Politalks.News/Maharashtra. शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे एक संपादकीय में गैर भाजपा शासित राज्यों के गवर्नरों पर जमकर निशाना साधा है. सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि गैर भाजपा शासित राज्यों के राज्यपाल ‘दुष्ट हाथी’ की तरह व्यवहार कर रहे हैं. वो प्रजातांत्रिक संविधान, कानून और राजनीतिक संस्कृति को कुचलने का काम कर रहे हैं. महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोशयारी का नाम लिए बिना ‘सामना’ में यह भी लिखा गया है कि जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है वहां केंद्र सरकार राज्य में अस्थिरता लाने के लिए राज्यपाल का इस्तेमाल कर रही है.
गैर भाजपा शासित राज्यों में राज्यपाल दुष्ट हाथी- सामना
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा गया है कि, ‘गैर बीजेपी शासित राज्यों के राज्यपाल दुष्ट हाथी की तरह है और उनके महावत दिल्ली में बैठे हैं. ऐसे हाथी प्रजातांत्रिक व्यवस्था, कानून, राजनीतिक संस्कृति को अपने पैरों तले कुचल नई परिभाषा गढ़ रहे हैं’. इस संपादकीय में कहा गया है कि यह कितना गलत है कि, ‘राज्यपाल अपनी शक्तियों का इस्तेमाल राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए कर रहे हैं क्योंकि यह सरकार बीजेपी ने नहीं बल्कि दूसरे दल ने बनाई है. इस तरह की कोशिशें देश की एकता को आघात पहुंचा रही हैं. यह आग से खेलने की तरह है. लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि इसमें उनका भी हाथ जल सकता है’.
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‘केन्द्र ने एजेंटों को दी खुली छूट ताकि राज्यों में फैले अस्थिरता’
लेख में आगे लिखा गया है कि, ‘राज्यों को सही तरीके से काम नहीं करने दिया जा रहा है. बीजेपी के एजेंटों को ताकत दी जा रही है और उन्हें खुली छूट दी जा रही है ताकि वो राज्य में अस्थिरता फैला सकें. ‘सामना’ के जरिए शिवसेना ने पूछा है कि, ‘महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशयारी ने महिलाओं की सुरक्षा और राज्य में कानून व्यवस्था पर चिंता जताई है. लेकिन उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के राज्यपालों ने ऐसी चिंता क्यों नहीं जताई. बीजेपी की महिला विधायक ने भी महाराष्ट्र में यह मुद्दा उठाया. लेकिन दूसरे राज्यों में पार्टी की अन्य महिला विधायक इन मुद्दों को क्यों नहीं उठाती हैं?’.
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‘यूपी में महंत की मौत, एमपी में महिला अपराधों को क्यों करते हैं ये नजरअंदाज’
इस लेख में आगे लिखा गया है कि, ‘ये लोग महाराष्ट्र में इतना हंगामा क्यों करते हैं? क्योंकि यहां बीजेपी सत्ता में नहीं है. महंत की रहस्यमयी मौत और यूपी तथा एमपी में महिलाओं के प्रति अपराध को जानबूझ कर नजरअंदाज किया जा रहा है’. बता दें कि महाराष्ट्र में शिवेसना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार की राज्यपाल कोशयारी के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं. कई सारे मुद्दों पर राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच अब तक टकराव की स्थिति बन चुकी है. अपने कोटे से 12 विधायकों की नियुक्ति में देरी को लेकर भी गवर्नर राज्य सरकार के निशाने पर रहे हैं.