Politalks.News/Rajasthan. केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन को लेकर आज केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के सभी लोकसभा सांसदों के साथराजधानी जयपुर में एक बैठक की. होटल जयमहल पैलेस में हुई इस बैठक में जल जीवन मिशन से जुड़े केंद्र और राज्य के अधिकारी भी मौजूद रहे. बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि, ‘जल जीवन मिशन की गति राजस्थान में बेहद सुस्त है. ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर प्रदेश में सियासत तो खूब चल रही है, लेकिन आज तक राजस्थान का कोई मंत्री या अधिकारी इस प्रोजेक्ट को लेकर मेरे कार्यालय या विभाग भी नहीं आया.’ वहीं बैठक में कुछ देरी से शामिल हुए नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘ERCP परियोजना को अटकाने में केंद्र और राज्य दोनों ही दोषी हैं.’ बता दें किबइस बैठक में कई बीजेपी सांसद गैरमौजूद भी रहे जो कि चर्चा का विषय रहा.
आपको बता दें कि इस बैठक में शामिल होने के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार को ही प्रदेश के सभी 25 सांसदों को न्योता भेज दिया था. लेकिन बावजूद इसके गुरूवार को हुई इस बैठक में करीब 8 बीजेपी सांसद गैर मौजूद रहे. वहीं बुधवार को ही सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बैठक को लेकर बीजेपी सांसदों को सलाह दी थी कि, ‘सभी सांसद बैठक में ईआरसीपी प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट का दर्जा देने के संबंध में प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भी भेजें.’ सीएम गहलोत के इस बयान का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि, ‘प्रदेश सरकार ने ईआरसीपी को लेकर जो प्रोजेक्ट तैयार किया है, उसकी डीपीआर तक पास नहीं हो पाई है और प्रोजेक्ट भी नियमों के तहत नहीं है. ऐसे में केंद्र सरकार उसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा कैसे दे?.’
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बैठक के बाद ERCP परियोजना को लेकर पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि, ‘प्रदेश सरकार ने 50 फीसदी डिपेंडेंसी के आधार पर ही यह प्रोजेक्ट बना डाला, जबकि नियमों के तहत 75 फीसदी डिपेंडेंसी के आधार पर प्रोजेक्ट बनना था. ऐसे में मैं राज्य सरकार से ये आग्रह करना चाहूंगा कि वह 2,00000 हेक्टेयर सिंचाई के आधार पर ERCP प्रोजेक्ट का जो प्रपोजल दिया है, उसे वापस लेकर 75 फीसदी डिपेंडेंसी के आधार पर प्रोजेक्ट दें. हम विश्वास दिलाते हैं कि केंद्र सरकार अति शीघ्र पूरी सकारात्मकता से उस पर निर्णय करेगी.’ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शेखावत ने कहा कि, ‘ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर प्रदेश में सियासत तो खूब चल रही है, लेकिन आज तक राजस्थान का कोई मंत्री या अधिकारी इस प्रोजेक्ट को लेकर मेरे कार्यालय या विभाग भी नहीं आया.’
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि, ‘मैंने प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी से भी कहा है कि हम इस मामले में राजनीति न करें और बार-बार मीडिया में स्टेटमेंट देने से भी बचें. बल्कि इस प्रोजेक्ट के तकनीकी पहलुओं के समाधान के लिए अधिकारियों के साथ दिल्ली आएं और बैठकर वार्ता करें, ताकि उसके आधार पर इसका समाधान हो सके.’ शेखावत ने कहा कि, ‘जिस प्रकार का प्रोजेक्ट अभी राजस्थान सरकार ने बनाया है, उसमें संशोधन होना जरूरी है. क्योंकि हम उस प्रस्ताव के आधार पर राज्यो में व्यापक जल संबंधों की चुनौतियां खड़ी नहीं कर सकते.’
वहीं जल जीवन मिशन को लेकर चर्चा करते हुए शेखावत ने कहा कि, ‘जल जीवन मिशन के तहत पहले दिन से आज तक केंद्र राज्यों से सामंजस्य पर फोकस करता आ रहा है. इस अभियान में देश की संघीय व्यवस्था के अंतर्गत साझापन है. हर घर जल की सोच से किसी एक नेता, दल या राज्य को लाभ नहीं होना है, इससे भारत जल समृद्ध होगा. मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अनुरोध करता हूं कि इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं राजस्थान के भविष्य से जोड़कर देखें और मिशन के समय पर क्रियान्वयन को लक्षित करें. पिछले ढाई साल में जेजेएम के काम को देखा जाए तो राजस्थान इस मामले में 32 वें स्थान पर है जो गंभीर बात है.
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बैठक के बाद जलदाय मंत्री महेश जोशी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘जल जीवन मिशन के तहत आज हुई बैठक में हमने केंद्र से राजस्थान के पक्ष में 90:10 के अनुपात में अनुदान की मांग की. इससे गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में नल से जल पहुंचाने की मुहिम बेहतर तरीके से पूरी हो पाएगी. राजस्थान में हर घर नल कनेक्शन की लागत 72,000 रुपए आ रही है. जैसलमेर बाड़मेर में तो कुछ स्थानों पर दो लाख से अधिक की लागत आ रही है इस पर भी केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए. वर्षा जल के पुनर्भरण के संबंध में 247 गांव में 1497 कार्यों के प्रस्ताव एसएलएसएससी के पास भेजे गए हैं, उनकी जल्द स्वीकृति जल जीवन मिशन में जारी हो.’
वहीं बैठक में थोड़ी देरी से पहुंचे नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल ने ERCP परियोजना को लेकर कहा कि, ‘मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अनापत्ति के मामले में केंद्र को बात करके तत्काल समाधान निकालते हुए इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की जरूरत है. क्योंकि राष्ट्रीय महत्व का दर्जा देना केंद्र का विषय है. ERCP परियोजना को अटकाने में केंद्र और राज्य दोनों ही दोषी हैं.’ सांसद बेनीवाल ने बैठक में नहरी परियोजनाओ व जलदाय विभाग की अन्य परियोजनाओं के अंतर्गत पाइप लाईन डालने के लिए मुख्य सड़कों को तोड़ने से जुड़ा मुद्दा भी उठाया. वहीं जल जीवन मिशन के अंतर्गत सांसदों से बिना राय शुमारी के ही अधिकारीयों द्वारा परियोजनाओं बना देने से जुड़े मामले को लेकर भी बेनीवाल ने गहरी नाराजगी जताई.