पॉलिटॉक्स न्यूज/पटना. बिहार बजट सत्र 2020-21 के चौथे दिन विधानसभा में सरकार में कृषि मंत्री प्रेम कुमार के एक बयान पर राजद विधायक भड़क गए जिस पर जबरदस्त हंगामा होने लगा. हंगामे में कांग्रेस विधायकों ने राजद का साथ दिया. हंगामा इस कदर तेज हो गया कि कुछ विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. स्थिति संभलती न देख विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी को कुछ देर के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. हंगामे की वजह बीजेपी विधायक द्वारा राजद पर निशाना साधते हुए बिहार में लालटेन युग समाप्त वाली टिप्पणी थी.
दरअसल, विधानसभा में बजट पर बहस के दौरान सरकार में मंत्री व बीजेपी विधायक प्रेम कुमार ने राजद के 15 साल के शासन की ओर इशारा करते हुए कहा कि बिहार को लूटने वाले अब घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. अब बिहार में लालटेन युग खत्म हो गया है, बिहार में बिजली का राज आ गया है. हर गांव और खेत में बिजली पहुंच गई है. सिंचाई के लिए सुविधा दे रहे हैं. बिहार में अब लालटेन का जमाना गया. अब बिजली युग है. हम किसानों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करा रहे हैं.
मंत्री का बयान देना था और राजद के विधायकों ने सदन में हंगामा करना शुरु कर दिया. इस हंगामे को कांग्रेस विधायकों का भी समर्थन मिला. कुछ विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. बता दें, कांग्रेस और राजद महागठबंधन के तहत बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.
2021 की जनगणना जाति के आधार पर कराने की मांग, दूसरी बार प्रस्ताव पास
बिहार विधानसभा में गुरुवार को एक बार फिर जाति आधारित जनगणना कराने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया. इसमें केंद्र सरकार से मांग की गई कि 2021 की जनगणना जाति आधारित हो. जदयू-बीजेपी के साथ राजद और कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल इस मुद्दे पर सीएम नीतीश कुमार के साथ हैं. इससे पहले बिहार विधानसभा में 18 फरवरी, 2019 को भी 2021 में जाति आधारित जनगणना कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था. बता दें, 1931 के बाद देश में जाति आधारित जनगणना नहीं हुई. उस समय अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और धर्म के आधार पर जनगणना हुई थी.
नीतीश कुमार ने कहा कि इसी तर्ज पर 2021 में सभी जातियों की जनगणना होनी चाहिए. सीएम ने देश में आबादी के अनुरूप आरक्षण का प्रावधान करने की भी मांग की है. नीतीश कुमार का कहना है कि इसके आधार पर सरकार को विकास की दौड़ में पीछे रह गए तबके के लिए अलग से योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी. सीएम ने कहा कि यह पता चलने पर कि पिछड़ी जातियों में किस जाति के लोगों की संख्या कितनी है और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कैसी है, उनके लिए खास योजना बनाई जा सकती है.