भारत सरकार के डेलीगेशन में शामिल कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इन दिनों अमेरिकी दौरे पर हैं, जहां वे ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बने मल्टी पार्टी डेलीगेशन को लीड कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे एक चुने हुए सांसद हैं और अभी उनका 4 साल का कार्यकाल शेष है. अपनी ही पार्टी द्वारा खुद पर लग रहे आरोपों पर उन्होंने ये टिप्पणी की. उन्होंने ये भी कहा कि जो लोग राष्ट्रहित में काम करने को पार्टी विरोधी गतिविधि मानते हैं, उन्हें खुद से सवाल करना चाहिए.
इसी बयान पर आगे बढ़ते हुए शशि थरूर ने कहा कि जब आप देश की सेवा कर रहे हों, तब ऐसी चीजों की ज्यादा परवाह नहीं करनी चाहिए. हमारे राजनीतिक मतभेद भारत के बॉर्डर के बाहर जाते ही खत्म हो जाते हैं. सीमा पार करते ही हम पहले भारतीय होते हैं. यह बात उन्होंने कांग्रेस द्वारा खुद पर उठ रहे सवालों एवं पार्टी छोड़ने की अटकलों पर दिया.
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कांग्रेस सांसद ने कहा कि मैं यहां किसी विवाद को हवा देने नहीं आया हूं. मैं किसी पार्टी मिशन पर नहीं, बल्कि एकजुट भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं. मुझे नहीं लगता कि इस पर कोई सवाल होना चाहिए.
गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष रखने के लिए 7 डेलिगेशन को दुनिया के अलग-अलग देशों में भेजा है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर एक डेलिगेशन का नेतृत्व कर रहे हैं. यह डेलिगेशन अमेरिका, गुयाना, पनामा, ब्राजील और कोलंबिया का दौरा करेगा. डेलिगेशन में थरूर के नाम पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी क्योंकि जो प्रस्तावित सूची कांग्रेस ने बीजेपी को दी थी, उसमें शशि थरूर का नाम नहीं था. वहीं शशि थरूर ने डेलिगेशन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिलने पर केंद्र का आभार जताया.
उन्होंने ये भी कहा कि भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं. जब राष्ट्रीय हित की बात होगी और मेरी सेवाओं की जरूरत होगी, तो मैं पीछे नहीं रहूंगा. इस पर कांग्रेस ने थरूर पर पार्टी विशेष की महिमामंडन का आरोप जड़ दिया. सरकार के समर्थन में बोलने पर कांग्रेस नेता उदित राज ने थरूर को भाजपा का ‘सुपर प्रवक्ता’ बताया, जबकि जयराम रमेश सहित कई नेताओं ने इसका समर्थन भी किया.
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दिल्ली में 14 मई को हुई कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में भी कुछ पार्टी नेताओं ने थरूर की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है, लेकिन लोग अपनी राय व्यक्त करते रहते हैं. इस बार थरूर ने लक्ष्मण रेखा पार कर ली है. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि शशि थरूर को वापसी के बाद या तो पार्टी से निकाला जाएगा या फिर वे खुद पार्टी छोड़ बीजेपी का दामन थाम लेंगे. हालांकि इन सभी अटकलों को विराम तो डेलीगेशन के लौटने पर ही लग पाएंगा. उस वक्त शशि थरूर पर कांग्रेस क्या निर्णय लेगी, इस पर सभी को इंतजार है.