Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी करने के मामले में पार्टी से निष्कासित पूर्व मंत्री डॉ. रोहिताश्व शर्मा ने अपने जन्मदिन के मौके पर शक्ति प्रदर्शन किया. मैडम राजे का कट्टर समर्थक माने जाने वाले रोहिताश्व शर्मा ने अपने क्षेत्र अलवर के बानसूर में जन्मदिन का जोरदार आयोजन किया. इस आयोजन में हजारों लोग मौजूद रहे. रोहिताश्व शर्मा ने जन सभा को संबोधित करते हुए बड़ा एलान किया और कहा- वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बनाकर ही चैन लूंगा. इस दौरान रोहिताश्व ने कहा कि, ‘अलवर जिले में भाजपा को मजबूत करने में मैंने अहम भूमिका निभाई, भाजपा में जिनका जनाधार नहीं है, उन नेताओं ने मुझे पार्टी से निकाला है.’
‘मेरा रथ तैयार, वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बनाकर ही लूंगा दम’- रोहिताश्व
पार्टी से बाहर निकाले जा चुके पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने भाजपा नेताओं पर जमकर हमला किया. रोहिताश्व ने कहा कि, ‘मेरा रथ तैयार हो चुका है, बारिश का दौर रुकने के बाद मैं प्रदेश के गांव-गांव जाकर लोगों से बात करूंगा और प्रदेश में वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए लोगों को प्रेरित करूंगा‘. पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा ने अपनी नेता वसुंधरा राजे के लिए बताया कि जन्मदिन के मौके पर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उनको फोन करके बधाई दी है. साथ ही उनको आगे बढ़ने उनकी मनोकामना पूरी करने की बात कही है.
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‘बेपैंदे के लोटों ने निष्कासित किया, जनता मेरे साथ है’
भाजपा से निष्कासित पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने प्रदेश भाजपा नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘जिन लोगों का कोई जनाधार नहीं है. बेपैंदे के लोगों ने मुझे पार्टी से निष्कासित किया है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है.’ शर्मा ने कहा कि कार्यक्रम में मौजूद लोगों की संख्या बता रही है कि मैं असली भाजपाई हूं. मुझे उन लोगों के निकालने से कोई फर्क नहीं पड़ता है‘. रोहिताश शर्मा ने कहा कि, ‘मैं किसी से नहीं डरता. जो नेता चाटुकारिता करके आगे बढ़े हैं, उनसे मुझे कोई डर नहीं है. मैं इन लोगों को जनाधार वाला नेता नहीं मानता हूं. जनाधार वाला नेता वो होता है जिसको जनता चुनती है, वह सिस्टम से आगे पहुंचता है’
‘किसानों की नहीं हो रही है सुनवाई’
किसान आंदोलन पर रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि, ‘देश में किसान आंदोलन कर रहा है, जबकि पंडित दीनदयाल ने कहा था कि देश का किसान समृद्ध रहना चाहिए. अगर किसान समृद्ध रहेगा तो देश समृद्ध रहेगा. लंबे समय से किसान धरना दे रहे हैं. लेकिन कोई भी उनकी सुनवाई करने वाला नहीं है’. प्रधानमंत्री मोदी के लिए रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि, ‘देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के समय बड़े-बड़े आश्वासन दिए थे. किसान की आय दोगुनी करने का वादा किया था. किसान को मजबूत करने का वादा किया था’.
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बीजेपी में असंतोष की आंच, राजे समर्थकों की व्यूह रचना!
इधर पूरे मामले पर नजर रखने वाले राजनीति के जानकारों का कहना है कि राजस्थान बीजेपी में अंसतोष की आंच तेज होती जा रही है. बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पर कतरने की कोशिश में लगा है तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सीएम प्रोजेक्ट करने की रणनीति में बदलवा की हैं. राजे इस रणनीति के तहत राष्ट्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाने की व्यूह रचना करने में लग गई हैं. तो इधर राष्ट्रीय नेतृत्व भी वसुंधरा को अप्रत्यक्ष रूप से चेतावनी दे रही है कि पार्टी से इतर जाकर कोई काम ना करें.
रोहिताश्व पर कार्रवाई राजे के वफादारों का था कड़ा संदेश!
हाल ही में बीजेपी ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और उनके वफादारों को एक कड़ा संदेश दिया है. पूर्व मंत्री और तीन बार विधायक रह चुके रोहिताश शर्मा को छह साल के लिए पार्टी से बाहर निकाल दिया गया. यह राजे के लिए एक चेतावनी थी कि पार्टी लाइन से अगर अलग चलेगी तो ऐसा ही कुछ उनके या अन्य समर्थकों के साथ भी किया जा सकता है. रोहिताश सार्वजनिक रूप से वसुंधरा को सीएम के लिए प्रोजेक्ट करने में लगे हुए थे. इतना ही नहीं वो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां की आलोचना भी कर रहे थे. जिसकी वजह से रोहिताश्व शर्मा को इसकी कीमत चुकाते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता देखना पड़ा.
वसुंधरा राजे के समर्थकों का गुप्त प्लान!
वसुंधरा राजे को जानने वाले सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का राजस्थान में दबदबा है वो इसे भली प्रकार जानती है. वो इतनी जल्दी हार मानने वालों में नहीं है. इसलिए वसुंधरा राष्ट्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिए व्यूह रचना में लग गई हैं. बताया जा रहा है कि राजे समर्थक प्रमुख नेता पूरे राजस्थान में दौरे करके माहौल बनाने में जुटेंगे. ये दौरा गुप्त तौर पर होगा. राजे के विश्वासपात्र नेता प्रदेश में गुप्त यात्रा करेंगे. इतना ही नहीं खुद पूर्व सीएम राजे भी अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए गुप्त यात्रा पर निकलेंगे.
राजे समर्थकों का जोश नहीं पड़ा है ठंडा
इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का वर्चस्व राजस्थान में कितना है इसके बारे में भवानी सिंह राजावत ने भी कहा था कि ‘राजस्थान में भाजपा राजे है और राजे भाजपा है.’ वहीं छाबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने भी कहा था कि राज्य में राजे के बगैर सरकार बनाना मुश्किल होगा. सिंघवी ने तो यहा तक कहा था कि राजे राजस्थान की ही नहीं बल्कि देश की बड़ी नेता हैं. प्रदेश में जितनी लोकप्रियता राजे की है, उतनी किसी दूसरे नेता की नहीं है. उनका कोई विकल्प नहीं है. वसुंधरा राजे को प्रदेश की 36 कौम का समान रूप से समर्थन प्राप्त है. वे किसी जाति विशेष या क्षेत्र विशेष की नेता नहीं हैं.
चुनाव 2023 में होने हैं. ऐसे में बीजेपी के पास भी बहुत वक्त है रणनीति बनाने में. राजे से साथ या राजे के बैगर वाली रणनीति बनेगी तो जरूर लेकिन उसका खुलासा अभी नहीं होगा.