Politalks.News/Uttarpradesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव (UttarPradesh Assembly Election) जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं सियासी उठापटक अपने चरम पर है. सभी राजनीतिक दल चुनावी रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं. बसपा (BSP) और कांग्रेस (Congress) ने जहां आगामी चुनाव अकेले लड़ने की बात कही है तो बीजेपी (BJP) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) छोटे दलों के साथ अपनी गाड़ी आगे बढ़ा रही है. आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन का एलान कर चुके समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल (Rashtriya Lok Dal) अब अपनी रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं. RLD प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Choudhary) से जब सीटों के बंटवारे और गठबंधन के औपचारिक एलान को लेकर पॉलिटॉक्स ने जब चर्चा कि तो उन्होंने 7 दिसंबर को सभी सवालों का जवाब देने की बात कही. साथ ही रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.
आगामी विधानसभा चुनाव जितना बीजेपी के लिए नाक का सवाल बना हुआ है उतना ही सपा के लिए भी है. इसीलिए समाजवादी पार्टी अन्य छोटे दलों के साथ गठबंधन कर आगे बढ़ रही है. 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सपा और RLD ने गठबंधन का एलान कर दिया हो लेकिन इसका औपचारिक एलान अभी नहीं हुआ है. इस पर RLD प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि, ‘हम लोकसभा चुनावों के बाद और विधानसभा चुनावों से पहले पहली बार एक राजनीतिक मंच साझा करेंगे. उत्तरप्रदेश की जनता बेहतर विकल्प देखना चाहती है. वर्तमान स्थिति में, एक विफल ‘डबल इंजन’ सरकार है और प्रदेशवासी इसका विरोध कर रहे हैं.
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वहीं जब सीट बंटवारे को लेकर RLD के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने मीडिया में बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘सपा-रालोद का गठबंधन आगामी चुनाव में इतनी सीट हासिल करेगा कि दूसरी पार्टियों के लोग दूरबीन से भी दिखाई नहीं देंगे. बीजेपी के नेताओं द्वारा ठोंक देंगे, पीट देंगे, नर्क में पहुंचा देंगे, बुलडोजर चलवा देंगे, नंगा कर देंगे, एनएसए लगा देंगे, लूंगी टोपी जैसी भाषा बोली जा रही है. लेकिन प्रदेश की जनता समझदार है वो सब जानती है.’ मसूद ने आगे कहा कि ‘आज कई वरिष्ठ बीजेपी नेताओं की हालत ऐसी हो गई है कि उन्हें स्टूल पर बैठना पड़ रहा है.’
मसूद अहमद ने आगे कहा कि, ‘सपा-रालोद के बीच गठबंधन तो हो गया है, लेकिन गठबंधन के सीटों की संख्या का एलान 7 दिसंबर को अखिलेश-जयंत ही करेंगे. रालोद सपा के साथ गठबंधन था गठबंधन है और गठबंधन रहेगा.’ साथ ही मसूद ने कहा कि ‘यह गठबंधन यूपी विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करेगा.
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आपको बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी की लगभग 13 ज़िलों में अच्छी पकड़ और मज़बूत कैडर है और ये भी कहा जा रहा है कि किसान आंदोलन की वजह से आरएलडी को आगामी चुनाव में अच्छी लीड भी मिल सकती है. समाजवादी पार्टी और आरएलडी के गठबंधन की कोशिश है कि वो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ किसानों की नाराजगी का फायदा उठाएं. अगर ये गठबंधन वोट बटोरने में कामयाब रहा, तो बीजेपी की राह काफी मुश्किल भरी हो सकती है.