करोडों की जमीन पर धारीवाल का अवैध होटल, बनवाना चाहते हैं पट्टा, अफसर को जाना पड़ेगा जेल- गुंजल

पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने खोला यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ मोर्चा, करोड़ों की बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जा कर होटल बनाने का लगाया बड़ा आरोप, अगर किसी अधिकारी ने किया पट्टा जारी तो उसे जी.एस. संधू की तरह जाना पड़ेगा जेल

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Politalks.News/Rajasthan/Dhariwal. अक्सर सुर्खियों में रहने वाले दिग्गज भाजपा नेता और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने गहलोत सरकार में स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल पर ही अवैध कब्जा कर होटल बनाने का बड़ा आरोप लगाया है. अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी धारीवाल पर आरोप लगाते हुए गुंजल ने कहा कि नगर निगम कोटा उत्तर के जरिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल 69 ए/ स्टेट ग्रांट एक्ट में पट्टा चाह रहे हैं. जबकि इसके तहत केवल अनियोजित कॉलोनियों में ही पट्टा जारी किया जा सकता है, यह नियोजित नहीं है. यही नहीं प्रहलाद गुंजल ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर धारीवाल को नगर निगम कोटा उत्तर के अधिकारियों ने पट्टा जारी कर दिया, तो उनके खिलाफ भी पिछले शासन में जी एस संधू की तरह अगला शासन आने पर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही गुंजल ने यह भी कहा कि इस संबंध में उन्होंने हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल कर दी है.

बीजेपी नेता प्रहलाद गुंजल ने मंगलवार को कोटा में एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर यूडीएच मंत्री पर बड़ा आरोप लगाया कि शांति धारीवाल ने करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया. जमीन के बारे में जानकारी देते हुए गुंजल ने बताया कि यह कॉलोनी तत्कालीन सिटी इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (सीआईटी) वर्तमान में नगर विकास न्यास ने काटी थी. यह मुख्य अदालत चौराहे पर स्थित प्लॉट नंबर 7 है. जिसके एक तरफ कलेक्ट्रेट, दूसरी तरफ अदालत और तीसरी तरफ एमबीएस अस्पताल स्थित है. इस बेशकीमती जमीन पर अभी धारीवाल का होटल बना हुआ है. जमीन के लिए धारीवाल द्वारा किए गए आवेदन के अनुसार इस जमीन पर उनका कब्जा करीब 60 साल से है. जिस पर वह अपनी मां की वसीयत के आधार पर ही पट्टा मांग रहे हैं.

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प्रहलाद गुंजल ने कहा कि 12 मई, 2022 को कोटा उत्तर नगर निगम की तरफ से सार्वजनिक आपत्ति सूचना प्रकाशित की थी. जिसमें छठे नम्बर पर धारीवाल ने प्लॉट नम्बर 7 नवरंग होटल नयापुरा के लिए आवेदन किया है. जबकि इस एरिया को सीआईटी ने विक्रय किया था, जिसका धारीवाल के पास कोई दस्तावेज नहीं है. उन्हें यह प्लॉट आवंटित हुआ होता, तो उन्हें पट्टे की आवश्यकता नहीं होती. केवल उनकी मां ने वसीयत में लिखा कि वे उक्त जमीन को शांति धारीवाल के नाम कर रहीं है और इसी वसीयत के आधार पर उन्होंने निगम में पट्टे के लिए आवेदन कर दिया कि इस पर करीब 50 साल से ज्यादा समय से उनका कब्जा है.

प्रहलाद गुंजल ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि कब्जे की जमीन पर शांति धारीवाल ने होटल बनाया हुआ है.ल, जिसके पट्टे को अपने प्रभाव के बूते जारी करवाना चाहते हैं. सिविल लाइन का ये इलाका प्लांड एरिया में आता है, जहां कानूनन कब्जे पर पट्टा जारी नहीं किया जा सकता है. यहां ना तो 69-A और ना ही स्टेट ग्रांट एक्ट के तहत कब्जे पर पट्टा जारी नहीं किया जा सकता है. बीजेपी नेता बगुंजल ने यह भी कहा कि इस कब्जाशुदा प्लाट पर निर्माण के लिए इन्होंने कई बार नगर निगम में अनुमति भी मांगी है. जिस पर अधिकारियों ने सील लगाकर यह कहा है कि यह अनुमति केवल पट्टा प्राप्त लोगों के लिए ही होगी. जबकि उनके पास पट्टा ही नहीं है. ऐसे में यह स्वीकृति भी गलत थी.

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गलती की तो अगले शासन में जाना होगा जेल: पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने आगे कहा कि मंत्री शांति धारीवाल अपना कब्जा स्वीकार करें और इसे सरकार को सरेंडर कर मिसाल पेश करें. इसके साथ ही गुंजल ने नगर निगम कोटा उत्तर के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए साफ कहा है कि गलती से भी अगर इसका पट्टा जारी कर दिया गया, तो उन अधिकारियों के खिलाफ अगले शासन में कार्रवाई होगी. जिस तरह से एकल पट्टा प्रकरण में जीएस संधू जेल गए थे, उसी तरह से इस मामले में अधिकारियों पर एक्शन लिया जाएगा.

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