Politalks.News/MaharashtraPolitics. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों और सांसदों की ऐतिहासिक बगावत के बाद शिवसेना में बड़ा सियासी तूफान खड़ा हो गया है. विधायक, सांसदों और अन्य जनप्रतिनिधियों के बाद अब पार्टी के बाकी पदाधिकारी भी धीरे धीरे शिंदे गुट की ओर आकर्षित हो रहे हैं. ऐसे में ठाकरे परिवार के राजनीतिक अस्तित्व पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस बीच बीते दिनों दो दिन के प्रवास पर बिहार पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पटना में एक कार्यक्रम के दौरान दावा किया कि देश में सभी क्षेत्रीय दल खत्म हो जाएंगे. नड्डा के इस बयान पर क्षेत्रीय पृष्ठभूमि में आने वाली शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है.
शिवसेना ने ‘सामना’ के जरिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को चेतावनी देते हुए अपने मुखपत्र में लिखा कि, ‘जेपी नड्डा ने सभी क्षेत्रीय दलों को ‘श्राप’ दिया है कि देश में कुछ सालों बाद सिर्फ बीजेपी रहेगी और बाकी सभी गायब हो जाएंगे. मराठी में एक कहावत है कि कौवे के श्राप से गाय नहीं मरती! इस कहावत का अर्थ नड्डा को समझाना चाहिए. दूसरा यह है कि बीजेपी ने गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाया है, चाहे वह जैसा भी हो. इसलिए कौवे के श्राप से क्षेत्रीय दलों की गायें नहीं मरेंगी. इसके विपरीत गोमांस में वृद्धि जारी रहेगी. हालांकि कौवे नष्ट हो जाएंगे. शिवसेना शेर है. आप एक बाघ की छलांग बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे.’
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यही नहीं शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में प्रधानमंत्री मोदी पर गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए दंगों के समय बाला साहेब ठाकरे द्वारा की गई मेहरबानी की याद भी दिलाई जिसमें, देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2002 के दंगों के बाद मुश्किल में थे. जब वह हर तरफ से घिर रहे थे और संकट में थे तो शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने नरेंद्र मोदी का समर्थन किया था. शिवसेना ने इस मदद की याद दिलाकर बीजेपी पर हमला बोला है. सामना में लिखा कि, ‘जहां पूरी दुनिया नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़ी थी, वहीं हिंदुत्व के लिए सिर्फ बालासाहेब ठाकरे ही मोदी का समर्थन कर रहे थे. यह उनकी ही पार्टी के लोग थे जिन्होंने गुजरात में दंगों को बहाना बनाकर मोदी को राजधर्म की याद दिलाई. उस समय वे देश के एकमात्र शिवसेना नेता थे जिन्होंने कहा था, ‘राज धर्म को अलग रखो, मोदी को हिंदू धर्म के कारण मत छुओ, उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री पद से मत हटाओ.’
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इसके साथ ही पहले शिवसेना के अन्य नेता और हाल ही में राज्यसभा सांसद व सामना के सम्पादक संजय राउत पर हुई ईडी की कार्रवाई को लेकर सामना में लिखा कि, ‘चूंकि वे महाराष्ट्र में शिवसेना से नहीं लड़ सकते, इसलिए उन्होंने ‘ईडी’ आदि का डर दिखाकर शिवसेना को तोड़ा. आपकी जेब में मुट्ठी भर लोग होंगे, लेकिन बालासाहेब की शिवसेना एक बार फिर आसमान पर छा जाएगी. शिवसेना आपकी धमकी से नहीं डरने वाली है.’