शिवाजी अब हुए पुराने, गडकरी को मान लेना चाहिए महाराष्ट्र का नया हीरो- ये क्या बोल गए कोश्यारी?

राज्यपाल महोदय की मान लें तो भगवान राम और भगवान कृष्ण भी हो गए हैं पुराने, तो क्या हम नए भगवान को चुन लें? राज्यपाल का बयान सर्वथा निंदनीय, इन्हें तत्काल भेज देना चाहिए महाराष्ट्र के बाहर- शिवसेना

कोश्यारी के बयान पर घमासान
कोश्यारी के बयान पर घमासान

Bhagat Singh Koshyari On Veer Shivaji. महाराष्ट्र में हाल ही में राहुल गांधी द्वारा सावरकर को लेकर शुरू हुई सियासी बयानबाजी अभी खत्म भी नहीं हुई थी की वीर शिवाजी पर राज्यपाल के विवादित बयान से सियासत का पारा चढ़ गया है. शिवाजी भोंसले उर्फ़ छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति महाराष्ट्र के लोगों के मन में कितनी निष्ठा है इसका सबूत देने की किसी को जरुरत नहीं है. इसी बीच चर्चा में रहने वाले सूबे के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार को एक सभा को संबोधित करते हुए शिवाजी को लेकर बड़ा बयान दिया. राज्यपाल ने कहा कि, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज अब पुराने हो गए हैं, उनकी जगह पर नितिन गडकरी को महाराष्‍ट्र का नया हीरो मान लेना चाहिए.’ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के इस बयान को लेकर अब प्रदेश की सियासत गरमा गई है. उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने राज्यपाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिवसेना ने कहा कि, ‘राज्यपाल महोदय ने हमेशा महापुरुषों को अपमानित करने का काम किया है. इन्हें तत्काल बाहर भेज देना चाहिए.’

अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहने वाले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी एक बार फिर चर्चाओं में हैं. डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शिरकत करने पहुंचे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने समारोह में उपस्तिथ राकांपा नेता शरद पवार और भाजपा नेता नितिन गडकरी की तुलना सीधे छत्रपति शिवाजी महाराज से कर दी. इस कार्यक्रम में शरद पवार और नितिन गडकरी ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को डिलिट की उपाधि से नवाजा. इसके बाद जब कार्यक्रम को संबोधित करने की बारी आई तो राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज अब एक पुराने आदर्श बन गए हैं, आप बाबासाहेब अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी को नए आदर्श बना सकते हैं.’

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भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि, ‘जब हम स्कूल में पढ़ते थे, तो हमारे शिक्षक हमसे पूछते थे कि आपका पसंदीदा नेता या हीरो कौन है? कुछ सुभाष चंद्र बोस तो कुछ नेहरू जी या गांदी का नाम बताते थे. मुझे लगता है कि अब आपसे कोई पूछे कि आपका आदर्श कौन है? आपका पसंदीदा नेता कौन है? तो इसके लिए आपको बाहर जाने की जरूरत नहीं है. आपको यह महाराष्ट्र में ही मिल सकते हैं. शिवाजी महाराज पुराने युग की बात है. मैं आज के समय की बात कर रहा हूं. आप इन्हें यहीं ढूंढ सकते हैं डॉ. अंबेडकर से लेकर डॉक्टर नितिन गडकरी तक में.’ भगत सिंह कोश्यारी ने आगे कहा कि, ‘गडकरी और पवार को डी.लिट देने का सौभाग्य मुझे मिला. इन नेताओं को यह उपाधि इसलिए दी गई थी क्योंकि इनका कार्य राष्ट्र के लिए उपयोगी था. लेकिन उनका काम इससे कहीं ज्यादा है. शरद पवार ने कृषि के क्षेत्र में बहुत काम किया है. नितिन गडकरी लक्ष्यों वाले नेता हैं, जिन्हें रोडकरी के नाम से भी जाना जाता है. दोनों नेताओं ने बहुत बड़े काम किये है.

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के इस बयान के सामने आने के बाद प्रदेश की सियासत का गरमाना तय है. इसे लेकर उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना और आम आदमी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है. शिवसेना के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि, ‘राज्यपाल महोदय ने हमेशा महापुरुषों को अपमानित करने का काम किया है. इन्हें तत्काल महाराष्ट्र के बाहर भेज देना चाहिए. छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के न सिर्फ आराध्य देव हैं, बल्कि हम सबके प्रेरणास्रोत हैं. वह हमेशा हम सबके हीरो रहेंगे. राज्यपाल महोदय की मान ले तो भगवान राम और भगवान कृष्ण भी पुराने हो गए हैं. तो क्या हम नए भगवान को चुन लें? राज्यपाल का बयान सर्वथा निंदनीय है.’

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वहीं राज्यपाल के इस बयान पर आम आदमी पार्टी की नेता प्रीति मेनन ने ट्वीट कर कहा, ‘हम मांग करते हैं कि कोश्यारी माफी मांगें और इस्तीफा दें. अगर वह यह नहीं समझते कि हम महाराष्ट्रीयन शिवाजी महाराज को अपना नायक क्यों मानते हैं, तो उन्हें जाने की जरूरत है. हमें बाबासाहब पर उनकी सलाह की भी आवश्यकता नहीं है, उन्हें गडकरी के समान श्रेणी में रखना भयावह है.’

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब महाराष्ट्र के राज्यपाल ने विवादित बयान दिया है. इससे पहले, इसी साल उन्होंने कहा था, अगर मुंबई से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाए तो शहर के पास न तो पैसे रहेंगे और नही वित्तीय राजधानी का तमगा. उनके इस बयान पर खूब विवाद हुआ था. हालांकि, बाद में उन्होंने इसके लिए खुद माफी मांग ली थी.

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