ऑपरेशन गंगा पर BJP में श्रेय लेने की होड़ तो छात्र की मौत पर भड़के राहुल, सिन्हा ने दिलाई 1990 की याद

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों पर संकट भारी, ऑपरेशन गंगा जारी भाजपा के नेता पहुंच रहे एयरपोर्ट, दूसरी तरफ छात्र विषम परिस्थितियों में पैदल चल पहुंच रहे रोमानिया और पोलेंड की बोर्डर, रेस्क्यू की सुस्त रफ्तार पर भड़का विपक्ष, राहुल ने रूसी हमले में छात्र की मौत पर जताया दुख, तो कुवैत की याद दिलाकर मोदी सरकार पर बरसे यशवंत सिन्हा, बोले- 'गुजराल ने 1.7 लाख को निकाला था, और आप...'

राहुल बोले- हर मिनट है कीमती
राहुल बोले- हर मिनट है कीमती

Politalks.News/RussiaUkraineWar. यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान (RussiaUkraineWar) और यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सकुशल घर वापसी को लेकर सियासत गरमाने लगी है. एक और जहां भाजपा नेताओं में ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत भारत लौट रहे छात्रों के साथ फोटो खिंचवाने की होड़ मची हुई है तो वहीं विपक्षी कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने में धीमी प्रगति का आरोप लगाते हुए केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) पर जमकर हमला बोला है. यूक्रेन पर रूसी हमला तेज हो रहा है और वहीं अभी भी हजारों की संख्या में भारतीय फंसे हुए हैं. ऐसे में एक ओर जहां कांग्रेस के राहुल गांधी (Rahul Gandhi ) ने मोदी सरकार पर ‘प्रभावी कदम नहीं उठाने‘ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “एक्शन से गायब” होने का आरोप लगाया, तो वहीं तृणमूल कांग्रेस के नेता यशवंत सिन्हा ने याद दिलाया कि, ‘कैसे भारत ने 1990 में गल्फ वॉर के दौरान सफलतापूर्वक एक बड़ी संख्या में भारतीयों को निकाला था’. वहीं छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल ने भी मोदी सरकार को घेरा है तो खुद भाजपा के सांसद वरुण गांधी भी केंद्र सरकार की सुस्ती पर तंज कस चुके हैं. आपको बता दें सियासत अपनी जगह है, उधर यूक्रेन में आज ही एक भारतीय छात्र की रूसी हमले में मौत हो चुकी है.

राहुल बोले- हर मिनट है कीमती
राहुल गांधी ने यूक्रेन में भारतीय छात्र की मौत पर दुख जताया है. राहुल गांधी ने कहा कि, ‘एक भारतीय छात्र नवीन की यूक्रेन में जान गंवाने की दुखद खबर मिली, उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना, मैं दोहराता हूं, भारत सरकार को सुरक्षित निकासी के लिए एक रणनीतिक योजना की आवश्यकता है. हर मिनट कीमती है’ यूक्रेन में फंसे छात्रों की दुर्दशा को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इससे पहले एक वीडियो शेयर कर लिखा था कि, ‘इस तरह की हिंसा झेल रहे भारतीय छात्रों और इस वीडियो को देखने वाले उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना है. किसी भी अभिभावक को इससे नहीं गुजरना चाहिए. भारत सरकार को तत्काल विस्तृत निकासी योजना को फंसे हुए लोगों के साथ-साथ उनके परिवारों के साथ साझा करना चाहिए. हम अपनों को नहीं छोड़ सकते’.

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सिन्हा बोले- कुवैत से 1,70,000 लोगों को किया था एयरलिफ्ट

TMC के नेता और पूर्व भाजपाई यशवंत सिन्हा ने कहा कि, ‘यूक्रेन में फंसे छात्रों की अनुमानित संख्या केवल 18,000 के आसपास ही थी’. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में विदेश मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने कहा कि, ‘यह अतीत में भारत द्वारा किए गए एयरलिफ्ट की तुलना में बहुत बड़ी संख्या नहीं है’. सिन्हा ने कहा कि, ‘भारत ने अगस्त और अक्टूबर 1990 के बीच कुवैत से 1,70,000 लोगों को निकाला था. पूरे प्रयास की निगरानी पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल ने की थी, जो उस समय विदेश मंत्री थे’.

‘…किसी बड़ी त्रासदी से कम नहीं’

टीएमसी नेता ने सिन्हा ने कहा कि, ‘यूपी में अभी भी चुनाव हो रहे हैं और इस अवसर का उपयोग यह प्रचार करने के लिए करना कि भारत सरकार ने शानदार काम किया है…किसी बड़ी त्रासदी से कम नहीं है, यूपी में चुनावी रैलियों में पीएम का इस बारे में बात करना बहुत अच्छी बात नहीं है. यह तो सरकार का कर्तव्य है. सरकार जानती थी कि संकट आ रहा था. जब यूक्रेन का हवाई क्षेत्र खुला था. तो वापस आने के इच्छुक लोगों को वापस लाने के लिए समय पर कदम उठाना चाहिए था. हवाई क्षेत्र बंद होने के बाद भी, यूक्रेन में हमारे दूतावास को छात्रों को बस या जो भी परिवहन उपलब्ध हो, पड़ोसी देशों के लिए जल्द से जल्द छोड़ने की व्यवस्था करनी चाहिए थी. सरकार को एक आकस्मिक योजना के लिए तैयार होना चाहिए था. अब सरकार ने चार मंत्रियों को यूक्रेन की सीमा से लगे देशों में भेज दिया है, यह पहले किया जाना चाहिए था’.

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यूक्रेन में बड़े संकट में हैं भारतीय छात्र

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर ऐसी खबरें आई हैं कि भारतीय छात्रों को रोमानिया और पोलैंड की सीमाओं पर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. छात्रों ने दावा किया कि उनमें से कई को पीटा गया और जब वे मीलों की यात्रा करने के बाद सीमा पर पहुंचे, तो कड़ाके की ठंड में मुसीबत झेलनी पड़ी. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेता कमाल कर रहे हैं. यूक्रेन में अब भी 15 हजार से ज्यादा छात्र फंसे हैं और जो थोड़े से छात्र व नागरिक वहां से लौटें उसका श्रेय प्रधानमंत्री से लेकर सारे केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मंत्री भी लेने लगे हैं. केंद्र सरकार के समय से फैसला नहीं करने की वजह से छात्र पोलैंड की सीमा पर धक्के खा रहे हैं तो माइनस चार डिग्री में पैदल चल कर हंगरी और रोमानिया की सीमा पर पहुंच रहे हैं. कहीं पोलैंड के सैनिक उनको पीट रहे हैं तो कहीं यूक्रेन के सैनिक मार रहे हैं. छात्रों के पास पैसे नहीं हैं और खाने को नहीं मिल रहा है. लेकिन भाजपा के नेता श्रेय लेने में जुट गए हैं

भाजपा में श्रेय लेने की होड़

यूक्रेन से रोमानिया के रास्ते निकाले गए छात्रों को लेकर पहला विमान जब मुंबई पहुंचा तो केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल विमान में घुस गए. गोयल ने छात्रों के उतरने और सीढ़ियों के पास उनको रिसीव करने का इंतजार नहीं किया. विमान के अंदर घुस कर उनका स्वागत किया और उनकी वापसी का श्रेय लिया. इसी तरह छात्रों को लेकर पहला विमान जब दिल्ली पहुंचा तो विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी विमान में घुस गए. बिहार में उप मुख्यमंत्री और एक कैबिनेट मंत्री फूल लेकर बच्चों का स्वागत करने हवाईअड्डे पर पहुंच गए. सियासी गलियारों में चर्चा है कि एक तरफ बच्चे वीडियो बना कर अपनी दुर्दशा बयान कर रहे हैं तो दूसरी ओर भारत सरकार के मंत्री और भाजपा के नेता इस मुद्दे पर भी वोट की राजनीति कर रहे हैं.

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