योगी के दांव में फंसी सपा को लगने लगा मुलायम से खतरा! संस्थापक को बिसराने की रणनीति फाइनल!

यूपी में भाजपा के सियासी चक्रव्यूह में फंसी सपा! अपने संस्थापक को पीछे हटाने को हुई मजबूर, सपा रणनीतिकारों को मुलायम के चेहरे से नुकसान की आशंका! योगी ने दिवाली पर खेला दांव तो बिहार उपचुनाव में राजद से सबक ले चुकी सपा ने की मुलायम का चेहरा बैक करने की तैयारी!

img 20211113 wa0282
img 20211113 wa0282

Politalks.News/Uttarpradesh. उत्तरप्रदेश में चुनावी बिसात बिछ चुकी है. लेकिन समाजवादी पार्टी वर्तमान समय में अपने जन्म से लेकर अब तक की सबसे बड़ी उलझन और संकट के दौर से गुजर रही है. भाजपा ने सपा के सामने ऐसा चक्रव्यूह बनाने के संकेत दिए हैं, जिससे पार्टी को अपने संस्थापक को पीछे करना पड़ रहा है. समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की सेहत ठीक नहीं रहती है. उम्र की वजह से मुलायम बहुत कमजोर और बीमार भी हैं. हालांकि पिछले दिनों अपने समधी लालू प्रसाद यादव के साथ मुलाकात में वे काफी ठीक लग रहे थे.

सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या मुलायम इस बार के चुनाव में ताल ठोकेंगे या सिर्फ अखिलेश ही अकेले मोर्चा संभालने वाले हैं? इसको लेकर समाजवादी पार्टी से जुड़े जानकार सूत्रों का कहना है कि मुलायम सामने नहीं आएंगे और सपा अब उनका राजनीतिक इस्तेमाल नहीं करेगी. पार्टी की चुनाव प्रचार की सामग्री में भी या तो उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल नहीं होगा या बहुत कम होगा. असल में सपा ने भाजपा की ओर से उठाए जा रहे मुद्दों को देखते हुए यह सोचना शुरू कर दिया है कि मुलायम सिंह का चेहरा मौजूदा माहौल में पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है.

यह भी पढ़ें: किसी अभिनेत्री के बयान पर क्या टिप्पणी करें- गजेंद्र सिंह, पंजाब व फोन टैपिंग मुद्दे पर भी खुलकर बोले शेखावत

आपको याद दिला दें कि चुनाव से पहले भाजपा ने अयोध्या को मुख्य मुद्दा बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. भाजपा नेताओं की ओर से नब्बे के दशक की शुरुआत में कारसेवकों पर गोली चलाए जाने की घटना को उछालना शुरू किया है और इसकी अगुवाई कर रहे हैं खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. योगी ने अयोध्या में दिवाली के मौके पर भी कहा कि, ‘यूपी के लोग कारसेवकों पर गोली चलाने वालों को माफ नहीं करेंगे‘. हालांकि योगी ये बात पहले भी एक दो बार कह चुके हैं. योगी ने ये भी कहा कि, ‘अगर अब कारसेवा होगी तो रामभक्तों और कृष्णभक्तों पर गोली नहीं चलेगी, बल्कि पुष्प वर्षा होगी‘. ऐसे में अगर चुनाव में समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह का चेहरा दिखाती है तो हिंदुओं में उसकी तीखी प्रतिक्रिया हो सकती है. अगर यह प्रतिक्रिया स्वाभाविक रूप से नहीं होगी तो भाजपा अपने प्रचार के जरिए यह प्रतिक्रिया बनवाएगी.
यह भी पढ़ें- अफीम का गरारा कर आजादी को भीख बताया कंगना ने, वापस लिए जाएं सभी राष्ट्रीय पुरस्कार- सामना

आपको यह भी याद दिला दें कि, इससे पहले बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव में राजद नेता तेजस्वी यादव ने लालू प्रसाद और राबड़ी देवी की तस्वीरें हटा दी थीं. इससे भाजपा और जदयू को लालू-राबड़ी राज की याद दिलाने में मुश्किल आई. पिछले दिनों उपचुनाव में लालू प्रसाद यादव प्रचार के लिए गए तो भाजपा और जदयू के उनके खिलाफ आक्रामक प्रचार से राजद को नुकसान हुआ. माना जा रहा है कि इससे सबक लेते हुए समाजवादी पार्टी भी मुलायम को पीछे रखने की तैयारी कर चुकी है.

Google search engine