Election conch shell of Sachin Pilot. राजस्थान कांग्रेस की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से छाई सियासी शांति अब जल्द खत्म होने होने जा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विधानसभा में बजट पेश करने से पहले सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एक बार फिर पूरे प्रदेश में अपना शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं. चुनाव से पहले पायलट पूरे प्रदेश में किसान सम्मेलन के जरिए बड़ी सभाएं करने जा रहे हैं. इसकी शुरुआत अगले सप्ताह मारवाड़ और शेखावाटी में होने वाले किसान सम्मेलनों से होगी. बीते शुक्रवार को खुद सचिन पायलट ने ट्वीट कर बताया कि वो 16 जनवरी से 20 जनवरी के बीच वो लोगों से रोजाना नागौर, हनुमानगढ़, झुंझुंनु, पाली और जयपुर में जनसंपर्क करेंगे और जनसभाएं करेंगे. यानि कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के लिए प्रदेश कांग्रेस की सियासत में लागू किया गया सन्नाटा अब दूर होगा.
जहां एक तरफ प्रदेश कांग्रेस हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू कर रही है. वहीं सचिन पायलट जनसंपर्क और किसान सम्मेलन शुरु करने वाले हैं. इन सम्मेलनों से प्रदेश की सियासत का गरमाना तय माना जा रहा है. बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की अदावत किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में किसान सम्मेलनों को पायलट खेमे के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है. वहीं बजट तैयारियों में व्यस्त चल रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इन किसान सम्मेलनों में भाग नहीं लेना भी तय ही माना जा रहा है.
राजस्थान की 15वीं विधानसभा के आखिरी बजट सत्र से पहले सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट नागौर जिले के परबतसर में 16 जनवरी से जनसम्पर्क और किसान सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है और यहीं से प्रदेश भर के लिए शक्ति प्रदर्शनों का आगाज होगा. परबतसर में होने वाले किसान सम्मेलन के आयोजन को लेकर कट्टर पायलट समर्थक परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया ने जानकारी देते हुए बताया युवाओं के चहेते सचिन पायलट 16 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्टेडियम परबतसर में किसान सम्मेलन में किसानों के बीच बातचीत करने के लिए आएंगे. इस आयोजन को लेकर विधायक रामनिवास ने अपने संबंधित अधिकारियों को और गांव के मौजूद लोगों को आयोजन को लेकर जिम्मेदारियां दी गांव के बूढ़े बुजुर्ग से भी इस आयोजन को लेकर चर्चा भी की.
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रामनिवास गावड़िया ने बताया सचिन पायलट 16 तारीख को परबतसर में युवाओं के बीच इसलिए आ रहे हैं क्योंकि उन्हें युवाओं से किसानों से वाद संवाद करना अच्छा लगता है. परबतसर विधानसभा की जनता काफी समय से अपने चहते नेता सचिन पायलट का इंतजार कर रही थी लेकिन सचिन पायलट को पार्टी हाईकमान द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए पहले हिमाचल प्रदेश के स्टार प्रचारक बनाकर उन्हें हिमाचल भेज दिया गया था वहां पर उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पूरी की उसके बाद अब राजस्थान में इस साल चुनाव भी है और वह लगातार किसान सम्मेलन करेंगे, जिसकी शुरुआत नागौर जिले के परबतसर से कर रहे हैं ताकि किसानों के बीच में जाकर उनकी समस्याओं को सुना जा सके.
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कुल मिलाकर सितंबर 2022 में राजस्थान कांग्रेस से उठा बवाल, दिल्ली तक अपनी ताकत का एहसास करा चुका था. सचिन पायलट गुट ने अपनी मंशा साफ जाहिर कर दी थी. बची कुछ कसर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दौसा में उमड़े पायलट समर्थकों के हुजूम और सचिन पायलट जिंदाबाद के नारों में पूरी कर दी. लेकिन अभी तक कांग्रेस आलाकमान की तरफ से न तो प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया और न ही बीते सितंबर में होने वाली विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने वाले सीएम गहलोत के तीनों करीबी नेताओं पर कारण बताओ नोटिस देने की औपचारिकता पूरी करने के अलावा और कोई एक्शन लिया गया. ऐसे में अब सचिन पायलट का पूरे प्रदेश में जनसभाएं कर अपनी सियासी ताकत को मजबूत करने के इस आगाज के आगामी आने वाले दिनों में होने वाले परिणामों पर सबकी निगाहें टिक गईं हैं.