केरल की तिरुवनंतपुरम सीट से कांग्रेस सांसद शशि थरूर की एक बार फिर से ‘मोदी भक्ति’ झलकते हुए बाहर आई है. ऑपरेशन सिंदूर के देशव्यापी डेलिगेशन में शामिल होने के बाद से शशि थरूर के सुर केंद्र की मोदी सरकार के लिए बदलने लगे हैं. एक तरफ कांग्रेस सदन में ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी गतिविधियों पर केंद्र सरकार को घेरने में लगी हुई थीं, थरूर एक प्रवक्ता की तरह सरकार के गुणगान कर रहे थे. यही वजह रही कि लंबे समय से उनके और कांग्रेस के बीच मतभेद की खबरे सियासी गलियारों में आ-जा रही हैं. भारत-अमेरिका में टैरिफ को लेकर बढ़ते विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब की सराहना करते हुए एक बार फिर कांग्रेस सांसद ने मोदी प्रेम दिखाया है.
थरूर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम 50% टैरिफ या राष्ट्रपति और उनके स्टाफ ने जो अपमान किया है, उसे पूरी तरह से भूल सकते हैं. ट्रम्प का स्वभाव काफी चंचल है, और उन्होंने जो कुछ कहा है, उससे हमारे देश को चोट पहुंचा है. देश का अपमान हुआ है.
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कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी बुनियादी संबंधों के महत्व पर जोर दिया, जो एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है. दोनों ने जो मैसेज दिया, हमारे लिए वह बहुत जरूरी है. मैं इस नए लहजे का एहतियात के साथ स्वागत करता हूं.
बयान से पलटे ट्रंप को पीएम ने दिया जवाब
वाक्या कुछ ऐसा हुआ कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने 5 सितंबर को सुबह करीब 6 बजे अपने सोशल प्लेटफार्म पर लिखा था, ‘ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है. उम्मीद है उनका भविष्य अच्छा होगा.’ इसके बाद, बयान से पलटते हुए उन्होंने व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल पर कहा कि ‘मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा. भारत के साथ संबंधों को रीसेट करने के लिए हमेशा तैयार हूं.
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अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप को जवाब देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों को लेकर उनके विचारों की तहे दिल से सराहना करता हूं और उनका पूर्ण समर्थन करता हूं. भारत-अमेरिका के बीच एक पॉजिटिव और दूरदर्शी रणनीतिक साझेदारी है.’
एससीओ में तिगड़ी से डरा अमेरिका
पिछले हफ्ते चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग का घेरा बनाकर एवं एक दूसरे का हाथ पकड़कर बातचीत करने की घटना ने वैश्विक सुर्खियां बटोरी थीं. इस तिगड़ी के बीच हुई अहम बातचीत के बाद अमेरिका के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक पोस्ट में चीन के हाथों भारत और रूस के खो जाने पर खेद व्यक्त किया था.



























