कैप्टन को हटाने के बाद मेरे समर्थन में थे 42 विधायक, लेकिन हिंदू होना हो गया मेरा गुनाह- सुनील जाखड़

'मैं अपनी पूरी जिंदगी में सियासी जीवन और व्यक्तिगत संबंधों दोनों को एकदूसरे से बिलकुल अलग रखा, पीएम मोदी समेत मेरे दूसरे राजनीतिक विरोधियों के साथ हैं अच्छे व्यक्तिगत संबंध, 52 वर्षों के बाद भी मैं अपनी पार्टी को नहीं समझा पाया या पार्टी नहीं समझ सकी तो हम दोनों में ही होगा कोई नुक्स- जाखड़'

हिंदू होना हो गया मेरा गुनाह- सुनील जाखड़
हिंदू होना हो गया मेरा गुनाह- सुनील जाखड़

Politalks.News/SunilJakhar. छोटी सोच के नेता ऊंची कुर्सी पर बैठकर कांग्रेस की सेक्युलर विचारधारा को तोड़ रहे थे, जिसके बारे में कांग्रेस को सचेत किया था, मुझे कांग्रेस में चापलूसी और जी हुजूरी करने वाले नेताओं से ऐतराज है क्योंकि वह पार्टी को गुमराह करते हैं…. ये बयान है पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ का. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद से ही आलकमान एक्शन में है. हाल ही में कांग्रेस आलाकमान ने कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ और KV थॉमस को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते से 2 साल के लिए निष्काषित कर दिया है. कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले के खिलाफ अब सुनील जाखड़ खुल कर सामने आ गए हैं. सक्रीय राजनीति से दुरी बना चुके सुनील जाखड़ ने कहा कि, ‘अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलने का वक़्त चला गया है.’

कांग्रेस ने मंगलवार को पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ और केरल के नेता के वी थॉमस को पार्टी के सभी पदों से हटाने का फैसला किया और पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए मेघालय में अपने पांच विधायकों को भी निलंबित कर दिया. कांग्रेस अनुशासन समिति ने जाखड़ के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की और शुरू में उन्हें दो साल के लिए निलंबित करने का निर्णय लिया गया लेकिन बाद में पार्टी में उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए अपने फैसले में नरमी बरतते हुए पार्टी के पदों से हटा दिया गया. आलाकमान के इस एक्शन के पहले और बाद में दोनों वक़्त सुनील जाखड़ एक अलग ही अंदाज में दिखे.

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अपने खिलाफ फैसला आने से पहले सुनील जाखड़ ने आलाकमान को साफ संदेश देते हुए ट्वीट किया था कि, ‘जिनके पास अभी भी जमीर है, उन्हें दंडित किया जाएगा.’ सुनील जाखड़ ने अपने इस ट्वीट के बाद गुड़ लक भी लिखा. वहीं पार्टी द्वारा लिए गए एक्शन के बाद अब सुनील जाखड़ खुलकर आलाकमान के सामने आ गए है. गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए सुनील जाखड़ ने कहा कि, ‘मैं अपनी पूरी जिंदगी में सियासी जीवन और व्यक्तिगत संबंधों दोनों को एकदूसरे से बिलकुल अलग रखा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत मेरे दूसरे राजनीतिक विरोधियों के साथ मेरे अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं. इसके साथ ही मैंने अपने राजनीतिक करियर में हमेशा सिद्धांतों की लड़ाई लड़ी और मैं इसे आगे भी जारी रखूंगा.’

सुनील जाखड़ ने आगे कहा कि, ‘मैंने पत्र लिखकर कांग्रेस हाईकमान को धमकाने वालों के प्रति आगाह किया था, यह अनुशासनहीनता नहीं है. छोटी सोच के नेता ऊंची कुर्सी पर बैठकर कांग्रेस की सेक्युलर विचारधारा को तोड़ रहे थे, जिसके बारे में कांग्रेस को सचेत किय था. लेकिन आलाकमान ना जाने किस सोच में था. मुझे कांग्रेस में चापलूसी और जी हुजूरी करने वाले नेताओं से ऐतराज है क्योंकि वह पार्टी को गुमराह करते हैं. जो ऐसे लोगों की बातों को तरजीह देते हैं, मुझे उनसे भी नाराजगी है. 52 वर्षों के बाद भी मैं अपनी पार्टी को नहीं समझा पाया या पार्टी नहीं समझ सकी तो हम दोनों में ही कोई नुक्स होगा.’

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वहीं पंजाब का मुख्यमंत्री ना बनाये जाने से जुड़े सवाल पर सुनील जाखड़ ने कहा कि, ‘कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद विधायकों की राय ली गई. मेरे समर्थन में 42 विधायक थे लेकिन मुझे सिर्फ इसलिए नजरअंदाज किया गया कि मैं हिंदू हूं? क्या यह मेरा कसूर है. मुझे हिंदू होने और उससे ज्यादा गर्व इस बात पर है कि मैं पंजाबी हूं. मुझे किसी पद की लालसा नहीं लेकिन ऐसे पेश किया गया जैसे हिंदू होना मेरा गुनाह हो गया हो.’ वहीं जब सुनील जाखड़ से बीजेपी में शामिल होने से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘थोड़ा सब्र कीजिये वक़्त कहां दौड़ा जा रहा है.’ वहीं पार्टी एक्शन के बाद कांग्रेस आलाकमान से मिलने से जुड़े सवाल पर जाखड़ ने कहा कि, ‘अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी को मिलने का वक्त चला गया है. नोटिस भेजकर आलाकमान ने मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई थी मेरे जमीर को ललकारा गया था जो किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है.

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