गहलोत सरकार को करो बर्खास्त- मायावती ने की राष्ट्रपति शासन की मांग, मेघवाल बोले- अपनी गिरेबां में झांके पहले

दलित अत्याचारों पर गर्माई राजस्थान की सियासत, मायावती ने राजस्थान में कांग्रेस सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की उठाई मांग, पाली, अलवर, नागौर और धौलपुर में हुई वारदातों का दिया हवाला, गहलोत सरकार के मंत्री मेघवाल बोले- भाजपा की टीम है बसपा, भाजपा को जिताने में की मदद, दलित अत्याचारों और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा भी गहलोत सरकार पर हैं हमलावर

दलित अत्याचारों पर गर्माई राजस्थान की सियासत
दलित अत्याचारों पर गर्माई राजस्थान की सियासत

Politalks.News/Rajasthan. बढ़ते दलित अत्याचारों को लेकर प्रदेश में भारी सियासत जारी है. बसपा अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने राजस्थान (Rajasthan) में दलितों (Dalits) और आदिवासियों (Tribals) पर अत्याचार की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस (Congress) सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) लगाने की मांग की. पाली में दलित युवक जितेन्द्र पाल की हत्या के मामले में सियासत गर्माई हुई है. वहीं नागौर, अलवर और धौलपुर में हुई वारदातों को लेकर भी सरकार कटघरे में है. दूसरी तरफ मायावती के वार पर गहलोत सरकार के मंत्री गोविंद मेघवाल ने मोर्चा संभालते हुए बसपा पर भाजपा की टीम बी होने का आरोप जड़ दिया है. मेघवाल ने मायावती को अपने गिरेबां में झांकने की नसीहत भी दे दी है. वहीं सियासी जानकारों का कहना है कि पाली, नागौर, अलवर और धौलपुर कांड को लेकर गहलोत सरकार कटघरे में तो है. भाजपा भी बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमलावर है. अब मायावती ने तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग कर दी है.

बसपा सुप्रीमो ने इन घटनाओं का दिया हवाला
मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि, ‘राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है. हाल में डीडवाना और धौलपुर में दलित युवतियों से बलात्कार और अलवर में दलित युवक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या, जोधपुर के पाली में दलित युवक की हत्या ने दलित समाज को झकझोर दिया है. इससे यह स्पष्ट है कि राजस्थान में खासकर दलितों और आदिवासियों की सुरक्षा करने में वहां की कांग्रेस सरकार पूरी तरह से विफल रही है. इसलिए यह उचित होगा कि इस सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. बसपा की यह मांग है’.

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गिरबां में झांके मायावती- मेघवाल
मायावती के मांग और वार पर पलटवार करते हुए गहलोत सरकार के मंत्री गोविंद मेघवाल ने मोर्चा संभाला है.
मंत्री गोविंद मेघवाल ने मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘मायावती भाजपा की बी टीम बन चुकी है. भाजपा की सरकार लाने में मायावती का भी सहयोग, मायावती पहले अपने गिरेबान में झांके’. मेघवाल ने आगे कहा कि, ‘गहलोत सरकार दलित हितैषी है, हमने तो 2-2 रुपये इकट्ठे करके मायावती को भेजा था, सबसे ज्यादा दो नंबर का पैसा है मायावती के पास, चंद्रशेखर के वोटों से भी भाजपा को फायदा पहुंचा था’.

पाली में जितेन्द्रपाल हत्याकांड और अन्य वारदातों से सवालों के घेरे में हैं प्रदेश की कानून व्यवस्था
पाली जिले के बाली थाना क्षेत्र में 15 मार्च को जितेंद्रपाल नामक दलित युवक की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी. वहीं अलवर में भी एक दलित युवक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या का मामला सामने आया था. वहीं धौलपुर में 16 मार्च को हुई घटना की पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि, जब वह खेत से लौट रही थी तो कुछ लोगों ने उसे और उसके पति को मारा पीटा था. महिला के पति ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई, लेकिन दो आरोपियों ने पीड़िता के बच्चों के सामने उससे सामूहिक दुष्कर्म किया. हालांकि, राजस्थान पुलिस ने मंगलवार को दावा किया कि, धौलपुर की घटना में 26 साल की विवाहिता से सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ, बल्कि आरोपियों ने उससे केवल मारपीट की थी. नागौर जिले में भी दलित महिला से सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसे मरने के लिए जंगल में छोड़ दिया गया था. जिससे उसकी कुछ दिन बाद मौत हो गई थी.

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पाली में जितेन्द्रपाल हत्याकांड से दलित संगठनों में है आक्रोश
आपको बता दें कि अजमेर के ब्यावर में पाली के सुमेरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के कोविड स्वास्थ्य सहायक जितेन्द्रपाल मेघवाल हत्याकांड पर शहर के विभिन्न एससी-एसटी संगठनों के पदाधिकारियों ने आक्रोश जताया है. हत्यारों को फांसी दिए जाने और मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर संगठित दलित संगठनों के पदाधिकारियों ने सीएम गहलोत के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन भी दिया था. दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि जितेन्द्रपाल मेघवाल हत्याकांड को लेकर पूरे दलित संगठनों में आक्रोश है.

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