परिवारवाद को लेकर पीएम मोदी का भाषण शिवराज के मंत्री को नहीं आया पसंद, बताई ये नई परिभाषा

पीएम मोदी ने कहा था कि मेरा ये मानना है कि परिवारवाद लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा, अब बोले सकलेचा- परिवारवाद पर PM मोदी का अर्थ बहुत सिंपल है कि जिसके परिवार से कोई राजनीति में पिछले 5-7 साल से एक्टिव ना हो, अब कांग्रेस ले रही मजे

मामा के मंत्री ने बताई परिवारवाद की नई परिभाषा
मामा के मंत्री ने बताई परिवारवाद की नई परिभाषा

Politalks.News/MadhyaPradesh. पार्टी में पारिवारिक राजनीति की इजाजत नहीं दी जाएगी बल्कि दूसरी पार्टियों की वंशवाद की राजनीति के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी, ये कहना था देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का. लेकिन बीजेपी के कुछ नेताओं को परिवारवाद और वंशवाद पर दिया गया पीएम मोदी का ये भाषण रास नहीं आया. जी हां भले ही बीजेपी के दिग्गज नेता ये कहें कि बीजेपी में परिवारवाद की कहीं भी जगह नहीं, लेकिन बीजेपी नेताओं ने अब इसके खिलाफ बोलना शुरू कर दिया है. मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने परिवारवाद की नई परिभाषा दी है. सकलेचा ने कहा कि, ‘परिवारवाद पर PM मोदी का अर्थ बहुत सिंपल है कि जिसके परिवार से कोई राजनीति में पिछले 5-7 साल से एक्टिव ना हो, जमीन पर कोई काम नहीं किया है, सीधे उसको अवसर नहीं दिया जाए.’ सकलेचा के इस बयान पर अब कांग्रेस ने निशाना साधा है.

दरअसल, उत्तरप्रदेश सहित भाजपा में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में परिवारवाद के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट करते हुए बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा था कि, ‘अगर विधानसभा चुनाव में आपके बच्चों के टिकट कटे हैं, तो उसकी सबसे बड़ी वजह मैं हूं. मेरा ये मानना है कि वंशवाद लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है. मेरा ऐसा मानना है कि परिवारवाद से जातिवाद को बढ़ावा मिलता है. पार्टी में किसी भी कीमत पर पारिवारिक राजनीति की इजाजत नहीं दी जाएगी. क्यों कि ऐसा कर के ही हम दूसरी पार्टियों की वंशवाद की राजनीति के खिलाफ लड़ाई लड़ सकेंगे.’

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अपनी पार्टी बीजेपी के वर्तमान में सबसे बड़े नेता प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा परिवारवाद को लेकर दिए गए इस बयान को अब मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने नए सिरे से परिभाषित करते हुए कहा कि, ‘कई नेताओं के बच्चे पार्टी में फुलटाइम काम कर रहे हैं, तो क्या आप इसीलिए नाम काटना चाहते हैं कि वो काम कर रहे हैं. जैसे गोपाल भार्गव का बच्चा हो, चाहे नरोत्तम मिश्रा का हो, नरेंद्र सिंह तोमर का हो या कैलाश विजयवर्गीय का हो, सालों से इनके बच्चे पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, मेहनत कर रहे हैं.’

सकलेचा ने आगे कहा कि, ‘जो रुटीन में काम कर रहे हैं, उन्हें काम करने का अवसर मिले क्योंकि ये उनका भी अधिकार है सामान्य सिटीजन की तरह. परिवारवाद पर PM मोदी का अर्थ बहुत सिंपल है कि जिसके परिवार से कोई राजनीति में पिछले 5-7 साल से एक्टिव ना हो, जमीन पर कोई काम नहीं किया है, सीधे उसको अवसर नहीं दिया जाए.’ आपको बता दें सकलेचा पूर्व सीएम वीरेंद्र कुमार सकलेचा के बेटे हैं.

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वहीं दूसरी तरफ शिवराज के मंत्री सकलेचा के बयान पर अब कांग्रेस ने निशाना साधा है. मंत्री सकलेचा के बयान पर तंज कसते हुए कांग्रेस मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि, ‘परिवारवाद की परिभाषा मध्यप्रदेश में BJP अपने हिसाब से गढ़ रही है और मोदी जी को खुली चुनौती दे रही है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे और शिवराज सरकार के वर्तमान मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा मोदी के परिवारवाद के निर्णय को खुली चुनौती दे रहे हैं. इनके मुताबिक नरेंद्र सिंह तोमर, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, PWD मंत्री गोपाल भार्गव, BJP के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र परिवारवाद की श्रेणी में नहीं आते…. तो क्या फिर स्व. नंदू भैया, प्रभात झा, शिवराज जी के पुत्र ही परिवारवाद की श्रेणी में आते हैं…?’

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