Politalks.News/Rajasthan/ERCP. राजस्थान में इन दिनों विधानसभा चुनाव की तैयारियों की गूंज सुनाई देने लगी है. एक तरफ जहां प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी प्रदेश की कानून व्यवस्था एवं अन्य मुद्दों को लेकर अशोक गहलोत सरकार पर हमलावर है. तो वहीं कांग्रेस राजस्थान की बहुप्रतीक्षित ईस्टर्न कैनाल परियोजना को लेकर केंद्र सरकार एवं बीजेपी पर हमलावर है. अब प्रदेश के कई संगठन भी राजस्थान में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग को लेकर आगे आ रहे हैं. वहीं आज करोली में NSUI के कार्यकर्ताओं ने धौलपुर-करौली सांसद मनोज राजोरिया को घेर लिया. यहीं नहीं ERCP को लेकर NSUI कार्यकर्ता सांसद की गाड़ी पर चढ़कर नारे बाजी करने लगे. वहीं वहां मौजूद किसानों ने सांसद राजोरिया पर आरोप लगाया कि आप दो बार से सांसद हो आपने इस योजना को लेकर कब संसद में आवाज उठाई, उसका प्रूफ दिया जाए.
राजस्थान के उदयपुर में हुए कांग्रेस के नव संकल्प शिविर में आगमी विधनसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव में बीजेपी को घेरने को लेकर जो रणनीति बनाई गई थी वो अब धरातल पर नजर आने लगे ही. शिविर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एक संदेश निकलकर आया था कि जनहित से जुड़े मुद्दे ERCP को लेकर सांसदों का घेराव किया जाए और जनता को बताया जाए कि आखिर किस तरह बीजेपी के सांसदों ने राजस्थान के लिए कुछ नहीं किया. ऐसा ही एक घटनाक्रम करौली जिले में भी देखने को मिला जहां धौलपुर-करौली सांसद मनोज राजोरिया को NSUI कार्यकर्ताओं के साथ साथ किसानों का विरोध झेलना पड़ा. सोमवार को करौली जिले में राजस्थान किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम मीणा और एनएसयूआई करौली जिला अध्यक्ष राजेंद्र मीणा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसान नेता सांसद डॉ. मनोज राजोरिया का घेराव किया.
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यहीं नहीं कार्यकर्त्ता एवं किसान सांसद राजोरिया की गाड़ी पर चढ़ गए और नारेबाजी करने लगे. हाथों में तख्तियां लेकर ईआरसीपी को राष्ट्रीय दर्जा दिलाने में लापरवाही बरतने पर विरोध जताया. इस दौरान बीच बचाव करने आए सांसद के गनमैन से किसानों की झड़प भी हो गई. जिसके बाद खुद सांसद मनोज राजोरिया गाड़ी से बाहर निकले और अपने गनमैन को पीछे हटाया और विरोध कर रहे लोगों से बात करने की कोशिश की, लेकिन किसान सांसद की एक बात सुनने को राजी नहीं हुए. किसान नेताओं ने सांसद से कहा कि, ‘आप यह तख्ती हाथ में पकड़ो और बोलो यह मांग जायज है या नहीं. आपने दो बार सांसद रहते हुए पानी की समस्या के समाधान का कोई प्रयास नहीं किया. इस योजना को लेकर आपने कब संसद में आवाज उठाई, उसका प्रूफ दिया जाए.’
किसानों के इस हंगामे का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. दरअसल पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के किसान ईस्टर्न कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. जिसको लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच बयानबाजी भी सामने आ रही है. किसानों का कहना है कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिले के किसान पानी के संकट से काफी लंबे समय से जूझ रहे हैं. यदि इस कैनाल को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल कर लिया जाए तो 13 जिले के किसानों को पानी मिल सकेगा. इसे लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री एवं जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने जहां उचित तरीके से कागजात तैयार कर केंद्र को भेजने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे तो वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि हमारी तरफ से भेजे गए सभी कागजात अधिकारीयों के निर्देशन में बने है जिनमें कोई खामी नहीं है. वहीं सीएम गहलोत ने बीजेपी सांसदों पर पीएम मोदी के सामने डरने का आरोप भी लगाया था.