोत सरकार की पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. नारेबाजी से नाराज स्पीकर सीपी जोशी ने मार्शल को बुलवाकर संयम लोढ़ा को सदन से बाहर निकलवा दिया. अचानक हुए इस घटनाक्रम की सियासी गलियारों में भारी चर्चा है. सदन में ऐसा पहली बार हुआ है, जब सरकार के सलाहकार विधायक को इस तरह मार्शल बुलवाकर बाहर निकाला हो.

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बरलूट मामले में सात दिन में जांच करवाने की घोषणा
आपको बता दें कि संयम लोढ़ा ने सिरोही के बरलूट थाने में लिखमाराम देवासी नाम के निर्दोष व्यक्ति को हत्या के मामले में जेल भेजने का ध्यानाकर्षण से मामला उठाया था. इसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि, ‘इस पूरे मामले में जांच के बाद जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. कार्रवाई से पहले जांच जरूरी है. सात दिन में जांच हो जाएगी. एक निर्दोष के हक में यह अच्छा मामला उठाया है’.

लोढ़ा ने मंत्री के जवाब के बीच ही उठा दिए सवाल

लेकिन मंत्री धारीवाल के जवाब के बीच ही विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि, ‘2018 में कांग्रेस पार्टी की तरफ से बरलूट थाने का हमने घेराव किया था. सबको पता है कि वह व्यक्ति निर्दोष है, उसे झूठा फंसाया गया है. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि हिस्ट्री से कोई मतलब नहीं है, आप मंत्री का जवाब नहीं सुनना चाहते. सात दिन में जांच हो जाएगी, अब चर्चा खत्म हो गई, लेकिन इसके बाद भी संयम लोढ़ा बोलते रहे.

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स्पीकर ने कहा- मार्शल इसे बाहर फेंकिए
इस तरह संयम लोढ़ा ने स्पीकर के टोकने के बाद भी बोलना जारी रखा. वहीं जब स्पीकर ने बैठने को कहा तो संयम लोढ़ा पुलिस के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए. इस पर स्पीकर जोशी ने गुस्से में कहा कि, ‘मैं सदन से बाहर फिंकवा दूंगा. आपके हिसाब से सदन नहीं चलेगा, इसके बाद भी लोढ़ा की नारेबाजी जारी रही तो स्पीकर ने मार्शल से कहा कि, ‘इसे बाहर फेंकिए‘. इस तरह स्पीकर ने सरकार के सलाहकार को मार्शल से बाहर निकलवा दिया. स्पीकर जोशी ने कहा कि, ‘इसकी बिल्कुल इजाजत नहीं दी जा सकती. बाकी विधायकों से भी आग्रह है कि वे इस तरह का आचरण नहीं करें, जिससे मुझे कोई अप्रिय फैसला करना पड़े.

टीम जोशी के खास सिपहसालार माने जाते रहे हैं
फायरब्रांड लोढ़ा
संयम लोढ़ा को स्पीकर जोशी ने जिस तरह सदन से मार्शल के जरिए बाहर निकलवाया, उसे सियासी हलकों में अप्रत्याशित घटना माना जा रहा है. वैसे तो निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा सीएम अशोक गहलोत के खास सिपहसालार माने जाते हैं, लेकिन आपको बता दें, संयम लोढ़ा 2003 से 2008 के बीच कांग्रेस के विपक्ष में रहने के दौरान सीपी जोशी की टीम के फायरब्रांड मेंबर रहे. संयम लोढ़ा सीपी जोशी की टीम के सबसे आक्रमक विधायक रह चुके हैं और उस दौर में तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे को कई मुद्दों पर सदन के भीतर घेरने में लोढ़ा आगे रहते थे. कुछ राजनीतिज्ञों का मानना है कि इसके बाद में दोनों के बीच वह केमिस्ट्री नहीं रही. अबकी बार जब लोढ़ा को कांग्रेस ने शिव से विधायक का टिकट नहीं दिया था तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीता भी. इसके बाद बीच-बीच में उनके मंत्री बनाए जाने की चर्चा होती रही. हाल ही मेंकुछ समय पहले ही सीएम गहलोत ने उन्हें अपना सलाहकार नियुक्त किया है.

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