सरकार गिराने के प्रयास के पाप से मुक्त नहीं हो सकते शेखावत, ईमानदार हैं तो दे वाइस सेंपल – गहलोत

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- चुनी हुई सरकार को गिराने के प्रयास के पाप से कभी मुक्त नहीं हो सकते गजेन्द्र सिंह शेखावत, ईमानदार हैं तो साबित करके दिखाएं...

ashok gehlot vs gajendra singh shekhawat
ashok gehlot vs gajendra singh shekhawat

Rajasthan Politics: राजस्थान की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग और फोन टैपिंग के आरोपों पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत इतने ही ईमानदार हैं तो फिर विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में ऑडियो जांच के लिए वॉयस सैंपल क्यों नहीं देते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि इस प्रकार गजेन्द्र सिंह शेखावत चुनी हुई सरकार को गिराने के प्रयास के इस पाप से कभी मुक्त नहीं हो सकते हैं.

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पूर्व सीएम गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक लंबा पोस्ट करते हुए कहा, ‘राजस्थान में 2020 में कांग्रेस सरकार गिराने की साज़िश करने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एसीबी द्वारा एक मुकदमे में एफआर लगाने पर बड़ी-बड़ी बातें कह रहे हैं. वो यह बताएं कि यदि इतने ही ईमानदार हैं तो विधायकों से खरीद-फरोख्त की बात करने वाले ऑडियो की जांच के लिए आज तक वॉइस सैंपल क्यों नहीं दिया? संजय जैन वाले मुकदमे में वो बार-बार अदालत में वॉइस सैंपल देने का विरोध क्यों करते हैं? यदि वो ईमानदार हैं तो एक बार वॉइस सैंपल देकर अपनी ईमानदारी साबित करें.’

विधायकों पर मुकदमों की यादें अभी ताजा

गहलोत ने आगे लिखा, ‘सरकार बदलने के बाद पहले संजीवनी केस और अब दूसरे मामलों में जांच एजेंसियों पर दबाव डालकर तथ्य तोड़े-मरोड़कर एफआर लगाई जा रही है, जिससे कोर्ट के सामने कोई और चारा नहीं बचता है. गहलोत ने कहा कि जुलाई-अगस्त 2020 में सरकार गिराने के लिए 30 विधायकों के समर्थन वापसी के दावे, 20 विधायकों को मानेसर ले जाना, अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान और जफर इस्लाम से मुलाकात, कांग्रेस नेताओं पर ईडी, आईटी और सीबीआई के छापे, विधायकों को रिश्वत के मामले, बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के ऊपर अचानक मुकदमे समेत सभी यादें प्रदेशवासियों के मन में ताजा हैं.’

सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप

शेखावत पर राजस्थान में 2020 में कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश करने का आरोप लगाते हुए गहलोत ने कहा, ‘सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी कुछ दिन पूर्व ही सरकार गिराने के संदर्भ में बयान दिया था कि उस समय वो भाजपा का सहयोग कर रहे थे. तब महीनेभर पहले मध्य प्रदेश में जैसे सरकार गिराई गई थी, वही प्रयास राजस्थान में हुए. इसमें किसी को शक नहीं है. कांग्रेस आलाकमान और जनता के आशीर्वाद से वह प्रयास असफल हुआ था और हमारी सरकार 5 साल चली. इससे गजेन्द्र सिंह शेखावत समेत सभी लोग मन मसोस कर रह गए. इस प्रकार गजेन्द्र सिंह शेखावत चुनी हुई सरकार को गिराने के प्रयास के इस पाप से कभी मुक्त नहीं हो सकते हैं.’

बेटे की हार का बदला ले रहे गहलोत – शेखावत

इससे पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस पर एजेंसियों का दुरुपयोग करने और हार के बदले की भावना से निर्दोष लोगों पर झूठे राष्ट्रद्रोह के मुकदमे दर्ज कराने का आरोप लगाया. राजस्थान में 2020 में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में एसीबी द्वारा कोर्ट में पेश की गई क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार होने पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि इससे यह साबित हो गया है कि तत्कालीन सरकार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए निर्दोष लोगों को जेल भेजने का काम किया था. तत्कालीन सरकार ने एक तीर से कई निशाने लगाने का प्रयास किया था. इसमें कहीं पर अपने बेटे की हार का बदला तो कहीं पार्टी में चुनौती का बदला और नेतृत्व पर निशाना साधा गया था.

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जोधपुर सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान शेखावत ने कहा कि सत्य को दबाया जा सकता है, कुचला जा सकता है, लेकिन खत्म नहीं किया जा सकता. जिस तरह से मुझे इस कालिख से कोर्ट से मुक्ति मिली थी, अब भरत मालानी और अशोक कुमार को राहत मिली है. कांग्रेस ने सत्ता में मदहोश होकर जिस तरह से जांच एजेंसी का दुरुपयोग किया, इसका जवाब 2023 के चुनाव में जनता ने दे दिया.

2020 में हुई थी कांग्रेस सरकार में बगावत

गौरतलब है कि 2020 में कांग्रेस सरकार के खिलाफ उनकी ही पार्टी में बगावत हुई थी. सचिन पायलट अपने 19 समर्थक विधायकों के साथ मानेसर चले गए थे, जिससे अशोक गहलोत सरकार पर गिरने का संकट मंडराने लगा. इसके बाद गहलोत ने विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर मामले दर्ज करवाए और कुछ गिरफ्तारियां भी हुईं. इस प्रकरण में भरत मालानी और अशोक कुमार के खिलाफ एसीबी की फाइनल रिपोर्ट को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया, जिससे उनके खिलाफ मामला खत्म हो गया. अब इस पूरे घटनाक्रम को लेकर आरोप-प्रत्यारोप और पलटवार का दौर फिर से तेज हो गया है. देखना होगा कि यह सियासी नोंकझोंक आखिर कहां जाकर थमती है.

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