Politalks.News/Uttrapradesh. उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) में 7 मार्च को अंतिम चरण का मतदान होना है. लेकिन इससे पहले ही लखनऊ से बड़ी खबर निकल कर आ रही है. लखनऊ में 44 महीने से खाली पड़े अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और मुलायम सिंह यादव (Mulayam Sing Yadav) के पुराने बंगलों के साफ सफाई और रंग रोगन का काम शुरू किया गया है. जबकि मायावती के पूर्व में आवंटित 13 ए मॉल एवेन्यू में ऐसी कोई हलचल नहीं है. बंगलों के बाहर और अंदर मरम्मत और साफ सफाई का काम जारी है. जैसे ही अफसरे हरकत में आए तो सियासी गलियारों में चर्चा का दौर शुरू हो गया कि चुनाव के बीच ऐसा क्यों किया जा रहा है? सियासी जानकार इसे बदलाव के संकेत बता रहे हैं.
इसी बंगले की वजह से अखिलेश पर लगा था टोंटी चोरी का आरोप
आपको बता दें कि यह वहीं बंगला है जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर टोंटी चोरी का आरोप लगा. जिस बंगले को लेकर मुलायम सिंह सीएम योगी से मिलने उनके दफ्तर पहुंचे थे. उनसे गुहार तक लगाई थी. जिस बंगले को खाली कराने को लेकर खूब सियासत हुई. साढ़े तीन साल बाद एक बार फिर उसी बंगले ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है, विक्रमादित्य मार्ग पर अखिलेश और मुलायम के बंगले की साफ-सफाई और मरम्मत का काम शुरू हो गया है.
यह भी पढ़ें- अब पछताए होत क्या जब सांड चर गए वोट, BJP आई तो 200 में बिकेगा पेट्रोल- अखिलेश के निशाने पर भाजपा
बदलाव के संकेत में देख रहे हैं सियासी जानकार!
चुनाव के नतीजों से पहले 3 साल 8 महीने से बंद पड़े दोनों बंगलों की मरम्मत और साफ सफाई यूपी सरकार का संपत्ति विभाग करवा रहा है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि राज्य संपत्ति विभाग का प्रभार सीएम योगी के एसीएस के पास ही है. अब सत्ता के गलियारों में इन घटनाक्रम को बदलाव के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.
चमकाया जा रहा है अखिलेश और मुलायम के बंगलों को!
लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 4 और 5 पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश और मुलायम सिंह को आवंटित किए गए थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जून 2018 में इन्हें खाली करवा लिया गया. 3 साल 8 महीने से ये किसी को भी आवंटित नहीं किए गए. इससे यहां हर तरफ झाड़ियां उग आईं थीं. अब राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों ने गेट बाहर से बंद कराकर अंदर ही अंदर मरम्मत और साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया है. सूत्रों की माने 5 नंबर बंगले की दीवारों और छतों पर प्लास्टर के साथ फिटिंग भी बदली जा रही है. एंटी-टरमाइट (दीमकरोधी) ट्रीटमेंट हो रहा है, शीशे बदले गए हैं. भीतर दो बार सफाई हो चुकी है. निगम के ट्रकों को कचरा लेकर चुपके से बाहर निकाला जा रहा है.
यह भी पढ़े: मर जाऊंगा, लेकिन झूठ नहीं बोलूंगा की आपके अकाउंट में डालूंगा 15 लाख- राहुल का मोदी पर निशाना
अखिलेश के बंगले को लेकर खूब हुई थी सियासत
सीएम रहते हुए अखिलेश यादव के लिए लखनऊ के पॉश एरिया विक्रमादित्य मार्ग स्थित 60,000 वर्ग फुट का आलीशान बंगला तैयार कराया गया. अखिलेश अपने पिता का घर छोड़ इस बंगले में अपने परिवार के साथ शिफ्ट भी हो गए थे. सूबे में सरकार बदली तो कानून भी बदल गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के आधा दर्जन पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगले खाली कराए गए. इसमें पूर्व सीएम अखिलेश और मुलायम सिंह ये बंगला भी शामिल था. मुलायम सिंह ने सीएम से मिलकर वक्त भी मांगा, लेकिन मिला नहीं था. इसके बाद दोनों ने बंगला खाली कर दिया था. हालांकि बंगला खाली करते वक्त हुई तोड़-फोड़ को लेकर भाजपा ने अखिलेश यादव को खूब घेरा और उन्हें टोंटी चोर तक कहा था.
‘समाजवादी’ पार्कों की भी साफ-सफाई हुई शुरू
अखिलेश का बंगला ही नहीं समाजवादी पार्टी सरकार में बने पार्कों की साफ-सफाई का काम भी शुरू हो चुका है. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने भी जनेश्वर मिश्र पार्क, लोहिया पार्क, रिवर फ्रंट की साफ-सफाई, पौधों व घास के मैदानों को हरा-भरा करने के लिए सिंचाई शुरू कर दी है. इन्हें सपा सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता था. ऐसी तेजी बसपा सरकार में बने स्मारकों व पार्कों पर नहीं है. यहां तक कि भाजपा सरकार में बने दीनदयाल स्मृति के रखरखाव की भी कोई विशेष पहल नहीं की गई है.