लोकसभा चुनाव में राजस्थान की सभी सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी ने पार्टी के प्रदेश संगठन में संतुलन स्थापित करने की कवायद शुरू कर दी है. सूत्रों के अनुसार पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान में बीजेपी की कमान सतीश पूनिया के हाथों में सौंपने के बारे में मन बना लिया है. पूनिया वर्तमान में आमेर से विधायक हैं और संगठन में उनके पास प्रदेश प्रवक्ता का जिम्मा है. जानकारी के मुताबिक पूनिया को आने वाले कुछ दिनों में मदन लाल सैनी की जगह प्रदेशाध्यक्ष बनाया जा सकता है. पूनिया संघ पृष्ठभूमि से हैं और उन्हें संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है. वे लगातार चार बार बीजेपी के प्रदेश महामंत्री रहे हैं.

प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए सतीश पूनिया का नाम सोशल इंजीनियरिंग के तहत सामने आया है. पहले इस पद के लिए जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के नाम पर मंथन हो रहा था, लेकिन जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत के कैबिनेट मंत्री बनने के बाद ये दोनों रेस में पिछड़ गए. पार्टी नेतृत्व का मानना है कि शेखावत को कैबिनेट मंत्री बनाने के बाद किसी राजपूत नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाना सोशल इंजीनियरिंग के हिसाब से ठीक नहीं रहेगा.

कोटा सांसद ओम बिड़ला के लोकसभा अध्यक्ष और बीकानेर सांसद अर्जुन मेघवाल के राज्यमंत्री बनने के बाद सतीश पूनिया का नाम तेजी से उभरकर सामने आया. हालांकि पूनिया जिस जाट बिरादरी से आते हैं उसे भी मोदी के मंत्रिमंडल में जगह मिली है. बाड़मेर सांसद कैलाश चौधरी को राज्यमंत्री बनाया गया है, लेकिन प्रदेश में जाटों का बाहुल्य देखते हुए इसे पर्याप्त नहीं माना जा रहा है.

पार्टी ने सतीश पूनिया के नाम के अलावा किसी ब्राह्मण नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाने पर भी विचार किया, लेकिन कोई उपयुक्त चेहरा नहीं मिला. जो नाम सामने आए उनमें कोई ऐसा नहीं था जिस पर मोदी, शाह और संघ, तीनों भरोसा कर सकें. पार्टी ब्राह्मणों को प्रतिनिधित्व देने के लिए किसी सांसद को मोदी मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है. इसके लिए चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी का नाम चर्चा में है.

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