राजनीतिक अपरिपक्वता की कमी के कारण सपा हो रही है कमजोर- शिवपाल के निशाने पर अखिलेश

18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सुभासपा, प्रसपा, जनसत्ता दल और बसपा ने किया बड़ा ऐलान, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में आयोजित भोज में शामिल होने के बाद इन दलों के नेताओं ने मुर्मू के समर्थन में वोट देने का किया फैसला, तो चाचा शिवपाल ने भतीजे अखिलेश का नाम लिए बिना साधा निशाना, कहा- 'आज लोग पार्टी छोड़ रहे हैं लेकिन विधानसभा चुनाव के वक़्त मेरा सुझाव माना गया होता तो आज समाजवादी पार्टी की स्थिति होती कुछ और, जहां हमें बुलाया जाएगा, जो हमसे वोट मांगेगा हम उसे वोट देंगे

शिवपाल के निशाने पर अखिलेश
शिवपाल के निशाने पर अखिलेश

Politalks.News/UttarPradesh/ShivpalYadav. 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले देश के कई राज्यों के नेताओं के बीच आपसी कलह खुलने लगी है. एक तरफ जहां NDA ने द्रौपदी मुर्मू को अपनी तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है तो वहीं विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा उम्मीदवार हैं. दोनों ही नेता अब राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार में जुट चुके हैं. शुक्रवार को चुनाव प्रचार के लिए उत्तरप्रदेश पहुंची NDA उम्मीदवार को समर्थन देने का बड़ा एलान करते हुए प्रसपा प्रमुख एवं सपा विधायक शिवपाल यादव ने सभी को चौंका दिया. द्रौपदी मुर्मू के यूपी पहुंचने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिवपाल यादव सहित कई अन्य नेताओं को निमंत्रण दिया था और वे सभी भी मुर्मू के समर्थन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल भी हुए. वहीं शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि, ‘जहां हमें बुलाया जाएगा, जो हमसे वोट मांगेगा हम उसे वोट देंगे. आज राजनीतिक अपरिपक्वता की कमी के कारण समाजवादी पार्टी कमजोर हो रही है.’

शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार में जुटी द्रौपदी मुर्मू उत्तरप्रदेश पहुंची. इस दौरान द्रौपदी मुर्मू ने सभी दलों के नेताओं को रात्रि भोज के लिए आमंत्रित किया था और मुलाकात का भी समय मांगा था. वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सभी पक्षों के दलों को अपने आवास पर मुर्मू के समर्थन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता भेजा था. इस कार्यक्रम में जहां प्रदेश भाजपा सहित गठबंधन के सभी नेता मौजूद रहे तो वहीं सपा विधायक शिवपाल यादव, सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर सहित दिग्गजों की उपस्तिथि चर्चा का केंद्र बनी रही. सभी दिग्गजों ने घुमा फिरकर ही सही द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट करने की बात भी कही. लेकिन इस कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव शामिल नहीं हुए.

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वहीं जब शनिवार को सुभासपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव का बिना नाम लिए निशाना साधा. शिवपाल यादव ने कहा कि, ‘जहां हमें बुलाया जाएगा, जो हमसे वोट मांगेगा हम उसे वोट देंगे. परसों यशवंत सिन्हा जो विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं उनके आगमन पर आयोजित कार्यक्रम में भी हमें सपा की तरफ से नहीं बुलाया गया था. हमें समाजवादी पार्टी ने कभी किसी मीटिंग में नहीं बुलाया. वहीं कल मुझे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलाया तो मैं मुर्मू के समर्थन में आयोजित कार्यक्रम में गया. द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात हुई. मुख्यमंत्री ने मुझसे अच्छे तरीके से बात की.’ पूर्व राष्ट्रपति चुनाव का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि, ‘इससे पहले भी राष्ट्रपति के चुनाव में हमें नहीं बुलाया गया था. उस समय भी न तो हमें समाजवादी पार्टी ने बुलाया और न ही वोट मांगा. उस समय हम से रामनाथ कोविंद जी ने वोट मांगा तो हमने दिया.’

सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बिना नाम लिए शिवपाल यादव ने उनकी अध्यक्षता पर सवाल उठाए. शिवपाल ने कहा कि, ‘राजनीतिक अपरिपक्वता की कमी होने के कारण ये सब होता चला जा रहा है और इससे समाजवादी पार्टी कमजोर हो रही है. लोग पार्टी छोड़ रहे हैं. जब मैंने समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा और जीता तो हमसे भी राय लेनी चाहिए, अगर मेरा सुझाव माना गया होता और उन 100 प्रत्याशियों को टिकट दिया जाता तो आज स्थिति अलग होती. हमने एक साल पहले इसके लिए सुझाव दिया था. मेरा सुझाव माना गया होता तो आज समाजवादी पार्टी की स्थिति कुछ और होती.’

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वहीं शिवपाल यादव के साथ सुभासपा नेता ओम प्रकाश राजभर, जनसत्ता दल के नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ ‘राजा भैया’, बसपा नेता उमा शंकर सिंह ने मुर्मू के समर्थन में वोट देने की बात कही. वहीं द्रौपदी मुर्मू के रात्रिभोज में आए ओम प्रकाश राजभर ने पत्रकारों से चुनाव को लेकर बात की. इस दौरान सुभासपा प्रमुख ने कहा, ‘राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने खुद फोन करके उन्हें मिलने के लिए कहा था. उन्होंने मुलाकात के दौरान हमसे समर्थन मांगा है. अब हम अपने विधायकों और नेताओं से बात कर इसपर फैसला लेंगे.’ इस ऐलान के बाद माना जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले यूपी में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदलने लगे हैं. उपचुनाव में हार के बाद से ही समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर जुबानी हमले कर रहे ओम प्रकाश राजभर ने एक बार फिर से सबको चौंका दिया था.

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